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भारत में कौन बन सकता है स्पर्म डोनर? जानिए क्या कहते हैं Medical Rules

ऑफिशियल स्पर्म डोनर बनने से पहले व्यक्ति को अपने स्पर्म की जांच कराना जरूरी होता है। इसमें स्पर्म की क्वालिटी, क्वानटिटी और स्पीड की जानकारी ली जाती है।
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भारत में कौन बन सकता है स्पर्म डोनर? जानिए क्या कहते हैं Medical Rules


Who Can Be a Sperm Donor In India: कुछ साल पहले एक मूवी आई थी विक्की डोनर। यह फिल्म स्पर्म डोनेशन पर बनी थी। इस फिल्म में स्पर्म की अहमियत क्या है, एक आदमी के स्पर्म की क्वालिटी सही न होने की वजह से किस तरह से औरत को मानसिक परेशानी झेलनी पड़ती है, इसके बारे में बताया गया था। इस फिल्म के आने के बाद भारत में कई जगहों पर स्पर्म डोनेशन (Sperm Donation Education)  को लेकर जागरूकता अभियान चलाए गए। इस मूवी ने समाज को शिक्षित करने का भी काम किया, क्योंकि ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि स्पर्म डोनेट भी किया जाता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या हर व्यक्ति स्पर्म डोनेट कर सकता है?, क्या स्पर्म डोनेट करने के लिए उम्र निर्धारित है? आज इस आर्टिकल में हम आपको स्पर्म डोनेशन (Sperm Donation) से जुड़े सवालों का जवाब देंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए ओनलीमॉयहेल्थ की टीम ने पुणे स्थित सह्याद्री सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल आईवीएफ और फर्टिलिटी विभाग की डायरेक्टर डॉ. वैशाली चौधरी से बात की।

क्या कोई भी व्यक्ति कर सकता है स्पर्म डोनेशन?

डॉ. वैशाली चौधरी बताती हैं, जिस तरह से ब्लड बैंकों में अलग-अलग ब्लड ग्रुप वाले खून को इकट्ठा किया जाता है, ताकि मेडिकल इमरजेंसी में इसका इस्तेमाल किया जा सके। ठीक उसी तरह फर्टिलिटी क्लीनिक में भी अंडाणु और शुक्राणु बैंक होते हैं। यहां पर स्पर्म डोनेट करने वाले व्यक्तियों की पहचान को सीक्रेट रखा जाता है, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की कोई परेशानी न आए। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि हर व्यक्ति स्पर्म को डोनेट नहीं कर सकता है। स्पर्म डोनेशन के लिए कुछ मानदंड बनाए गए हैं। जो उन मानदंडों पर खरा उतरता है, केवल वही स्पर्म डोनेट कर सकते हैं।

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स्पर्म डोनेट करने के मापदंड क्या है?

सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी विधेयक, 2021 के अनुसार भारत में पुरुष 18 से 39 वर्ष तक अपने स्पर्म को डोनेट कर सकते हैं। कुछ स्पर्म डोनेशन बैंक में स्पर्म डोनेशन की उम्र 34 वर्ष निर्धारित की गई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत में एक व्यक्ति केवल एक ही बार स्पर्म डोनेट कर सकता है। यदि एक व्यक्ति को अलग-अलग जोड़ों को कई बार स्पर्म डोनेट करता है, तो यह जानने का कोई तरीका नहीं होगा कि कौन से बच्चे एक ही शुक्राणु या अंडे से पैदा हुए थे। इससे जैविक भाई-बहनों के जीवन में बाद में यौन संबंध बनाने का जोखिम बढ़ जाता है क्योंकि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होती कि वे एक ही शुक्राणु या अंडे से पैदा हुए हैं।

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स्पर्म डोनर को क्या जानकारी देनी होती है?

डॉक्टर का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति स्पर्म डोनेशन करना चाहता है, तो उसे फैमिली हिस्ट्री, पारिवारिक बीमारियों की भी जानकारी देनी होती है। यदि इसमें किसी प्रकार की कोई आनुवंशिक या वंशानुगत विकार सामने आता है, तो उसका स्पर्म भविष्य में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। डॉक्टर का कहना है कि स्पर्म डोनेशन से पहले ब्लड टेस्ट, एचआईवी और स्पर्म डोनेशन बैंक द्वारा आयोजित किए गए मेडिकल टेस्ट भी करवाने होते हैं।

सेक्सुअल हिस्ट्री भी है जरूर

जो पुरुष अपने स्पर्म को डोनेट करना चाहते हैं, उन्हें अपनी सेक्सुअल हिस्ट्री भी बताना पड़ती है। स्पर्म डोनेट करने वाले व्यक्ति को शराब, सिगरेट और किसी विशेष प्रकार की दवा का सेवन करने की आदत है या नहीं इसकी जानकारी भी देनी जरूरी है। इसके अलावा व्यक्ति को अपने शौक, शिक्षा, व्यक्तिगत आदतों और रुचियों के बारे में डिटेल जानकारी देनी होती है। कुछ मामलों में संभावित डोनर को इस तरह की जानकारियां वीडियो के जरिए देनी पड़ती है।

All Image Credit- Freepik 

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