Who should avoid papaya leaf juice: पपीते के पत्तों का इस्तेमाल कई प्रकार की बीमारियों के इलाज में किया जाता है। विशेषकर बारिश के मौसम में जब डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसे वायरल बुखार में प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती है, तब पपीते के पत्तों का जूस का सेवन बड़ी मात्रा में किया जाता है। पपीते के पत्ते का जूस पीने (Benefits of Papaya Leaf Juice) से प्लेटलेट्स काउंट बढ़ता है और इम्यूनिटी को भी स्ट्रांग बनती है। इससे बीमारियों का खतरा कम होता है।
यूं तो पपीते के पत्तों का जूस स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है, लेकिन आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो हर औषधि हर व्यक्ति के लिए सही नहीं होती है। पपीते के पत्तों का जूस भी कुछ विशेष लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। बारिश में जब पपीते के पत्तों का जूस बड़ी मात्रा में पिया जाता है, तब हम आपको बताने जा रहे हैं किन लोगों पपीते के पत्तों का जूस नहीं पीना (papita ke patte ke juice ke nuksan) चाहिए।
किन लोगों को पपीते के पत्तों का जूस नहीं पीना चाहिए- Who should avoid papaya leaf juice
आयुर्वेद में पपीता के पत्तों को तिक्त, कषाय और रस वाला माना जाता है। पपीते का पत्ते शरीर में कफ और वात दोष को संतुलित करता है। लेकिन पपीते के पत्तों की तासीर गर्म होती है, इसलिए ये शरीर में पित्त दोष को बढ़ाती है। पित्त दोष बढ़ने से कुछ लोगों को जलन, गर्मी और पाचन से जुड़ी परेशानियां होती हैं।
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1. गर्भवती महिलाएं - Side Effects of Papaya Leaf Juice in Pregnancy
दिल्ली की अंजना कालिया डाइट क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट और आयुर्वेदिक डॉ. अंजना कालिया का कहना है कि पपीते की पत्तियों और कच्चे पपीते में मौजूद एंजाइम पपेन और लैटेक्स गर्भाशय के संकुचन को बढ़ाते हैं।इससे गर्भपात का खतरा बढ़ाता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर कहती हैं कि प्रेग्नेंसी में पपीते के पत्तों का जूस पीने से गर्भपात का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है।
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2. पित्त प्रकृति वालों के लिए- Pitta Prakriti Individuals
आयुर्वेद के अनुसार पपीते के पत्तों की तासीर गर्म और तीखी होती है। पपीते के पत्तों का जूस पीने से शरीर में पित्त दोष बढ़ जाता है। इसलिए जो लोग पित्त प्रकृति हैं, उन्हें पपीते के पत्तों का जूस पीने से बटना चाहिए। डॉक्टर के अनुसार, जिन लोगों को अक्सर सिर दर्द, एसिडिटी, त्वचा में लालिमा, त्वचा पर जलन और नींद की समस्या रहती है, उन्हें पपीते के पत्तों का जूस बिल्कुल भी नहीं पीना चाहिए।
3. स्तनपान कराने वाली महिलाएं - Lactating Mothers
पपीते के पत्तों की तासीर गर्म होती है। इनको खाने से पाचन क्रिया पर बुरा प्रभाव पड़ता है। स्तनपान के दौरान यदि मां पपीते का जूस लेती है, तो उसके दूध के माध्यम से शिशु के पाचन तंत्र पर असर पड़ सकता है। यही कारण है कि स्तनपान के दौरान पपीते के पत्तों का जूस पीने की सलाह नहीं दी जाती है। डॉ. अंजना कालिया का कहना है कि पपीते के पत्तों के जूस का सेवन करने से शरीर में पित्त दोष बढ़ता है। स्तनपान के दौरान पपीते के पत्तों का जूस पीने से दूध में हल्की कड़वाहट भी आ सकती है। इससे मां और शिशु को नुकसान हो सकता है।
4. गैस्ट्राइटिस या अल्सर के मरीज
पपीते के पत्तों का कड़वापन और तीखापन आंतों की परत को उत्तेजित कर सकता है। इससे पाचन तंत्रिका पर बुरा प्रभाव पड़ता है और ये गैस्ट्रिक म्यूकोसा को नुकसान पहुंचता है। जिन लोगों को गैस्ट्राइटिस और अल्सर की परेशानी है, तो उन्हें पपीते के जूस का सेवन नहीं करना चाहिए।
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5. बच्चों और बुजुर्गों को
बच्चे और बुजुर्गों की पाचन तंत्रिका काफी कमजोर होती है। पपीते के पत्तों का जूस कड़वा और पाचने में भारी होती है। इससे अपच, दस्त, और पेट दर्द की परेशानी हो सकती है। यही कारण है कि बच्चों और बुजुर्गों को पपीते के पत्तों का जूस पीने की सलाह नहीं दी जाती है।
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पपीते के पत्तों का जूस पीने के नुकसान- Side Effects of Papaya Leaf Juice
पपीते के पत्तों का जूस पीने से सेहत को नहीं बल्कि कई नुकसान हो सकते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर का कहना है कि पपीते के पत्तों का जूस अगर एक सीमित मात्रा में किया जाए, तो ये नुकसानदायक नहीं होता है। लेकिन ज्यादा पपीते के पत्तों का जूस पीने से स्वास्थ्य को नुकसान भी होता है।
- मितली
- दस्त
- पेट दर्द
- गर्भाशय संकुचन
- त्वचा पर खुजली या रैश
- हार्मोनल असंतुलन
- अगर आप भी पपीते के पत्तों का जूस पीना चाहते हैं तो इस विषय पर एक बार डॉक्टर से बात करें।
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निष्कर्ष
पपीते के पत्तों का जूस औषधीय गुणों से भरपूर है, लेकिन इसका सेवन हर किसी व्यक्ति के लिए फायदेमंद नहीं होता है। गर्भवती महिलाएं, पित्त प्रकृति वाले लोग, किडनी या लिवर के मरीजों को पपीते के पत्तों का जूस नहीं पीना चाहिए। डेंगू या किसी संक्रामक बीमारियों के इलाज में भी पपीते के पत्तों का जूस सिर्फ आयुर्वेदाचार्य की सलाह पर ही करना चाहिए।
FAQ
कौन सी बीमारी में पपीता नहीं खाना चाहिए?
पपीता पित्त रोग, अल्सर, डायरिया, किडनी की समस्या, एलर्जी और प्रेग्नेंसी में पपीता नहीं खाना चाहिए। पपीते की तासीर गर्म होती है। प्रेग्नेंसी और पित्त रोगों के दौरान पपीते का सेवन किया जाए, तो ये गर्भपात और अन्य प्रकार की बीमारियों का कारण बनता है।खाली पेट पपीता खाने के नुकसान
पपीता की तासीर गर्म होती है। खाली पेट पपीता खाने से पेट में दर्द, गैस, ऐंठन और एसिडिटी की परेशानी हो सकती है। पित्त प्रकृति के लोग अगर खाली पेट पपीते का सेवन करें, तो इससे स्वास्थ्य को कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं।क्या पपीता खून पतला करने वाला है?
हां, पपीता खून पतला करने वाले गुण रखता है। इसमें मौजूद पपेन एंजाइम खून को गाढ़ा होने से रोकता है, जिससे शरीर का ब्लड फ्लो तेज होता है। यूं तो पपीते खून को पतला करता है, लेकिन इसलिए इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करने से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है।