
क्रिएटिव लोग सामान्य लोगों की तुलना में अधिक प्रयोग करने पर जोर देते हैं। वे अक्सर ऐसे प्रयोग करते हैं जो अलग हो और सामान्य लोग उसके बारे में सोच न पायें। क्रिएटिव लोग दूसरों का ध्यान अपनी तरफ आसानी से आकर्षित कर लेते हैं, क्योंकि उनके पास न सिर्फ एक नया आइडिया होता है साथ ही इसे पेश करने का एक अलग अंदाज भी होता है। लेकिन इसके बावजूद क्रिएटिव लोग धोखा देने में भी अव्वल होते हैं। इस लेख में जानते हैं आखिर ऐसा क्यों है, क्रिएटिव लोग क्यों धोखेबाज होते हैं।

शोध के अनुसार
एक शोध के मुताबिक रचनात्मक लोग सामान्य लोगों की तुलना में ज्यादा नकलची होते हैं। हावर्ड और ड्यूक यूनीवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार क्रिएटिव लोग धोखे की स्थिति में अपनी बेईमानी को भी उचित ठहरा लेते है। शोधकर्ता प्रोफेसर फ्रैंसिका गिनो के मुताबिक अकसर लोग नैतिक दुविधाओं का सामना करते है जिसमें वो खुद को सही साबित करे या सकारात्मक दृष्टकोण को बनाए रखे। शोध के मुताबिक अकसर लोग खुद को संतुष्ट करने में ज्यादा यकीन करते हैं। ऐसे लोग अनैतिक काम से लाभ उठाना ज्यादा पंसद करते है ताकि वो खुद के साथ ज्यादा सकारात्मक दृष्टकोण बनाए रख सके।
मानसिक रूप से कमजोर होते हैं
- इस शोध की मानें तो ऐसे मामलों में क्रिएटिव लोग मानसिक रूप से ज्यादा कमजोर होते हैं। क्रम से पांच शोध में बर बार करीब 100 लोगों पर शोध किया गया है। हर ग्रुप में शोधककर्ताओं ने पहले प्रतिभागियों की क्रिएटिव सोच और बुद्धिमत्ता की जांच की। उसके बाद उन्हे आसानी से झूठ व नकल देने का टास्क दिया गया।
- एक शोध में कुछ सामान्य जानकारी की सवाल पूछे गये थे जैसे- कंगारू कितनी दूर कूद लेता है, इटली की राजधानी क्या है। प्रतिभागियों को बाताया गया था कि हर सही जवाब के उनको 10 सेंट मिलेगा। फिर शोधकर्ताओं मे टेस्ट लेने वाले से कहा कि अपने जवाब को बबल शीट में बदल दें। शोधकर्ताओं में सभी सवालों की जवाब को पहले से ही कॉपी कर लिया था ताकि सही जवाब पर मार्क बना रहे।
- कुछ प्रतिभागियों को लगता था कि उनका नकल पकड़ा नहीं जाएगा जब वो अपना शीट को बदलेंगे पर असल में हर पेपर पर एक यूनिक कोड था। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग ज्यादा क्रिएटिव थे उन्होंने ज्यादा नकल की। जो लोग कम क्रिएटिव पर बुद्धिमानी में ज्यादा थे उन्होंने नकल नहीं की। अपनी बुद्धि के अनुसार ही जवाब दिया।
- दूसरे परीक्षण में प्रतिभागियो को बिंदु की मदद से खींची की गई लाइन की तस्वीर को दिखा कर पूछा गया कि ये बिंदु तस्वीर के किस तरफ है। हालांकि इस टेस्ट को पास कर पाना मुश्किल था तकरीबन 200 लोगो में आधे लोग इस परीक्षण में असफल हो गए। लेकिन इस बार प्रतिभागियों से कहा गया था दस गुना ज्यादा दिया जाएगा।
- जो लोग ज्यादा क्रिएटिव थे उन लोगों ने दाहिनी ओर ही बोला। ऐसा माना जाता है कि अगर आपको नहीं पता है कि किस तरफ ज्यादा बिंदु है ज्यादातर वो दाहिनी ओर ही होते है। दूसरे परीक्षण से पता चलता है कि दाहिनी ओर चुनना कितना बड़ा धोखा है। डाइस केस से जुड़े एक अन्य परीक्षण में इस बात की पुष्टि भी होती है कि क्रिएटिव लोग ज्यादा नकलची और धोखा देने वाले होते है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक इऩ परीक्षण के दौरान जीती जाने वाली नकद इनाम के चलते क्रिएटिव लोगो नें नकल करने की सोची। इस बारे में अभी शोध करना बाकी है कि क्या अगर फायदा नहीं होता तब वो धोखा देते या नहीं।
Image Source-getty 
Read More Article on Mental Health  in Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
- Current Version