Which Test Should Be Done For Anemia: एनीमिया या शरीर में खून की कमी एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में सही समय पर इलाज न मिलने से मरीज की जान भी जा सकती है। खून में लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) की कमी होने पर आपको एनीमिया की समस्या होती है। लगभग हर व्यक्ति को इस ब्लड डिसऑर्डर से कभी न कभी जूझना पड़ता है। गर्भवती महिलाओं में यह समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। कुछ लोगों में एनीमिया की समस्या अस्थायी होती है और डाइट व लाइफस्टाइल से जुड़े बदलाव अपनाने से ठीक हो सकती है, तो कुछ लोगों में यह बीमारी लंबे समय तक बनी रहती है। एनीमिया का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ ब्लड टेस्ट की सलाह देते हैं। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं एनीमिया होने पर कौन सा टेस्ट कराना चाहिए?
एनीमिया की जांच के लिए कौन सा टेस्ट होता है?- Which Test Should Be Done For Anemia in Hindi
एनीमिया को शरीर में खून की कमी या हीमोग्लोबिन की कमी भी कहते हैं। यह समस्या कई कारणों से किसी भी उम्र के व्यक्ति में हो सकती है। कारणों के आधार पर एनीमिया की बीमारी को अलग-अलग तरह से देखा जाता है। कुछ लोगों में एनीमिया की समस्या आनुवांशिक कारणों से भी हो सकता है। इस स्थिति में जांच और इलाज दोनों ही अलग तरीके से होता है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर कहते हैं कि, "एनीमिया के कारण और लक्षणों के आधार पर डॉक्टर इसका इलाज करते हैं। सामान्य रूप से एनीमिया की जांच कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC) के माध्यम से होती है, लेकिन जिन लोगों में एडवांस एनीमिया होता है, उन्हें कुछ और जांच कराने की सलाह दी जा सकती है।
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एनीमिया की जान इसके टाइप पर निर्भर करती है। जांच के बाद ही एनीमिया के कारणों और इसके टाइप का पता चल पाता है। एनीमिया की समस्या मुख्य रूप से इन टाइप की होती है-
आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया- इस तरह का एनीमिया शरीर में आयरन की कमी के कारण होता है। अनहेल्दी डाइट और ब्लीडिंग आदि की वजह से यह एनीमिया हो सकता है।
अप्लास्टिक एनीमिया- जब आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में रेड ब्लड सेल्स यानी लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण नहीं हो पाता है, तो इसकी वजह से अप्लास्टिक एनीमिया का खतरा रहता है।
थैलेसीमिया- यह भी एनीमिया की ही एक प्रकार है, जो आनुवांशिक कारणों से होता है। थैलेसीमिया की समस्या में ब्लड में हीमोग्लोबिन का लेवल बहुत कम होता है।
सिकल सेल एनीमिया- सिकल सेल एनीमिया की समस्या माता-पिता से बच्चों में होने वाली बीमारी है। यह बीमारी एक गंभीर आनुवांशिक बीमारी है, इस स्थिति में रेड ब्लड सेल्स अपनी संरचना को ठीक रखने और ऑक्सीजन कैरी नहीं कर पाते हैं।
विटामिन डिफिशिएंसी एनीमिया- विटामिन डिफिशिएंसी एनीमिया की समस्या शरीर में फोलेट या विटामिन बी 12 की कमी से होती है। विटामिन बी 12 या फोलेट शरीर में रेड ब्लड सेल्स को बनाने में मदद करते हैं।
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इन टाइप्स के आधार पर एनीमिया की जांच के लिए निम्नलिखित टेस्ट किये जाते हैं-
1. सीबीसी या कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट
2. हेमेटोक्रिट और हीमोग्लोबिन के स्तर से आरबीसी का टेस्ट
3. किडनी और लिवर फंक्शन टेस्ट
4. थायराइड टेस्ट
5. विटामिन बी 12 और फोलेट टेस्ट
6. बोन मैरो टेस्ट
7. यूरिन टेस्ट
8. कोलोनोस्कोपी
एनीमिया की जांच आमतौर पर सीबीसी से हो जाती है, लेकिन कुछ लोगों में यह समस्या एडवांस स्टेज पर होती है। ऐसे में इनका पता लगाने के ये टेस्ट किये जा सकते हैं। एनीमिया होने पर शरीर में थकान, भूख कम लगना, कमजोरी के साथ चक्कर आना और उल्टी व पतली की समस्या हो सकती है। इस बीमारी के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क कर इलाज लेना चाहिए। इलाज में देरी होने पर मरीज की जान जाने का खतरा रहता है।
(Image Courtesy: Freepik.com)
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