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Khushkhabri With IVF: किन लोगों को नहीं करवाना चाहिए IVF ट्रीटमेंट, जानें डॉक्टर से

Khushkhabri With IVF: अक्सर जो महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं, वे आईवीएफ ट्रीटमेंट के विकल्प को चुनती हैं। लेकिन, कुछ कपल्स को इसे नहीं आजमाना चाहिए। ऐसा क्यों और किसलिए कहा जाता है, जानें-
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Khushkhabri With IVF: किन लोगों को नहीं करवाना चाहिए IVF ट्रीटमेंट, जानें डॉक्टर से


Who Should Avoid IVF In Hindi: आईवीएफ प्रक्रिया उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है, जो कपल पैरेंट्स बनना चाहते हैं। मौजूदा समय में करोड़ों की संख्या में ऐसे लोग हैं, जो आईवीएफ प्रक्रिया की मदद से पैरेंट्स बने हैं। यहां हम आपको बता दें कि आमतौर पर किस तरह के लोग आईवीएफ प्रक्रिया की मदद लेते हैं। महिलाओं की बात करें, तो अगर उन्हें पीसीओएस, पीसीओडी, एंडियोमेट्रोसिस और ट्यूबल ब्लॉकेज जैसी समस्याएं हैं, तो वे आईवीएफ प्रक्रिया की मदद से मां बन सकती हैं। हालांकि, ये सभी समस्याएं महिलाओं की फर्टिलिटी को प्रभावित करती है। लेकिन, आईवीएफ प्रक्रिया के जरिए महिलाओं की फर्टिलिटी को बेहतर करके उन्हें मां बनने का सुख प्राप्त होता है। वहीं, पुरुषों की बात करें जिन पुरुषों की स्पर्म काउंट कम है या मोटिलिटी कम है, ऐसे में स्पर्म डोनर आईवीएफ प्रक्रिया में काम आते हैं। बहरहाल, हम अक्सर यही बात करते हैं कि किन लोगों को इस प्रक्रिया की मदद लेनी चाहिए। लेकिन, इस ओर हम अधिक ध्यान नहीं देते हैं कि किन लोगों को आईवीएफ प्रक्रिया का सहारा नहीं लेना चाहिए। यहां हम ऐसे लोगों के बारे में जानेंगे, जिन्हें इससे दूरी बनाए रखनी चाहिए।

ऑनलीमायहेल्थ Khushkhabri with IVF नाम से एक स्पेशल सीरीज चला रहा है। इसमें आपको आईवीएफ से जुड़े कई सवालों के जवाब मिल जाएंगे। इस सीरीज हम आपको बता रहे हैं कि किन लोगों को आईवीएफ प्रक्रिया की मदद नहीं लेनी चाहिए और क्यों? इस बारे में हमने नई दिल्ली स्थित शांता फर्टिलिटी सेंटर की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुभा सिंह से बात की। अगर आप भी IVF के जरिए प्रेग्नेंसी प्लान करने की सोच रहे हैं, तो इस लेख से आपको मदद मिल सकती है।

किन लोगों को नहीं करवाना चाहिए आईवीएफ ट्रीटमेंट?- Who Should Avoid IVF In Hindi

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40 पार महिलाओं को

जिन महिलाओं की उम्र 40 साल से अधिक है, उन्हें मां बनने के लिए आईवीएफ ट्रीटमेंट की मदद नहीं लेनी चाहिए। हालांकि, ऐसी महिलाओं की संख्या कम नहीं है, जिन्होंने 40 साल के बाद भी आईवीएफ ट्रीटमेंट की मदद से मां बनने का सुख प्राप्त किया है। लेकिन, विशेषज्ञों की मानें, तो 40 साल के बाद आईवीएफ प्रक्रिया भी सफल तरीके से काम नहीं करती है। इसकी सफलता दर काफी कम होती है और यह प्रोसेस महिला के लिए काफी कष्टप्रद भी हो सकता है। अगर 40 पार महिला आईवीएफ ट्रीटमेंट की मदद लेना चाहती हैं, तो बेहतर है कि वे एक बार डॉक्टर की राय जरूर ले लें।

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लंबे समय से चल रही बीमारी

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अगर कोई महिला लंबे समय से किसी गंभीर बीमारी की चपेट में है, तो उन्हें भी आईवीएफ ट्रीटमेंट की मदद से मां बनने का सुख प्राप्त नहीं करना चाहिए। असल में, बीमारी के कारण महिला का शरीर काफी कमजोर हो जाता है। ऐसे में हार्मोनल इंजेक्शन के कारण होने वाली परेशानियों को झेलना महिला के लिए मुश्किल हो सकता है। यही नहीं, लंबे समय से चल रही गंभीर बीमारी, महिला को मानसिक रूप से भी थकान देती है। यह स्ट्रेस का भी एक मुख्य कारण बन कसता है। इसी स्थिति में महिला के लिए आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान होने वाली परेशानियों को झेलना न सिर्फ मुश्किल भरा हो सकता है। यहां तक कि यह शारीरिक परेशानियों को बढ़ा भी सकता है।

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गर्भाशय से जुड़ी परेशानी

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अगर किसी महिला को गर्भाशय से जुड़ी दिक्कत है, तो उन्हें भी आईवीएफ ट्रीटमेंट के विकल्प को नहीं चुनना चाहिए। असल में, जिन महिलाओं का गर्भाशय का आकार खराब है, तो ऐसे में कंसी भ्रूण के लिए विकास करना मुश्किल हो जाता है। यह स्थिति आईवीएफ ट्रीटमेंट की सफलता दर को प्रभावित कर सकती है। कई बार गर्भाशय का आकार सही न होने के कारण सर्जिकल इंटरवेंटशन की जरूरत पड़ती है। इसलिए, अगर किसी महिला के को गर्भाशय से संबंधित समस्या है, तो उन्हें डॉक्टर से विस्तार से बात करनी चाहिए।

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बार-बार आईवीएफ प्रक्रिया का असफल होना

कुछ महिलाओं में गंभीर समस्या न होने के बावजूद, बार-बार आईवीएफ ट्रीटमेंट फेल हो जाता है। कई दफा इसका कारण समझ नहीं आता है। इसके बावजूद, यह समस्या बनी रहती है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है यानी कई बार आईवीएफ ट्रीटमेंट की कोशिश फेल हो चुकी है, तो बेहतर है कि भविष्य में इस विकल्प को न चुनें। ध्यान रखें कि आईवीएफ ट्रीटमेंट का हर अटेंप्ट महंगा होता है और इसके लिए महिला को तरह-तरह की मानसिक-शारीरिक बदलाव से गुजरना पड़ता है। इसलिए, कई बार आईवीएफ ट्रीटमेंट असलफ हो चुका है, तो बेहतर है कि इसे न आजमाएं।

मेल इंफर्टिलिटी

अगर पुरुष इंफर्टिलिटी का शिकार है, तो उनके स्पर्म एग्स के साथ मिलकर एंब्रियो बनाने में असफल हो सकते हैं। इसलिए, अगर किसी पुरुष को इंफर्टिलिटी की दिक्कत है, तो आईवीएफ ट्रीटमेंट से पहले उन्हें अपनी फर्टिलिटी में सुधार करना चाहिए। ध्यान रखें कि प्रेग्नेंसी कंसीव करने के लिए सिर्फ एग्स और स्पर्म दोनों बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इसलिए, आईवीएफ ट्रीटमेंट से पहले पुरुषों को अपनी स्पर्म क्वालिटी, स्पर्म क्वांटिटी, स्पर्म मोटिलिटी जैसे सभी फैक्टर्स पर गौर करना चाहिए। अगर इनमें से कोई भी दिक्कत बनी हुई है, तो बेहतर होगा कि पहले अपनी फर्टिलिटी का ट्रीटमेंट करें। इसके बाद आईवीएफ ट्रीटमेंट के विकल्प को चुनें।

आईवीएफ ट्रीटमेंट के लिए कैसे करें तैयारी

  1. अगर आपको यह कंफर्म हो गया है कि नेचुरली कंसीव नहीं कर सकेंगे, तो जितना जल्दी हो इस आईवीएफ ट्रीटमेंटके लिए तैयार हो जाएं। जितनी देरी से आईवीएफ ट्रीटमेंट के विकल्प को चुनेंगे, कंसीव करने की संभावना दर उतनी ही कम होती चली जाएगी।
  2. आईवीएफ ट्रीटमेंट से पहले एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें। वे आपको जिस तरह का दिशा-निर्देश दें, उसे जरूर फॉलो करें।
  3. आईवीएफ ट्रीटमेंट से पहले महिलाओं को अपनी हेल्थ का ध्यान रखना चाहिए। वजन बढ़ने न दें, ब्लड शुगर को संतुलित रखें और ब्लड प्रेशर पर भी नजर रखें।
  4. पुरुषों को भी अपनी फर्टिलिटी पर ध्यान देना चाहिए। आईवीएफ ट्रीटमेंट से पहले उन्हें हेल्दी डाइट लेनी चाहिए और बुरी आदतों को छोड़ देना चाहिए। इससे महिला द्वारा कंसीव करने की संभावना दर बढ़ती है।

All Image Credit: Freepik

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