आलस, मोटापा और शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण लोगों को मांसपेशियों में दर्द की समस्या बनी रहती है। मसल्स पेन या मांसपेशियों में दर्द की समस्या लगभग हर व्यक्ति को किसी न किसी समय अनुभव हुआ होता है। अधिकतर मामलों में यह दर्द अत्यधिक शारीरिक परिश्रम, व्यायाम, झटका लगने, या गलत पोश्चर में बैठने के कारण होता है। लेकिन अगर मसल्स पेन लगातार बना रहता है, वो भी बिना किसी स्पष्ट कारण या शरीर के कई हिस्सों में एक साथ हो रहा हो, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। इस लेख में यशोदा अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर एपी सिंह से जानते हैं कि कौन-सी बीमारियां में व्यक्ति को मसल्स पेन हो सकता है और इसके लक्षण, कारण और उपचार के बारे में भी विस्तार से चर्चा करेंगे।
मसल्स पेन की वजह हो सकती हैं ये 5 बीमारियां - Disease Caused Due To Muscle Pain In Hindi
हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism)
यह समस्या थायरॉइड ग्रंथि से जुड़ी स्थिति है, इसमें शरीर पर्याप्त मात्रा में थायरॉइड हार्मोन नहीं बना पाता। यह मेटाबोलिज्म को धीमा कर देता है और शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित करता है। इस स्थिति में व्यक्ति को थकान और ठंड लगना, मांसपेशियों में जकड़न और दर्द, वजन बढ़ना, स्किन में ड्राईनेस, बालों का झड़ना आदि समस्या हो सकती है। दरअसल थायरॉइड हार्मोन की कमी के कारण मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन हो सकती है।
ऑटोइम्यून रोग (ल्यूपस - Lupus)
ल्यूपस एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम गलती से खुद की ही कोशिकाओं और अंगों को नुकसान पहुंचाने लगती है। इसमें व्यक्ति को जोड़ों और मसल्स में दर्द, बुखार और थकान, त्वचा पर चकत्ते बनना, बाल झड़ना और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। इस रोग में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मांसपेशियों और टिशूज पर नुकसान पहुंचाने लगती है, जिससे सूजन और दर्द होता है।
फाइब्रोमायल्जिया (Fibromyalgia)
फाइब्रोमायल्जिया एक क्रॉनिक रोग है जिसमें पूरे शरीर की मांसपेशियों, जोड़ों और टिशूज में दर्द बना रहता है। यह दर्द अक्सर थकान, नींद में कठिनाई और मूड में बदलाव के साथ आता है। इसमें व्यक्ति को पूरे शरीर में लगातार दर्द, थकान और कमजोरी, एकाग्रता में दिक्कत ("फाइब्रो फॉग"), नींद की कमी या नींद ठीक तरह से न आने की परेशानी होती है। यह बीमारी शरीर के दर्द की संवेदना को बढ़ा देती है, जिससे सामान्य गतिविधियों से भी अत्यधिक मसल्स पेन हो सकता है।
वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण
कुछ वायरल (जैसे फ्लू, डेंगू, चिकनगुनिया) और बैक्टीरियल संक्रमणों में शरीर में तेज बुखार के साथ मांसपेशियों में गंभीर दर्द होता है। इस स्थिति में व्यक्ति को बुखार, थकान, शरीर में ऐंठन या कंपकंपी, मसल्स में भारीपन या दर्द होने लगता है। इसमें संक्रमण के दौरान शरीर की इम्यून प्रतिक्रिया के चलते मांसपेशियों में सूजन और दर्द होता है।
विटामिन D और B12 की कमी
विटामिन D और B12 शरीर की हड्डियों, नसों और मांसपेशियों की सेहत के लिए जरूरी होते हैं। इनकी कमी मसल्स पेन का बड़ा कारण बन सकती है। ऐसे में व्यक्ति को मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द, हाथ-पैरों में झुनझुनी, थकान, हड्डियों में दर्द, एकाग्रता में कठिनाई हो सकती है। विटामिन D की कमी से कैल्शियम का अवशोषण कम हो जाता है, जिससे मांसपेशियां कमजोर होती हैं। B12 की कमी से नसों की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है और मसल्स में दर्द होता है।
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मसल्स पेन को हल्के में लेना कई बार गंभीर बीमारियों को अनदेखा करना हो सकता है। यदि यह दर्द लंबे समय तक बना रहता है, बार-बार होता है या अन्य लक्षणों के साथ आता है, तो जरूरी है कि आप डॉक्टर से जांच कराएं। समय पर मांसपेशियों से जुड़े संकेतों के जरिए रोगों को पहचान कर उनका इलाज करना चाहिए।
FAQ
शरीर की मांसपेशियां किसकी कमी से कमजोर हो जाती हैं?
मांसपेशियों में कमजोरी आमतौर पर व्यायाम की कमी, उम्र बढ़ने, मांसपेशियों में चोट या गर्भावस्था के कारण होती है। यह डायबिटीज या हृदय रोग की समस्या का कारण भी बन सकते हैं।मांसपेशियों में कमजोरी किसका लक्षण है?
मांसपेशियों में कमजोर होने पर व्यक्ति को थकान, मांसपेशियों में दर्द, चलने में कठिनाई, वस्तुओं को उठाने में परेशानी, और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण महसूस हो सकती है।कमजोर मांसपेशियों को कैसे ठीक करें?
कमजोर मांसपेशियों को ठीक करने के लिए नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और पर्याप्त नींद आवश्यक हैं. व्यायाम में वज़न उठाना, जॉगिंग, और योग शामिल हैं।