Water Fasting Benefits: आज के समय में वजन कम करने के लिए लोग तमाम तरह के उपाय अपनाते हैं। फास्टिंग, डाइटिंग और एक्सरसाइज समेत कई तरह के उपाय वजन कम करने के लिए अपनाएं जाते हैं। लेकिन वजन कम करने के लिए बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी तरह के उपायों को अपनाने से बचना चाहिए। आज के समय में वजन कम करने के लिए वॉटर फास्टिंग भी ट्रेंड में है। इंटरनेट और सोशल मीडिया पर भी वजन कम करने के लिए वॉटर फास्टिंग को फायदेमंद बताया जा रहा है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं वजन कम करने के लिए वॉटर फास्टिंग कितना प्रभावी है और इसके बारे में।
वॉटर फास्टिंग क्या है?
नोएडा स्थित आरोग्यं हेल्थ सेंटर के क्लीनिकल डाइटिशियन डॉ वीडी त्रिपाठी कहते हैं, "वॉटर फास्टिंग एक तरह का उपवास या फास्ट है, जिसमें व्यक्ति सिर्फ पानी पिता है और इसके अलावा किसी भी तरह का ठोस या लिक्विड फूड्स नहीं लेता है।" वॉटर फास्टिंग एक तरह का हार्ड फास्टिंग प्रैक्टिस है और इसे कई दिनों या हफ्तों तक किया जाता है। वॉटर फास्टिंग शरीर के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसे केवल चिकित्सीय देखरेख में या विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
वॉटर फास्टिंग के फायदे
वॉटर फास्टिंग शरीर के लिए इस तरह से फायदेमंद हो सकता है-
- वजन कम करना: वॉटर फास्टिंग से तेजी से वजन कम हो सकता है क्योंकि इससे शरीर फैट को ऊर्जा के लिए जलाने लगता है।
- स्वास्थ्य स्थितियों में सुधार: कुछ लोगों का मानना है कि वॉटर फास्टिंग से कुछ स्वास्थ्य स्थितियों जैसे कि ऑटोइम्यून बीमारियां, सूजन और पाचन समस्याओं में फायदा मिल सकता है।
- शरीर की सफाई: वॉटर फास्टिंग के दौरान, शरीर विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने की कोशिश करता है, जिससे शरीर की सफाई होती है।
- मन की शांति: कुछ लोगों का मानना है कि वॉटर फास्टिंग से मानसिक स्पष्टता और शांति मिलती है।
वॉटर फास्टिंग के नुकसान
वॉटर फास्टिंग के कई नुकसान भी हो सकते हैं, जो इस तरह से हैं-
- कमजोरी और थकान: वॉटर फास्टिंग के दौरान शरीर को ऊर्जा के लिए फैट का उपयोग करना पड़ता है, जिससे कमजोरी और थकान हो सकती है।
- चक्कर आना और सिरदर्द: वॉटर फास्टिंग के कारण डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे चक्कर और सिरदर्द हो सकता है।
- कब्ज: वॉटर फास्टिंग के दौरान पाचन प्रणाली धीमी हो जाती है, जिससे कब्ज हो सकता है।
- बुखार: कुछ लोगों को वॉटर फास्टिंग के दौरान बुखार आ सकता है, जो शरीर के डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है।
- पोषण की कमी: लंबे समय तक वॉटर फास्टिंग करने से आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
- हार्ट की समस्याएं: वॉटर फास्टिंग से हृदय की समस्याएं हो सकती हैं, खासकर उन लोगों में जो पहले से ही हार्ट से जुड़ी स्थितियों के शिकार हैं।
वॉटर फास्टिंग कैसे काम करता है?
वॉटर फास्टिंग के दौरान, शरीर भोजन के बिना रहता है और ऊर्जा के लिए मौजूद फैट का उपयोग करने लगता है। यह प्रक्रिया केटोसिस कहलाती है। केटोसिस के दौरान, शरीर में कीटोन बॉडी बनती हैं, जो एक वैकल्पिक ऊर्जा सोर्स के रूप में काम करती हैं।
वॉटर फास्टिंग करने से पहले सावधानियां
वॉटर फास्टिंग करने से पहले, आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
- डॉक्टर की सलाह लें: वॉटर फास्टिंग करना बहुत ही कठिन है और इसे चिकित्सीय देखरेख में या विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही करना चाहिए।
- शारीरिक परीक्षण करवाएं: वॉटर फास्टिंग शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से शारीरिक परीक्षण करवाएं।
- धीरे-धीरे शुरू करें: अगर आप वॉटर फास्टिंग करना चाहते हैं, तो धीरे-धीरे शुरू करें और समय के साथ अवधि बढ़ाएं।
- पर्याप्त पानी पिएं: वॉटर फास्टिंग के दौरान पर्याप्त पानी पीना बहुत महत्वपूर्ण है।
- आराम करें: वॉटर फास्टिंग के दौरान पर्याप्त आराम लें।
वॉटर फास्टिंग एक कठिन उपवास है और इसे केवल चिकित्सीय देखरेख में या विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही करना चाहिए। इसमें कई फायदे हो सकते हैं, लेकिन गलत तरीके से करने से आपको नुकसान भी पहुंच सकता है। वॉटर फास्टिंग करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें और उनकी सलाह के बाद ही इसे अपनाएं।
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