Causes of Insomnia Even When Tired: कई बार ऐसा होता है कि हम दिनभर बहुत काम करते हैं जिसमें हमारी शारीरिक और मानसिक एनर्जी खत्म हो जाती है। पूरे दिन काम के बाद जब रात में बिस्तर पर लेटकर सोने की कोशिश करते हैं, तो नींद हीं नहीं आती। क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है? मेरे साथ तो, कई बार ऐसा हो चुका है। थकान होने के बावजूद नींद न आना एक सामान्य समस्या है, जिसे आमतौर पर इंसोम्निया कहा जाता है। यह स्थिति तब आती है जब हम शारीरिक रूप से थकान महसूस करते हैं, लेकिन मानसिक या अन्य कारणों से व्यक्ति सो नहीं पाता। इस स्थिति के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें तनाव, चिंता, खराब जीवनशैली और शारीरिक तकलीफ प्रमुख होते हैं। कुछ शारीरिक समस्याएं, जैसे कि दर्द, बुखार, एसिडिटी, या श्वसन तंत्र की समस्या, भी थकान होने के बावजूद नींद न आने का कारण बन सकती हैं। जब शरीर किसी बीमारी या दर्द से गुजर रहा होता है, तो वह सही से आराम नहीं कर पाता, जिससे नींद प्रभावित होती है। अन्य कारणों को आगे विस्तार से जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
थकान होने पर भी नींद न आने के कारण- Causes of Insomnia Even When Tired
नींद का एक नियमित समय होना बहुत जरूरी होता है। अगर आपकी नींद का समय अनियमित होता है, तो भले ही शरीर थका हुआ हो, फिर भी दिमाग को यह संकेत नहीं मिल पाता कि अब सोने का समय है। इससे शरीर थका हुआ महसूस करते हुए भी सो नहीं पाता। जैसे शिफ्ट-वर्क, देर रात तक काम करना, या दिन में देर से सोना नींद की प्रक्रिया को बिगाड़ सकता है। थकान होने पर भी नींद न आने के कई अन्य कारण हो सकते हैं-
1. मानसिक तनाव- Mental Stress
थकान के बावजूद नींद न आने का सबसे सामान्य कारण मानसिक तनाव और चिंता है। जब हमारा दिमाग किसी समस्या या तनाव से जूझ रहा होता है, तो यह शरीर को आराम नहीं करने देता। इससे व्यक्ति को नींद आने में परेशानी होती है। चिंता की स्थिति में हमारा दिमाग लगातार सोचता रहता है, जिससे दिमाग को शांत नहीं होने देता और नींद प्रभावित होती है।
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2. ओवरथिंकिंग- Overthinking
थकान होने के बावजूद कुछ लोग बहुत ज्यादा सोचते हैं, जिसे ओवरथिंकिंग कहा जाता है। लगातार सोचने और विचारों में खोए रहने के कारण दिमाग आराम नहीं कर पाता और व्यक्ति को सोने में परेशानी होती है। यह समस्या उन लोगों में ज्यादा देखी जाती है, जो मानसिक रूप से ज्यादा एक्टिव रहते हैं या जो दिनभर के अनुभवों को सोचने में समय बिताते हैं।
3. कैफीन और अन्य पदार्थों का सेवन- Caffeine Intake
कैफीन और निकोटीन जैसे उत्तेजक पदार्थ नींद पर बुरा असर डालते हैं। अगर आप दिन में ज्यादा मात्रा में चाय, कॉफी या अन्य कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन करते हैं, तो शरीर भले ही थका हुआ हो, परंतु कैफीन दिमाग को एक्टिव रखता है, जिससे नींद में बाधा आती है। रात के समय कैफीन या निकोटीन का सेवन नींद की गुणवत्ता को भी खराब कर सकता है।
4. हॉर्मोनल असंतुलन- Hormonal Imbalance
नींद के लिए जिम्मेदार हॉर्मोन्स जैसे मेलाटोनिन और सेरोटोनिन, का असंतुलन भी नींद पर असर डाल सकता है। जब शरीर में इन हॉर्मोन्स का संतुलन बिगड़ता है, तो नींद का पैटर्न खराब हो जाता है, जिससे थकान के बावजूद नींद नहीं आती। खासकर महिलाओं में गर्भावस्था, पीरियड्स या मेनोपॉज के दौरान हॉर्मोनल बदलाव के कारण यह समस्या ज्यादा होती है।
5. स्लीप एपनिया- Sleep Apnea
स्लीप एपनिया एक शारीरिक बीमारी है, जिसमें व्यक्ति सोते समय सांस की रुकावट का अनुभव करता है। इससे नींद बार-बार टूटती है और व्यक्ति थकान महसूस करता है, लेकिन गहरी नींद नहीं ले पाता। इस स्थिति में व्यक्ति को थकान के बावजूद नींद आने में परेशानी हो सकती है।
6. अत्यधिक मानसिक और शारीरिक श्रम- Physical and Mental Pressure
अगर आप सोने से पहले बहुत ज्यादा मानसिक या शारीरिक गतिविधि में शामिल होते हैं, जैसे कि देर रात तक काम करना, एक्सरसाइज करना या स्क्रीन टाइम बढ़ाना (मोबाइल, लैपटॉप, टीवी), तो इसका असर नींद पर पड़ता है। इससे दिमाग एक्टिव रहता है और नींद आने में देरी होती है।
7. नकारात्मक विचार- Negative Thoughts
नकारात्मक सोच, डर और भविष्य की चिंताओं के कारण भी नींद प्रभावित हो सकती है। अगर व्यक्ति के मन में कोई डर या असुरक्षा का भाव हो, तो भले ही वह शारीरिक रूप से थका हुआ हो, लेकिन उसका दिमाग शांत नहीं हो पाता और नींद नहीं आती। साथ ही, अनियमित जीवनशैली, जैसे खान-पान का गलत समय, ज्यादा जंक फूड का सेवन और एक्सरसाइज की कमी भी नींद पर बुरा असर डालती है।
अच्छी नींद के लिए रोज एक्सरसाइज करें, हेल्दी डाइट लें और तनाव कम करें। साथ ही ज्यादा सोचने की आदत पर विराम लगाएं।
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