मां बनना किसी भी महिला के लिए सबसे खूबसूरत एहसास होता है। यह ऐसा एहसास है जो महिला ही नहीं बल्कि उससे जुड़े सभी लोगों को रोमांचित कर देता है। बच्चे की किलकारी से घर का माहौल खुशनुमा और सकारात्मक हो जाता है। लेकिन गर्भवती होना इतना आसान भी नहीं है। इसके लिए उपयुक्त समय के साथ सही समय पर यौन संबंध बनाना भी बहुत जरूरी है। इस लेख में विस्तार से जानिये महिलाओं के लिए प्रेगनेंट होने का सही वक्त क्या है।
ओव्यूलेशन की जानकारी
यह मासिक धर्म से जुड़ा पीरियड होता है, इस वक्त यौन संबंध बनाने से गर्भधारण की संभावना शत-प्रतिशत होती है। मेंस्ट्रूएल पीरियड्स के सात दिन बाद ओव्यूलेशन साइकिल शुरू होती है और यह पीरियड्स के शुरू होने से सात दिन पहले तक रहती है। ओव्यूलेशन पीरियड ही वह समय होता है, जिसमें महिला गर्भधारण कर सकती है। इस स्थिति को फर्टाइल स्टेज भी कहते हैं। गर्भधारण के लिए, जब भी यौन संबंध बनायें तो ओव्यूलेशन पीरियड का ध्यान रखें।
उम्र का ध्यान रखें
वर्तमान में लोगों की अवधारण बदल गई है और अब सामान्यतया लोग शादी के लिए 30 की उम्र को यथोचित मानने लगे हैं। लेकिन गर्भवती होने की सही उम्र 22 से 29 वर्ष होती है और इसमें भी सबसे उपयुक्त उम्र 25 की है। क्योंकि, इस समय एक युवती शारीरिक व मानसिक रूप से गर्भवती होने के लिए तैयार रहती है।
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इस समस्या का उपचार करें
वर्तमान में सबसे अधिक समस्या जो दिख रही है वह है पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिस्ट। इसका प्रमुख कारण है वजन का अधिक बढ़ जाना। आजकल पांच में से एक महिला को ओवेरियन सिस्ट की संभावना हो रही है। औरत के शरीर में एक बच्चेदानी होती है। उसका ऊपरी सिरा दो ट्यूबों से जुड़ा होता है, जिन्हें फेलोपियन ट्यूब कहते हैं। इन्हीं फेलोपियन ट्यूब से जुड़ी दोनों तरफ एक-एक अंडेदानी होती है। अंडेदानी में बहुत सारे फोलिकिल्स होते हैं, जिनमें अंडे बनते हैं। ये अंडे पीरियड्स शुरू होने के बाद बनते हैं।
मेच्योर फोलिकिल्स में से एक अंडा बनना शुरू होता है, जो माहवारी के साथ फूटता है। इसी फोलिकिल्स के अंदर सिस्ट बनती है। यह सिस्ट छाले के रूप में भी हो सकती है, जिसमें पानी भरा होता है और ट्यूमर के रूप में भी हो सकता है। प्रजनन अंग जब पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं तब सिस्ट बनने की संभावना सबसे अधिक होती है।
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ऑर्गज्म का ध्यान रखें
गर्भवती होने के लिए ऑर्गज्म का खयाल रखना बहुत जरूरी है। हालांकि ऐसा माना जाता है कि पुरुष सिर्फ अपनी संतुष्टि का खयाल रखते हैं और अपने पार्टनर की कामोत्तेजना को तवज्जो नहीं देते। ऐसे में गर्भधारण में समस्या होती है। अगर स्त्री सहवास के वक्त ऑर्गज्म प्राप्त कर लेती है तो गर्भधारण की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है। क्योंकि, तब शुक्राणु को सही जगह जाने का समय और माहौल मिलता है तथा शुक्राणु ज्यादा समय तक जीवित रहते हैं।
इसके अलावा नियमित जांच करायें, गर्भधारण से पहले फोलिक एसिड की गोलियां भी खायें और चिकित्सक से हमेशा परामर्श लें।
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