Doctor Verified

बच्चेदानी में गांठ होने का खतरा किन महिलाओं को ज्यादा होता है? डॉक्टर से जानें

Risk Factors Of Uterine Fibroids In Hindi: किन महिलाओं को बच्चेदानी में गांठ या फाइब्रॉएड होने का अधिक खतरा होता है, डॉक्टर से जानें..
  • SHARE
  • FOLLOW
बच्चेदानी में गांठ होने का खतरा किन महिलाओं को ज्यादा होता है? डॉक्टर से जानें


Risk Factors Of Uterine Fibroids In Hindi: गर्भाशय में गांठ या रसौली, जिसे मेडिकल भाषा में यूटेराइन फाइब्रॉएड भी कहते हैं, बहुत ही गंभीर स्थिति है। आमतौर पर लोग इन्हे कैंसर की गांठ समझते हैं। हालांकि, गर्भाशय फाइब्रॉएड कैंसर नहीं होते हैं और न ही वे कैंसर में बदलते हैं। साथ ही, ये अन्य किसी प्रकार के कैंसर से भी जुड़े नहीं होते हैं। ये गर्भाशय फाइब्रॉएड आकार में भिन्न-भिन्न आकार के हो सकते हैं। साथ ही, किसी महिला की बच्चेदानी में एक से अधिक फाइब्रॉएड भी हो सकते हैं। लेकिन फाइब्रॉएड के कारण महिलाओं को काफी परेशानी हो सकती है। इसके कारण उन्हें कई गंभीर स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। पीरियड्स के दौरान गंभीर ऐंठन, हैवी ब्लीडिंग, कई-कई दिनों तक पीरियड चलना, पेल्विक में दर्द और दबाव महसूस होना, बार-बार पेशाब आना ऐसी कुछ आम समस्याएं हैं, जो बच्चेदानी में फाइब्रॉएड के कारण देखने को मिलती हैं।

इसके अलावा, पेट के एरिया बढ़ना, कब्ज और पीठ या निचले हिस्से में दर्द, साथ ही सेक्स के दौरान दर्द आदि जैसी समस्याएं भी काफी महिलाओं को फाइब्रॉएड के कारण परेशान करती हैं। कभी-कभी ये परेशानियां इतनी अधिक बढ़ जाती हैं और गंभीर रूप ले लेती हैं। अगर कोई महिला इस तरह की समस्याओं का सामना करती है, तो हमेशा यह सलाह दी जाती है कि ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। क्योंकि इसका समय रहते उपचार किया जाना बहुत जरूरी है। हालांकि, इसके जोखिम कारकों को पहचानकर आप इस समस्या से बच भी सकते हैं। मानवीज गाइनोलाइफ क्लिनिक, ईस्ट ऑफ कैलाश, दिल्ली की डॉक्टर मानवी मैनी (Consultant Gynaecologist, MBBS,M.S OBGY, Diploma in ART & Reproductive medicine) ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में कुछ ऐसी महिलाओं  के बारे में बताया है, जिन्हें बच्चेदानी में फाइब्रॉएड होने का अधिक खतरा होता है। इस लेख में हम आपको इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं....

Who Is At Higher Risk Of Uterine Fibroids In Hindi

किन महिलाओं की बच्चेदानी में गांठ होना का खतरा अधिक होता है- Who Is At Higher Risk Of Uterine Fibroids In Hindi

डॉक्टर मानवी मैनी के अनुसार, बच्चेदानी में फाइब्रॉएड गर्भाशय से जुड़ी एक आम सामान्य है, जो 30-50 वर्ष की उम्र के दौरान दिखाई देती है। किसी महिला में गर्भाशय फाइब्रॉएड होने के जोखिम को कई कारक प्रभावित कर सकते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं

  • युवा महिलाओं की तुलना में अधिक उम्र की महिलाओं को अधिक खतरा होता है
  • मोटापा से ग्रस्त या अधिक वजन वाली महिलाएं
  • जिन महिलाओं में गर्भाशय फाइब्रॉएड का पारिवारिक इतिहास रहा है
  • हाई ब्लड प्रेशर वाली महिलाएं

इसे भी पढ़ें: बच्चेदानी में कोई भी समस्या होने पर दिखते हैं ये 8 लक्षण, भूलकर भी न करें नजरअंदाज

  • पहले कभी महिला प्रेग्नेंट नहीं हुई है
  • शरीर में विटामिन डी की कमी  है
  • फूड एडिटिव का सेवन करना
  • सोयाबीन के दूध का सेवन करना

इसे भी पढ़ें: बच्चेदानी को रखना है स्वस्थ तो डाइट से बाहर कर दें ये 5 फूड्स, जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

अगर किसी महिला को बच्चेदानी में फाइब्रॉएड की समस्या है, तो इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। अपने डॉक्टर से संपर्क करें और इसका उपचार कराएं। डॉक्टर सर्जरी की मदद से आसानी से उन्हें हटा सकते हैं।

 

 

 

View this post on Instagram

A post shared by Dr. Manvi Maini | Obstetrician & Gynaecologist (@your_go_to_gynac)

All Image Source: Freepik

Read Next

बच्चेदानी में गांठ होने पर नजर आते हैं ये 5 लक्षण, न करें नजरअंदाज

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version