Root Canal Treatment in Hindi: दांत और मसूड़े हमारी ओरल हेल्थ का अहम हिस्सा हैं। दांतों की मदद से हम भोजन को तोड़कर खा पाते हैं। दांतों की मदद से भोजन चबाने में आसानी होती है। शरीर की तरह हमारे दांतों में भी कई प्रकार के रोग होते हैं जिसमें से एक है दांतों में सड़न। दांत में सड़न या कैविटी के कारण रूट कैनाल ट्रीटमेंट किया जाता है। पुराने समय में संक्रमित दांत को निकालना ही एकमात्र उपाय हुआ करता था। आज भी गांव या पिछड़े क्षेत्र में दंत चिकित्सा की अधूरी जानकारी होने के कारण लोग संक्रमित दांत निकलवा देते हैं। लेकिन दांत निकालने के बाद व्यक्ति को खान-पान में समस्या होती है। इस बड़ी समस्या को हल करने के लिए ही रूट कैनाल ट्रीटमेंट किया जाता है। आगे जानते हैं इसकी जरूरत क्यों पड़ती है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
रूट कैनाल ट्रीटमेंट की जरूरत कब पड़ती है?- Need Of Root Canal Treatment
रूट कैनाल ट्रीटमेंट की जरूरत तब पड़ती है जब दांत में सड़न हो जाती है। ऐसी स्थिति में इलाज न करने पर बाकि दांतों में भी सड़न हो सकती है। इस स्थिति से बचने के लिए रूट कैनाल ट्रीटमेंट करके दांत का खराब हिस्सा निकाल दिया जाता है और उसमें फिलिंग भरकर खोकले दांत को भर दिया जाता है। दांत में जब कैविटी हो जाती है, तो आपको ठंडा या गर्म खाते समय झनझनाहट महसूस होती है। कैविटी होने पर दांत में तेज दर्द का एहसास भी होता है। इस दौरान खाना चबाने में भी तकलीफ महसूस होती है। इस स्थिति में रूट कैनाल ट्रीटमेंट जरूरी हो जाता है। दांत की जड़ जब संक्रमित हो जाती है, तो उस स्थिति में भी रूट कैनाल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। इसमें दांतों की संक्रमित जड़ों को साफ कर दिया जाता है। डॉ सीमा ने बताया कि जब दांत की बात आती है, तो लोग इससे जुड़ी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते। अगर उपचार में देरी करेंगे, तो इलाज लंबा हो जाएगा।
रूट कैनाल कैसे किया जाता है?- Procedure Of Root Canal Treatment
- रूट कैनाल ट्रीटमेंट करने के लिए सबसे पहले दर्द वाले दांत की प्रारंभिक जांच की जाती है।
- कई बार जांच के लिए दांत का एक्स-रे कराना पड़ता है।
- अगर दांत में कैविटी निकलती है, तो डॉक्टर रूट कैनाल ट्रीटमेंट कराने की सलाह देते हैं।
- इस प्रक्रिया में दांत की जगह को सुन्न कर दिया जाता है।
- डॉक्टर यह सुनिश्चित करते हैं कि आपको दर्द का एहसास कम हो।
- इसके बाद, कैविटी को साफ कर दिया जाता है।
- कैविटी ज्यादा होती है, तो 1 से ज्यादा सिटिंग की जरूरत पड़ती है।
- कैविटी हटाने के बाद दांत पर कैप लगा दिया जाता है।
- इसी प्रक्रिया को रूट कैनाल के नाम से जाना जाता है।
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रूट कैनाल ट्रीटमेंट का खर्च- Cost Of Root Canal Treatment
यह निर्भर करता है कि आप ट्रीटमेंट किस जगह करवा रहे हैं। रूट कैनाल में क्राउन की क्वॉलिटी के मुताबिक कुल लागत तय होती है। प्राइवेट संस्थानों में रूट कैनाल की औसत कीमत 4500 से 7500 हजार के बीच है। वहीं लेजर उपचार 6000 से 8000 के बीच होता है।
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