Risk of Chikungunya Increases in Monsoon: हर साल मानसून की शुरुआत होते ही कई सारी बीमारियां भी साथ में आ जाती हैं। चिकनगुनिया, डेंगू और बुखार जैसी बीमारियां मानसून में ही फैलती हैं। मानसून में ही अक्सर चिकनगुनिया के मामले बढ़ते हैं, लेकिन यह एक मौसमी बुखार लगता है। जिसके लक्षणों को शुरूआत में लोग नजरअंदाज कर देते हैं और इसका सही इलाज नहीं हो पाता। इसलिए इस बीमारी को समय रहते समझना और इलाज कराना बहुत जरूरी है। हमने इस विषय पर बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड अस्पताल की इंटरनल मेडिसिन डॉ. सुचिस्मिता राजमान्या (Dr. Suchismitha Rajamanya, Lead Consultant & HOD - Internal Medicine, Aster Whitefield Hospital) से विस्तार में बात की। आइए जानते हैं कि मानसून आते ही क्यों बढ़ जाता है चिकनगुनिया का खतरा, इसके लक्षण और बचाव के तरीके क्या हैं।
मानसून आते ही क्यों बढ़ जाता है चिकनगुनिया का खतरा-Why does the risk of Chikungunya increase in monsoon?
चिकनगुनिया, चिकनगुनिया वायरस (CHIKV) के कारण होता है। यह वायरल बीमारी है, जो एडीज मच्छरों के काटने से होती है। बता दें कि ये मच्छर रखे हुए पानी में पनपते हैं और दिन के समय सबसे ज्यादा सक्रिय होते हैं, और यह बात अक्सर लोगों को पता नहीं होती। मानसून की बारिश की वजह से खुले नालों, पौधों के गमलों, बेकार पड़े डिब्बों और छतों पर जलभराव और जमाव हो जाता है। इन जगहों पर मच्छर पनपने लग जाते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि एडीज मच्छरों की आबादी तेजी से बढ़ जाती है, जिससे वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है। कई जगहों पर सड़कों पर पानी भरा होता है और वहां जल निकास का कोई समाधान नहीं होता, जिस कारण मच्छर पनपने लग जाते हैं और इन्हीं मच्छरों के काटने से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
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चिकनगुनिया के लक्षण-Symptoms of Chikungunya
बता दें कि चिकनगुनिया वायरस आमतौर पर 2 से 12 दिनों तक रहता है और इसके लक्षण अचानक दिखाई देते हैं। इसको कैसे पहचानें? तो आइए जानते हैं। हालांकि, आपको बता दें कि चिकनगुनिया से जीवन को खतरा नहीं होता, लेकिन जोड़ों का दर्द काफी तेज होता है और आपको परेशानी होती है। यह दर्द कई सप्ताह या महीनों तक बना रह सकता है, खासतौर से बुजुर्गों में और गठिया रोग से पीड़ित लोगों में।
- बहुत तेज बुखार
- गंभीर जोड़ों का दर्द (अक्सर कलाई, टखने, उंगलियों और घुटनों में)
- थकान
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- स्किन रैशेज
- कभी-कभी, मतली और उल्टी

चिकनगुनिया का इलाज क्या है-What is the treatment for Chikungunya?
चिकनगुनिया के ये लक्षण दिखने पर आप डॉक्टरी मदद लें। वैसे तो इस बीमारी का कोई एंटीवायरल इलाज मौजूद नहीं है, इसलिए कुछ बातों पर ध्यान दें।
- भरपूर पानी पिएं
- आराम करें
- पैरासिटामोल या सूजनरोधी दवाओं का उपयोग (डॉक्टर की सलाह पर)
- रक्तस्राव के जोखिम को कम करने के लिए एस्पिरिन से परहेज
- कई लोगों को लंबे समय से दर्द की समस्या होती है और जोड़ों में सूजन बनी रहती है। ऐसे में रुमेटोलॉजिस्ट की सलाह लें।
घरेलू स्तर पर इन बातों का रखें ध्यान-Keep these things in mind at home
चिकनगुनिया वायरल से बचने के लिए मच्छर को अपने घर में पनपने नहीं देना है, क्योंकि मच्छर से कई बीमारियां फैलती हैं। इन चीजों को अपनाएं।
- घर के अंदर और आसपास जमा पानी को हटा दें।
- फूलों के फूलदान, एयर कूलर, पक्षी स्नानघर और पानी रखने के बर्तनों को नियमित रूप से साफ करें और सुखाएं।
- मच्छर भगाने वाली दवाओं और खिड़की पर जाली का प्रयोग करें।
- पूरी बाजू के कपड़े पहनें, खासतौर पर सुबह और दोपहर के समय।
- शिशुओं और बुजुर्गों के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।
डॉक्टर की सलाह कब लें-When to consult a doctor?
अगर आपको हल्का दर्द या बुखार है, तो आप घर पर ही इसका निदान कर सकते हैं, लेकिन अगर ये गंभीर हो जाए, तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी हो जाता है। बता दें कि अगर आपको बहुत तेज बुखार के साथ जोड़ों में दर्द या सूजन भी है, खासकर मानसून के मौसम में, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें। किसी चिकित्सक या संक्रामक रोग विशेषज्ञ से मिलें और समय पर अपना इलाज कराएं।
निष्कर्ष
मानसून में अक्सर चिकनगुनिया का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि इस मौसम में मच्छरों का प्रकोप भी बहुत बढ़ जाता है। ऐसे में मच्छरों के काटने से बचने के लिए कुछ उपाय करने चाहिए ताकि मानसून में इस तरह की बीमारियों से बचा जा सके। सतर्क रहना जरूरी है, लक्षणों को जल्दी पहचानें और डॉक्टर की सलाह लें।
FAQ
चिकनगुनिया से बचने के लिए क्या करें?
चिकनगुनिया एडीज मच्छरों के काटने से होता है, इसलिए जरूरी है कि मच्छरों से बचाव किया जाए। इसलिए जरूरी है कि घर के अंदर और आसपास जमा पानी को हटा दें। इसके अलावा गमले, एयर कूलर, और पानी रखने के बर्तनों को नियमित रूप से साफ करें और सुखाएं।चिकनगुनिया में सबसे ज्यादा दर्द कहां होता है?
चिकनगुनिया में सबसे ज्यादा घुटनों में होता है और चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है।चिकनगुनिया के 3 लक्षण क्या हैं?
चिकनगुनिया के 3 लक्षणों में अचानक बहुत बुखार आना, जोड़ों में दर्द होना और थकान आदि शामिल हैं। ये सब लक्षण नजर आएं, तो इन्हें बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।