गर्भावस्थआ के दौरान महिलाओं को अपने खानपान का विशेष ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। इसका कारण यह है कि गर्भवती स्त्री जो भी खाती-पीती है, उसका असर उनके बच्चे पर भी पड़ता है। स्वस्थ शिशु के लिए जरूरी है कि मांएं इस दौरान अपने खानपान पर कंट्रोल रखें। गलत आहारों के सेवन से न सिर्फ मां और शिशु को परेशानी हो सकती है, बल्कि शिशु का शारीरिक और मानसिक विकास भी प्रभावित हो सकता है। यहां तक कि कई आहार ऐसे भी हैं, जिनके सेवन से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए हर गर्भवती स्त्री के लिए गर्भावस्था के दौरान खानपान के इन 10 नियमों का पालन करना जरूरी है।
प्रेग्नेंसी के दौरान खानपान में जरूरी 10 सावधानियां
- चाय और कॉफी का सेवन बिल्कुल कम कर देना चाहिए या बंद कर देना चाहिए। इनमें मौजूद कैफीन नामक तत्व समय से पहले शिशु के जन्म (प्रीमेच्योर डिलीवरी) और गर्भपात का कारण बन सकता है।
- बैंगन, मिर्ची, प्याज, लहसुन, हिंग, बाजरा, गुड़ का सेवन कम से कम मात्रा में करना चाहिए, खासकर के उनको जिनका किसी न किसी कारण से पहले गर्भपात हो चुका है।
- अगर आप गर्भवती हैं तो सिगरेट और शराब बिल्कुल ना पिएं। इन से आपके होने वाले बच्चे को नुकसान हो सकता है।
- कच्चे या खुले दूध के बजाय पैकेट वाले दूध का इस्तेमाल करना चाहिए। कच्चे दूध में लिस्टेरिया नामक जीवाणु मौजूद हो सकते हैं जो कि गर्भपात का कारण बन सकते हैं।
- कच्चे मांस का सेवन बिलकुल भी न करें, क्योंकि कच्चा मांस आपको साल्मोनेला या टॉक्सोप्लॉस्मोसिस से संक्रमित कर सकता है।
- मैदे से बनाये गए आहारों, ज्यादा चीनी वाले आहारों, सॉफ्ट ड्रिंक्स आदि का सेवन बिल्कुल न करें। ये आपके पेट में गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं।
- आयुर्वेद के अनुसार गर्भावस्था में जायफल का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
- कच्चे या अधपके पपीते का सेवन करना भी खतरनाक हो सकता है।
- उबले अंडे खा सकती हैं मगर कच्चे अंडे और कच्चे अंडे से बने आहार (केक, पेस्ट्री, मेयोनीज) आदि का सेवन न करें, क्योंकि इनमें सलमोनेला वायरस हो सकते हैं, जो इंफेक्शन पैदा कर देते हैं।
- मछली में कई बार पारा (मरकरी) की मात्रा होती है, इसलिए इसका सेवन करना कई बार खतरनाक हो सकता है। मरकरी की थोड़ी मात्रा भी गर्भपात का कारण बन सकती है।
एक बात याद रखें कि ज़रा से भी गलत आहार के सेवन से न सिर्फ आप मुश्किल में पड़ सकती हैं, बल्कि आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसलिए सोच समझकर हीं कुछ खाएं।
इसे भी पढ़ें:- किट से प्रेग्नेंसी चेक करते समय रखें ये 5 सावधानियां, मिलेगा सही रिजल्ट
टॉप स्टोरीज़
प्रेग्नेंसी के दौरान क्या खाना है सेहतमंद
- नाश्ता अधिक देर से न करें, सुबह उठने के कुछ समय पश्चात ही नाश्ता कर लें। साथ ही दाल, चावल, सब्जियां, रोटी और फलों को अपने दैनिक आहार में शामिल करें।
- गर्भावस्था के दौरान हरी सब्जियां खाना बहुत ही लाभदायक होता है लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि हरी सब्जियां ताजे एवं स्वच्छ हों। इसके लिए आप बाजार से सब्जियां खरीदने के बाद अच्छी तरह से साफ पानी से दो तीन बार धो लिया करें। ऐसा करने से न सिर्फ सब्जियों में मौजूद जीवाणु साफ हो जाते हैं बल्कि अगर उनके ऊपर किसी तरह के कीटनाशक का छिड़काव किया गया होगा तो वह भी धुल जायेगा।
- दैनिक आहार में हरी सब्जि़यां, दूध, उबला भोजन, अंकुरित चना, अंडे को जरूर शामिल करना चाहिए क्योंकि गर्भ में पल रहे शिशु को मां के आहार से ही पोषण मिलता है।
- गर्भावस्था में आपको बादाम, अखरोट, सूखे एप्रीकोट खाने की काफी इच्छा होती है। इसलिए आप इन्हें भी अपने स्नैक्स में शामिल कर सकते हैं। इससे आप और आपका बच्चा स्वस्थ रहेंगा।
- गर्भावस्था में हेल्थी स्नैक्स के लिए फ्रूट सलाद का इस्तेमाल काफी सेहत भरा है। सभी फलों को अच्छे से धो कर काट लें और उससे अच्छे से प्लेट में सजाएं और उसमें अपने स्वादानुसार क्रीम या चीज डाल लें और आराम से इस हेल्थी स्नैंक्स का मजा लिजिए। लेकिन ध्यान रहें पपीता व अननास का प्रयोग नहीं करें।
- सब्जियों को मेथी का तड़का देकर बनाएं। मेथी के सेवन से गर्भाशय शुद्ध रहता है और भूख अधिक लगती है।
- गर्भवती महिलाओं को नमक कम से कम खाना चाहिए इससे रक्तचाप नॉर्मल रहता है।
व्यायाम करना होता है फायदेमंद
गर्भावस्था के पहली तिमाही में व्यायाम करने से महिलाएं को तनाव व अनिद्रा राहत मिलती है। विशेषज्ञों के मुताबिक ज्यादातर महिलाएं गर्भावस्था के दौरान भी व्यायाम कर सकती हैं, लेकिन इस बारे में अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। अगर आप गर्भावस्था में व्यायाम की शुरुआत करना चाहती हैं तो नियमित रुप से आधा घंटा टहलना, स्वीमिंग, पिलातेस व योग अभ्यास किया जा सकता है। व्यायाम के दौरान ब्लड प्रेशर व ब्लड शुगर में बदलाव के कारण पहली तिमाही में चक्कर आना व थकान की समस्या हो सकती है। अगर इस तरह की कोई भी समस्या हो तो व्यायाम करना बंद कर दें और लेट जाएं इससे आप थोड़ी देर में बेहतर महसूस करने लगेंगी।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Women's Health in Hindi