एक कहावत है, हर बीमारी की शुरुआत गट यानी की पेट से होती है और बीमारी का अंत भी पेट पर ही होता है। पेट का सीधा कनेक्शन सही खानपान से जुड़ा हुआ है। आसान भाषा में कहें तो सेहतमंद रहने के लिए सही खानपान बहुत जरूरी होता है। खासकर जब किसी बीमारी का सामना करना पड़ता है, तो सही डाइट का महत्व और भी बढ़ जाता है। अलग-अलग बीमारियों के लिए सही फूड्स का चयन न केवल जल्दी ठीक होने में मदद करता है, बल्कि दवाइयों के असर को भी बढ़ा सकता है। आज इस लेख में हम आपको ऐसे ही 10 फूड आइटम के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका सेवन आप विभिन्न प्रकार की बीमारियों में कर सकते हैं। इस बारे में दिल्ली की गट और हार्मोन हेल्थ कोच मनप्रीत कालरा ने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट किया है।
किस बीमारी में कौन से फूड खाना चाहिए? - Which Food Should be Eaten in Which Disease?
1. अर्थराइटिस के लिए हल्दी- Benefits of Turmeric For Arthritis
ठंड के मौसम में अर्थराइटिस की समस्या ज्यादा हो जाती है। अर्थराइटिस की समस्या से राहत दिलाने में हल्दी बहुत फायदेमंद होती है। हल्दी पाउडर में मौजूद करक्यूमिन। करक्यूमिन एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भी भरपूर होता है, जो ठंड के मौसम में होने वाले गठिया और घुटनों के दर्द से राहत दिलाता है। इतना ही नहीं हल्दी शारीरिक सूजन को भी कम करने में मददगार है।
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2. कोलेस्ट्रॉल के लिए लहसुन- Benefits of Garlic Reduce Cholesterol Level
लहसुन की तासीर गर्म होती है, इसलिए ठंड के मौसम में इसका सेवन भरपूर मात्रा में किया जाता है। लहसुन कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद करता है और हार्ट हेल्थ को सुधारता है। गट हेल्थ कोच का कहना है कि रोजाना थोड़ी मात्रा में लहसुन खाने से एलिसिन का स्तर घटता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल को मैनेज करने में मदद मिलती है।
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3. डायबिटीज में दालचीनी- Benefits of Cinnamon in Diabetes
दालचीनी में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो इंसुलिन का उत्पादन बढ़ाने में मदद करते हैं। रोजाना 1 चुटकी दालचीनी पाउडर का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। साथ ही, दालचीनी डायबिटीज के कारण होने वाली इंफ्लेमेशन और सेंसिटिविटी को भी सुधारता है। इतना ही नहीं, दालचीनी का सेवन करने से फास्टिंग शुगर को भी कंट्रोल किया जा सकता है।
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4. फाइब्रोमायल्जिया के लिए लाल मिर्च- cayenne pepper for fibromyalgia
फाइब्रोमायल्जिया एक तरह का विकार है। इस बीमारी में मांसपेशियों और हड्डियों में बहुत ज्यादा दर्द होता है। फाइब्रोमायल्जिया के कारण होने वाले दर्द से लाल मिर्च राहत दिला सकती है। लाल मिर्च में विटामिन ए, विटामिन बी1, बी2, बी3, के और बी9 होता है, जो मांसपेशियों और हड्डियों के दर्द से राहत दिलाता है।
5. दांतों के दर्द के लिए लौंग- Clove Benefits of Dental Problem
दांत के दर्द से राहत दिलाने के लिए लौंग और लौंग के तेल का इस्तेमाल प्राचीन काल से किया जा रहा है। लौंग में मौजूद यूजेनॉल एक शक्तिशाली दर्द निवारक है। दांत दर्द में साबुत लौंग और लौंग के तेल का इस्तेमाल किया जाए, तो यह मसूड़ों के दर्द और सूजन को कम करता है। इसकी मदद से दांतों के दर्द से राहत मिलती है।
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6. इनसोम्निया में जायफल- Benefits of Nutmeg for insomnia
इनसोम्निया जिसे अनिद्रा भी कहा जाता है। नींद से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इसमें नींद आने या सोते रहने में दिक्कत होती है। इनसोम्निया से राहत दिलाने में जायफल बहुत फायदेमंद होता है। जायफल में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर के दर्द से राहत दिलाने और दिमाग को शांत करने में मदद करते हैं। रोजाना रात को सोने से पहले जायफल वाला दूध पीने से इनसोम्निया से राहत मिलती है।
7. ब्लोटिंग के लिए हरी इलायची- Green cardamom for bloating
हरी इलायची में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो ब्लोटिंग और पाचन से जुड़ी अन्य समस्याओं से राहत दिलाते हैं। हरी इलायची में एलीटेरिन और एलेप्टीन जैसे कंपाउंड होते हैं, जो पाचन तंत्र को शांत करते हैं। रोजाना सुबह खाली पेट 2 हरी इलायची खाने से ब्लोटिंग की समस्या नहीं होती है।
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8. माइग्रेन के लिए काली मिर्च- Black pepper for migraine
काली मिर्च शरीर की इंफ्लेमेशन को घटाते हैं। रोजाना थोड़ी मात्रा में काली मिर्च का सेवन करने से माइग्रेन के दर्द और माइग्रेन से जुड़ी अन्य समस्याओं से राहत मिलती है। काली मिर्च में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स जोड़ों और घुटनों के दर्द से भी छुटकारा दिलाते हैं।
9. थायराइड में ब्राजील नट्स- Brazil nuts in thyroid
ब्राजील नट्स में सेलेनियम पाया जाता है, जो थायराइड के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। रोजाना थोड़ी मात्रा में ब्राजील नट्स का सेवन करने से थायराइड फंक्शन को सुधारने में मदद मिलती है। साथ ही, यह हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों को भी कम करने में मदद करता है। एक्सपर्ट का कहना है कि थायराइड ग्रंथि के टिश्यू में ज्यादा सेलेनियम होता है। यह थायराइड को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाने में मदद करता है।
10. पीरियड्स के लिए स्टार एनिस
किचन में मौजूद स्टार एनिस या चक्रफूल महिलाओं को होने वाले पीरियड्स पेन और पीरियड्स के दौरान होने वाली विभिन्न समस्याओं से राहत दिलाता है। स्टार एनिस में मैग्नीशियम, कैल्शियम, मैंगनीज, विटामिन बी1, बी2, बी3 और बी6 पाया जाता है। पीरियड्स के दौरान स्टार एनिस युक्त पानी और दूध का सेवन करने से पीरियड्स क्रैप्स, दर्द और ऐंठन से राहत मिलती है।
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सर्दियों में सेहतमंद रहने के लिए फॉलो करें ये डाइट प्लान- Diet Plan to Stay Healthy in Winters
- सुबह - रोजाना सुबह खाली पेट एक कप धनिया के बीज का पानी पिएं।
- नाश्ता - ढेर सारी सब्जियों के साथ एक कटोरी वेजिटेबल पोहा खाएं।
- मध्य भोजन - एक गिलास काली गाजर की कांजी या कोई अन्य मौसमी सब्जी की कांजी लें।
- दोपहर का भोजन - 1-2 मेथी और बाजरे की रोटी + पुदीना और धनिया की चटनी खाएं।
- दोपहर के भोजन के बाद - एक कप सौंफ और अजवाइन का पानी जरूर पिएं।
- शाम - एक कप ग्रीन टी और मुट्ठी भर भुने हुए मखाने खाएं।
- रात का खाना - एक कटोरी गर्म ब्रोकली और गाजर का सूप और हरी सब्जियों का सलाद खाएं।
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निष्कर्ष
सर्दियों में बीमारी से मुक्त रखने के लिए खानपान पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। ठंड में संक्रमण और बीमारियों से बचाव करने के लिए खाने में ऐसी चीजों को शामिल करें, जिसकी तासीर गर्म होती है।