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Pad Rash: पीर‍ियड्स में सेनेटरी पैड से हो जाते हैं रैशेज? जानें क्‍या गलति‍यां कर रही हैं आप  

Sanitary Pad Rash: क्‍या आपको भी प‍ीर‍ियड्स में सेनेटरी पैड से रैशेज हो जाते हैं? अगर हां, तो इसका कारण हाइजीन और गलत आदतें हो सकती हैं।   
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Pad Rash: पीर‍ियड्स में सेनेटरी पैड से हो जाते हैं रैशेज? जानें क्‍या गलति‍यां कर रही हैं आप  


Sanitary Pad Rash: पीर‍ियड्स में मह‍िलाओं को कई तरह की समस्‍याएं होती हैं। ऐसी ही एक समस्‍या है सेनेटरी पैड से होने वाले रैशेज। पीर‍ियड्स में ब्‍लीड‍िंग को एब्‍सॉर्ब करने के ल‍िए सेनेटरी पैड्स का प्रयोग क‍िया जाता है। यह मह‍िलाओं को गंदे कपड़े के इस्‍तेमाल से होने वाले संक्रमण से बचाता है। लेक‍िन कई बार गलत तरीके से सेनेटरी पैड को इस्‍तेमाल करने के कारण मह‍िलाओं को स्‍क‍िन में रैशेज हो जाते हैं। यह रैशेज ह‍िप्‍स, वजाइनल एर‍िया या जांघ जैसे ह‍िस्‍सों में हो सकते हैं। रैशेज होने पर छोटे-छोटे दाने न‍िकल आते हैं, रेडनेस रहती है और दर्द महसूस होता है। पीर‍ियड्स में लापरवाही या गलत‍ियों के कारण सेनेटरी पैड से रैशेज हो जाते हैं। इस लेख में जानेंगे वे गलत‍ियां जो पैड रैशेज के ल‍िए ज‍िम्‍मेदार हैं। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्‍पताल की गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।

pad rash treatment

1. लंबे समय के बाद पैड बदलना- Not Changing Sanitary Pad Often  

कई मह‍िलाएं पीर‍ियड्स में एक ही पैड के सहारे कई घंटे गुजार देती हैं। इससे रैशेज होने लगते हैं। एक बार अगर पैड फुल हो गया यानी भर गया, तो उसे तुरंत बदल दें। सेनेटरी पैड देर से बदलेंगी, तो त्‍वचा में रैशेज होने की संभावना ज्‍यादा होगी। हर 3 से 4 घंटे में पैड बदल देना चाह‍िए। अगर फ्लो कम है, तो पैड को 4 से 5 घंटे के बाद बदल सकती हैं।      

2. ज्‍यादा खुशबू वाले पैड्स का इस्‍तेमाल करना- Using Pads With Fragrance  

पैड खरीदने से पहले गौर करें क‍ि उसमें ज्‍यादा खुशबू न हो। कुछ पैड्स में खुशबू के ल‍िए अत‍िर‍िक्‍त केमि‍कल्‍स म‍िलाएं जाते हैं। इससे त्‍वचा में एलर्जी हो सकती है और रैशेज नजर आ सकते हैं। पैड्स खरीदने से पहले उसके पीछे ल‍िखे इंग्रीड‍िएंट्स चेक करें। पैड्स में खुशबू इसल‍िए म‍िलाई जाती है ताक‍ि पीर‍ियड्स के ब्‍लड से बदबू न आए। पैड्स में खुशबू के ल‍िए अलग से परफ्यूम डालने से भी बचना चाह‍िए।  

3. ज्‍यादा पसीना न‍िकलने से हो सकते हैं रैशेज- Over Sweating Cause Rashes 

गर्मी में पसीना ज्‍यादा न‍िकलता है। ज‍िन मह‍िलाओं को ज्‍यादा पसीना आता है, उन्‍हें वजाइनल एर‍िया में रैशेज हो सकते हैं। खासकर पीर‍ियड्स के दौरान। पीर‍ियड्स का ब्‍लड और पसीना जब म‍िलता है, तो रैशेज और स्‍क‍िन इन्‍फेक्‍शन का कारण बन जाता है। इसल‍िए पीर‍ियड्स में त्‍वचा को ज्‍यादा से ज्‍यादा ड्राई रखने का प्रयास करें। धूप से बचें और ठंडी जगह पर रहें। पर्याप्‍त मात्रा में पानी का सेवन करती रहें।        

4. खराब क्‍वॉल‍िटी वाला सेनेटरी पैड इस्‍तेमाल करना- Using Bad Quality Sanitary Pad 

सेनेटरी पैड खरीदने जा रही हैं, तो एक बात का खास ख्‍याल रखें क‍ि वह अच्‍छी ब्रांड या कंपनी का होना चाह‍िए। लोकल ब्रांड का पैड खरीदने से बचना चाह‍िए। हालांक‍ि पीर‍ियड्स में सस्‍ता हो या महंगा, पैड का इस्‍तेमाल जरूर करना चाह‍िए। लेक‍िन हो सके, तो अच्‍छी ब्रांड का पैड लें। पैड्स में एब्‍सॉर्बेंट जेल, वुड सेल्‍यूलोज और  एब्‍सॉर्बेंट फोम मौजूद होता है।

इसे भी पढ़ें- पीरियड्स के दौरान रैशेज से हैं परेशान? इन 8 घरेलू उपायों से करें इसका इलाज

5. हाइजीन का ख्‍याल न रखना- Avoiding Periods Hygiene  

पीर‍ियड्स में हाइजीन का ख्‍याल न रखने के कारण भी रैशेज हो जाते हैं। अगर आप शरीर को साफ नहीं रखेंगी, तो चाहे ज‍ितनी भी अच्‍छी क्‍वॉल‍िटी का पैड खरीद लें, तब भी रैशेज हो जाएंगे। रैशेज से बचने के ल‍िए पीर‍ियड्स में रोज स्नान लें। अंडरव‍ियर को द‍िन में कम से कम 1 बार तो जरूर बदलें।   

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