Doctor Verified

बच्चों के गले से घरघराहट की आवाज क्यों आती है? जानें लक्षण और इलाज

कुछ बच्चों में सांस लेते समय घरघराहट की आवाज आती है। आगे जानते हैं इस समस्या के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।
  • SHARE
  • FOLLOW
बच्चों के गले से घरघराहट की आवाज क्यों आती है? जानें लक्षण और इलाज


बच्चे अक्सर किसी न किसी संक्रमण से परेशान रहते है।  मौसम बदलने के अलावा, कभी पानी में खलने तो कभी एसी की हवा में बच्चों को सर्दी-जुकाम और बुखार की समस्या देखने को मिलती है। इस सर्दी-जुकाम में बच्चों को गला दर्द, बोलने में परेशानी, श्वसन तंत्र में इंफ्लेमेशन और दर्द आदि कुछ लक्षण महसूस होते हैं। इस समस्या में कुछ बच्चों को सांस लेते समय घरघराहट की आवाज आने लगती है। ऐसे में अभिभावक परेशान हो जाते हैं। इस समस्या को मेडिकल क्षेत्र में वीजिंग (Wheezing) के नाम से जाना जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं। इस लेख में गुलाटी नर्सिंग होम के डॉ. नरेश गुलाटी ने बताया कि बच्चों के घरघराहट के लक्षण और इलाज क्या होते हैं।

बच्चों को घरघराहट होने पर क्या लक्षण महसूस होते हैं? Symptoms Of Wheezing In Children in Hindi

  • इस दौरान बच्चे को सांस लेते में घरघराहट की आवाज आती है। ये आवाज कई बार सीने में कफ की वजह से भी आ सकती है।
  • बच्चों को सांस लेते समय सीटी की तरह आवाज आना।
  • नाक में म्यूकस जम होना,
  • गले में हल्का दर्द,
  • आहार को निगलते समय परेशानी होना, आदि।

इसे भी पढ़ें : शिशु के चेहरे पर भी हो सकते हैं सफेद दाग, जानें इसके कारण और बचाव के उपाय

wheezing in children in hindi

बच्चों को घरघराहट होने के कारण - Causes Of Wheezing In Children In Hindi

  • पांच साल से अधिक आयु के बच्चों को अस्थमा की वजह से यह समस्या हो सकती है। अस्थमा का बार-बार अटैक आने पर बच्चों को वीजिंग की समस्या हो सकती है।
  • बच्चों को सर्दी, गर्ड (GERD) की वजह से उल्टी, रेस्पीरेटरी इंफेक्शन जैसे निमोनिया व ब्रोंकाइटिस होने पर भी सांस लेते समय घरघराहट की आवाज आ सकती है।
  • इंफेक्शन की वजह से बच्चों की श्वसन नली छोटी होने पर भी बच्चों को सांस लेते समय दिक्कत हो सकती है। ऐसे में वीजिंग की समस्या हो सकती है।
  • ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) भी वीजिंग का एक कारण माना जाता है। इस दौरान बच्चे को नींद में सांस लेते समय परेशानी होती है। ये एक तरह का ब्रीदिंग डिसऑर्डर है।
  • जन्मात विकारों के कारण भी बच्चों को वीजिंग हो सकता है।

बच्चों में वीजिंग के कितने प्रकार होते हैं? Types of Wheezing In Children In Hindi

बच्चों में वीजिंंग के प्रकार बीमारी के पैर्टन और समय के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं।

  • सर्दी-जुकाम की वजह से बार-बार वीजिंग होना,
  • एक्यूट वायरल इंफेक्शन के साथ और बिना मल्टी ट्रिगर वीजिंग की समस्या हो सकती है।
  • 1 से 3 साल के बच्चों को इंटरमीडिएट वीजिंग की समस्या हो सकती है। जबकि ये समस्या बड़े होने पर ठीक हो जाती है। ये समस्या भी संक्रमण से संबंधित होताी है।
  • नेजल एलर्जी के कारण 3 से 6 साल के बच्चों को वीजिंग हो सकता है।

इसे भी पढ़ें : क्या स्तनपान के दौरान एप्पल साइडर विनेगर पीना सुरक्षित है? जानें एक्सपर्ट की राय

बच्चों में वीजिंग का इलाज कैसे किया जाता है? Treatment Of Wheezing In Children In Hindi

बच्चों में वीजिंग का इलाज उसकी समस्या के प्रकार के आधार पर किया जाता है। इस दौरान डॉक्टर कुछ विशेष तरह की दवाएं देते हैं। इन दवाओं से श्वसन तंत्र को खोलने का काम किया जाता है। इसके अलावा, अगर बच्चे को वीजिंग की समस्या के कम लक्षण हैं, तो उसे इनहेलर या न्यूबेलाइजर देने सलाह दी जाती है। कुछ बच्चों को बार-बार और लगातार वीजिंग होती है, ऐसे में डॉक्टर दवाओं को इनहेलर के माध्यम से दे सकते हैं। इसके साथ ही एलर्जी को कम करने के लिए एंटीबाटोटिक्स दवाएं दी जा सकती हैं। जिससे सूजन और इंफेक्शन में आराम मिलता है।

बच्चे की किसी भी तरह की समस्या को आप नजरअंदाज न करें। अगर उसे किसी तरह की परेशानी हो रही है, तो तुरंत किसी नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।

Read Next

शिशु के चेहरे पर भी हो सकते हैं सफेद दाग, जानें इसके कारण और बचाव के उपाय

Disclaimer