एथलीट्स के लिए कैसा कार्ब है बेस्‍ट, फास्‍ट कार्ब्‍स या स्‍लो कार्ब्‍स? जानें दोनों कार्ब्‍स में अंतर

यहां इंटरनैशनल स्‍पोर्ट्स डायटिशियन स्‍वाती बथवाल बता रही हैं कि एक एथलीट या खिलाड़ी को हाई कार्ब्‍स और स्‍लो कार्ब्‍स में से क्‍या लेना चाहिए? 
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एथलीट्स के लिए कैसा कार्ब है बेस्‍ट, फास्‍ट कार्ब्‍स या स्‍लो कार्ब्‍स? जानें दोनों कार्ब्‍स में अंतर


क्‍या आप जानते हैं कि कार्ब्‍स आपकी सेहत के लिए कितना जरूरी है। यह आपके शरीर को ऊर्जा प्रदान करन में मदद करता है। शरीर को स्‍वस्‍थ रखने के लिए सभी जरूरी पोषक तत्‍वों को डाइट में शामिल करना बेहद जरूरी होता है। देखा जाए, तो सभी सब्जियों, डेयरी उत्‍पादों और मांस में कार्ब्‍स होते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि आपको अपनी डाइट में स्‍लो कार्ब्‍स को शामिल करना चाहिए या फिर फास्‍ट कार्ब्‍स? इन दोनों में से कौन सा आपकी सेहत के लिए ज्‍यादा अच्‍छा है, यह जानने के लिए आगे पढ़ें। 

यहां इंटरनैशनल स्‍पोर्ट्स डायटिशियन स्‍वाती बथवाल बता रही हैं कि स्‍लो कार्ब्‍स डाइट क्‍या है और एथलीटों के लिए स्‍लो कार्ब्‍स डाइट लेना सही है या नहीं। 

स्‍लो कार्ब्‍स Vs फास्‍ट कार्ब्‍स 

Slow Carbs Vs Fast Carbs

एक व्‍यक्ति को प्रतिदिन 300 ग्राम कार्ब्स के सेवन की सलाह दी जाती है, यह आपको एर्नेजेटिक रखने और वजन घटाने में मदद करता है। लेकिन इन सबके लिए जरूरी है कि आप सही तरह के कार्ब्‍स को चुनें। स्‍लो कार्ब्‍स और फास्‍ट कार्ब्‍स के नाम से ही पता चलता है कि यह किस तरह काम करते हैं। स्‍लो कार्ब्‍स धीरे-धीरे ऊर्जा जारी करते हैं और लंबे समय तक आपको एर्नेजेटिक रखते हैं। जबकि फास्‍ट कार्ब्‍स बहुत अधिक गति से ऊर्जा जारी करते हैं और जल्दी से उपयोग हो जाते हैं। इसलिए यह आपको ज्‍यादा देर तक एर्नेजेटिक नहीं रखते। इसलिए आपको स्‍लो कार्ब्‍स को अपनी डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है। 

स्‍लो कार्ब्‍स डाइट क्‍या हैं? 

Low GI and Slow Carbs

डायटिशियन स्‍वाती बथवाल बताती हैं, स्‍लो कार्ब्‍स एक तरह के फाइबरयुक्‍त पदार्थ में होता है। फाइबर धीरे-धीरे शरीर में एब्जॉर्व होता है और धीरे-धीरे पचता है, जिससे यह तुरंत इंसुलिन स्‍पाइक नहीं करता है, जबकि फास्‍ट कार्ब्‍स बहुत जल्‍दी एब्जॉर्व होता है और जल्‍दी पच जाता है, तो वह तुरंत शुगर स्‍पाइक करता है।  उदाहरण के लिए हम तरबूज लेते हैं, तरबूज में पानी और नेचुरल शुगर होता है, तो यह तुरंत शुगर बढ़ाता है। जबकि वहीं, आम लेते हैं, तो आम में फाइबर होता है, तो यह लो जीआई है और स्‍लो कार्ब्‍स है। लेकिन स्‍लो कार्ब्‍स का मतलब यह नहीं है कि आप इसे बहुत अधिक मात्रा में लें।  सीधे श्‍ब्‍दों में कहें, तो लो जीआई वाले फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ स्‍लो कार्ब्‍स हैं। 

क्‍या एथलीटों के लिए सही है स्‍लो कार्ब्‍स?

Should athletes consider this Slow Carbs diet?

डाय‍टीशियन स्‍वाती बथवाल बताती है, एथलीटों के मामले में स्‍लो कार्ब्‍स के बजाय फास्‍ट या हाई कार्ब्‍स की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि एथलीट या फिर स्‍पोर्ट्समैन को हाई ग्‍लूकोज की जरूरत होती है, खासकर यदि वे मैराथन रनर, फुटबॉलर या फिर फास्‍ट बॉलर हैंं, तो उन्‍हें हाई कार्बोहाइड्रेट्स की जरूरत होती है। क्‍योंकि ऐसा माना जाता है कि 90 मिनट या उससे अधिक की एक्टिविटी वाले एथलीट को हाई जीआई यानि फास्‍ट कार्ब्‍स की सलाह दी जाती है। क्‍योंकि इसमें मसल्‍स और ब्रेन के लिए तुरंत ग्‍लूकोज की सप्‍लाई की जरूरत होती है। जबकि लो जीआई यानि स्‍लो कार्ब्‍स उनके शरीर में धीरे-धीरे रिलीज होगा और जिससे उनका पेट भरा रहेगा और उन्‍हें दौड़ने में पेरशानी होगी। इसलिए उन्‍हें दौड़ते समय ग्‍लूकोज या शहद दे दिया जाता है। लेकिन पोस्‍ट- एक्‍सरसाइज या ट्रेनिंग पीरियड्स में, जिसमें आपकी एक्‍सरसाइज एक्टिविटी 90 मिनट या उससे कम की होती है, तो तब आप लो जीआई या स्‍लो कार्ब्‍स ले सकते हैं। 

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