Heat Stroke: गर्म हवाओं और बढ़ते तापमान की वजह से लोगों का घर से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है। जैसे ही घर से बाहर कदम रखते हैं, गालों पर लू के थपेड़े पड़ रहे हैं। लेकिन ऑफिस और जरूरी कामों के लिए घर से बाहर निकलना भी बहुत जरूरी है। ऐसे में जो लोग गर्म हवाओं, धूप या भी गर्मी के संपर्क में आ रहे हैं, उन्हें तरह-तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस मौसम में अधिकतर लोग लू से भी परेशान हैं। गर्मी की वजह से लू लगने की समस्या बढ़ रही है। लू की वजह से लोगों को उल्टी, दस्त, घबराहट, बेचैनी जैसा अनुभव हो रहा है। वैसे तो लू किसी भी व्यक्ति को लग सकते हैं। लेकिन, कुछ लोगों में लू लगने का जोखिम अधिक रहता है। आइए, फैमिली फिजिशियन ऑफ इंडिया, नोएडा के जनरल फिजिशियन डॉ. रमन कुमार से जानते हैं कि किन लोगों में लू लगने का जोखिम अधिक रहता है।
इन लोगों में ज्यादा रहता है लू लगना का जोखिम
1. छोटे बच्चों में
गर्म हवाओं की वजह से वैसे तो सभी परेशान हैं, लेकिन बच्चों को इससे ज्यादा परेशानी हो रही है। इन दिनों में छोटे बच्चों को लू लगने का जोखिम ज्यादा होता है। दरअसल, छोटे बच्चे चिलचिलाती धूप, गर्म हवाओं और तापमान को सहन नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह से उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आपको अपने छोटे बच्चों का खास ख्याल रखना चाहिए। उन्हें हाइड्रेटेड रखें और उनकी डाइट का भी ध्यान दें।
2. बुजुर्गों में
छोटे बच्चों के साथ ही, बुजुर्गों में भी लू लगने का खतरा अधिक बना रहता है। दरअसल, अधिक उम्र होने की वजह से वे गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। साथ ही, उनका शरीर भी कमजोर होता है। इसकी वजह से उन्हें लू लगने की समस्या ज्यादा हो सकती है। लू की वजह से बुजुर्गों को चक्कर आना, सिरदर्द और घबराहट जैसा महसूस हो सकता है।
3. फील्ड जॉब वालों में
जो लोग फील्ड जॉब करते हैं, उन्हें लू लगाने का खतरा बेहद अधिक तरहता है। क्योंकि वे लंबे समय तक धूप में ही रहते हैं। इस कड़ी धूप में शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है। इसकी वजह से उन्हें उल्टी, दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर आप भी फील्ड जॉब करते हैं, तो अपने साथ नींबू पानी, सत्तू का पानी या साधा पानी जरूर कैरी करके रखें।
4. बीमार लोगों में
जो लोग पहले से ही बीमारी हैं, उन्हें लू लगने का जोखिम ज्यादा रहता है। दरअसल, बीमार लोगों की इम्यूनिटी काफी कमजोर हो जाती है। ऐसे में वे गर्मी और धूप की वजह से होने वाली दिक्कतों को सहन नहीं कर पाते हैं। खासकर, हृदय और फेफड़ों के रोगी जल्दी बीमार पड़ सकते हैं। उन्हें सांस लेने में तकलीफ, घबराहट और बेचैनी जैसा अनुभव हो सकता है। इससे बचने के लिए खूब पानी पिएं और खुद को हाइड्रेट रखें।