म्यूकोसाइटिस एक गंभीर स्थिति है, जिसमें मुंह और गले में छाले, सूजन और घाव हो जाते हैं। यह स्थिति आमतौर पर कैंसर के इलाज जैसे कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी के बुरे प्रभाव के रूप में सामने आती है। मुंह में छाले होने पर लोगों को जलन, सूजन और भोजन निगलने में कठिनाई जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। म्यूकोसाइटिस (मुंह में छाले) की स्थिति में लोगों को डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह अनुसार इलाज करना चाहिए, जिससे कि समस्या ज्यादा न बढ़े। म्यूकोसाइटिस का इलाज करने के लिए सही खानपान और देखभाल बेहद जरूरी है। ऐसे में मरीज को डाइट में उन फूड्स को शामिल करना चाहिए, जो सूजन और घावों को बढ़ाए नहीं, बल्कि इन्हें ठीक करने में मदद करें। इसे लेख में नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में एसोसिएट कंसल्टेंट और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी डॉ. नीतू पांडे (Dr. Neetu Pandey, Associate Consultant, Radiation Oncology, Fortis Hospital, Noida) म्यूकोसाइटिस होने पर क्या खाएं और क्या नहीं इसके बारे में बता रही हैं।
म्यूकोसाइटिस होने पर क्या खाएं?
म्यूकोसाइटिस से ग्रसित व्यक्ति को अपनी डाइट में ऐसे फूड्स को शामिल करना चाहिए जो न केवल पौष्टिक हों बल्कि आसानी से पचने वाले भी हों। कुछ फूड आइटम्स इस स्थिति में विशेष रूप से लाभदायक हो सकते हैं-
1. दही और छाछ
दही और छाछ ठंडे और हल्के होते हैं, जिससे म्यूकोसाइटिस की सूजन और जलन में राहत मिलती है। इनमें प्रोबायोटिक्स भी होते हैं, जो पाचन को सुधारते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं।
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2. सूप
हल्के और पतले सूप जैसे वेजिटेबल सूप, चिकन सूप और दाल का पानी बहुत ही लाभकारी होते हैं। ये न केवल पौष्टिक होते हैं, बल्कि गले की सूजन को कम करते हैं और शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं।
3. सॉफ्ट फ्रूट्स
पपीता, केला और खरबूजे जैसे फल म्यूकोसाइटिस में राहत पहुंचा सकते हैं। ये फाइबर से भरपूर होते हैं और इनमें ठंडक होती है, जो घावों को कम करने में मदद करती है।
4. ओटमील और दलिया
यह आसानी से पचने वाला भोजन है जो पेट और गले में आराम प्रदान करता है। ओटमील में मौजूद फाइबर पाचन को ठीक रखता है और शरीर को पोषण देता है।
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5. नारियल पानी
नारियल पानी हाइड्रेटिंग होता है और इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं, जो शरीर में तरलता बनाए रखते हैं और गले की सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
म्यूकोसाइटिस में क्या न खाएं?
कुछ फूड आइटम्स म्यूकोसाइटिस के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं, जिससे दर्द और सूजन और भी बढ़ सकती है। इसलिए, इनसे बचना चाहिए-
1. मसालेदार भोजन
चटपटा और मसालेदार खाना म्यूकोसाइटिस के दौरान जलन को बढ़ा सकता है। मिर्च, गरम मसाले और तले हुए फूड्स से पूरी तरह बचना चाहिए।
2. खट्टे फल
खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू और टमाटर में एसिड की मात्रा ज्यादा होती है, जो घावों को और अधिक जलन दे सकते हैं। एसिडिक फूड्स से पूरी तरह से बचना चाहिए।
3. टाइट फूड्स
चिप्स और ड्राई फ्रूट्स जैसे टाइट फूड्स म्यूकोसाइटिस के दौरान घावों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन्हें खाने से गले और मुंह की स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
4. अल्कोहल और धूम्रपान
अल्कोहल और धूम्रपान म्यूकोसाइटिस की स्थिति को खराब बना सकते हैं। यह न केवल घावों को और बढ़ा सकता है, बल्कि शरीर की हीलिंग प्रोसेस को भी धीमा कर सकते हैं। इसके अलावा गर्म चाय और कॉफी म्यूकोसाइटिस के दौरान गले और मुंह को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में गर्म पेय पदार्थों से भी बचना चाहिए।
स्मूदी, मिल्कशेक और जूस, म्यूकोसाइटिस के घावों को आराम देने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा अगर सॉलिड फूड्स खाना मुश्किल हो तो उन्हें ब्लेंड कर सूप या प्यूरी बनाकर खाया जा सकता है। इससे पोषण भी मिलेगा और गले में जलन भी नहीं होगी।
निष्कर्ष
म्यूकोसाइटिस एक दर्दनाक स्थिति हो सकती है, लेकिन सही डाइट और खानपान से इसे मैनेज करना संभव है। पौष्टिक और हल्की डाइट चुनकर, मसालेदार और टाइट फूड्स से बचकर और हाइड्रेशन का ध्यान रखकर म्यूकोसाइटिस के लक्षणों में राहत पाई जा सकती है। साथ ही, ध्यान रखें कि ओरल हाइजीन बहुत जरूरी है। किसी भी नई डाइट या उपचार से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
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