न्यूट्रल स्पाइन क्या है और शरीर के लिए क्यों है जरूरी? जानें डॉक्टर से

स्पाइन तभी ठीक रहती है, जब आपकी न्यूट्रल स्पाइन दुरुस्त रहती है। कई लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं होती है। चलिए डॉक्टर से जानते हैं इस बारे में।
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न्यूट्रल स्पाइन क्या है और शरीर के लिए क्यों है जरूरी? जानें डॉक्टर से


स्वस्थ रहने के लिए शरीर के सभी अंगों का सुचारू रूप से काम करना बेहद जरूरी होता है। स्पाइन यानि रीढ़ की हड्डी को इंसान का सबसे बड़ा सपोर्ट माना जाता है। यह आपकी बॉडी मूवमेंट में अहम भूमिका निभाती है। स्पाइन तभी ठीक रहती है, जब आपकी न्यूट्रल स्पाइन दुरुस्त रहती है। कई लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं होती है। इस लेख के माध्यम से आज हम दिल्ली के अग्रवाल होम्यो क्लीनिक के डॉ. पंकज अग्रवाल से जानेंगे न्यूट्रल स्पाइन क्या है और यह शरीर के लिए कैसे जरूरी होती है? 

क्या है न्यूट्रल स्पाइन? 

न्यूट्रल स्पाइन रीढ़ की हड्डी की एक पोजिशन है। दरअसल, स्पाइन में 3 कर्व्स होती हैं, जो उसे ठीक रखने में मदद करती हैं। न्यूट्रल स्पाइन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आपकी स्पाइन में मौजूद सर्वाइकल कर्व, थोरासिक कर्व और निचले हिस्से में पाई जाने वाली लुंबर कर्व अपने अलाइंमेंट में रहती हैं। इन सभी कर्व के ठीक रहने को ही न्यूट्रल स्पाइन कहा जाता है। 

 

 

 

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शरीर के लिए क्यों होती है जरूरी? 

न्यूट्रल स्पाइन शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाती है। दरअसल, न्यूट्रल कर्व्स स्पाइन के पार्ट्स जैसे डिस्क, लिगामेंट्स, टेंडन, मांसपेशियों और हड्डियों की मूवमेंट में मदद करने के साथ ही इन्हें डैमेज होने से भी बचाती हैं। इसलिए अपनी न्यूट्रल कर्व्स के मेनटेन रखना बेहद जरूरी होता है। इसे दुरुस्त रखने के लिए आपको अपने पेल्विक फ्लोर या फिर हिप्स पर बहुत ज्यादा प्रेशर डालने से बचना चाहिए। 

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न्यूट्रल स्पाइन को मेनटेन रखने के लिए क्या करें? 

  • न्यूट्रल स्पाइन को मेनटेन रखने के लिए आपको नियमित तौर पर एक्सरसाइज करनी चाहिए और फीजिकली एक्टिव भी रहना चाहिए। 
  • न्यूट्रल स्पाइन कर्व्स को दुरुस्त रखने के लिए आपको अपने पेल्विक फ्लोर और पेट की मांसपेशियों को दुरुस्त रखना चाहिए। 
  • इस पोजिशन को चेक करने के लिए आपको जमीन पर लेटकर अपने घुटनों को मोड़ना है और पैरों को पैरलल दिशा में करना है। इसके बाद अपने हाथों को रिलैक्स करके आराम से लेट जाएं। 
  • इसे दुरुस्त रखने के लिए रनिंग और वॉकिंग करना भी एक बेहतर विकल्प होता है। 
  • स्क्वैटिंग या वेट लिफ्टिंग करते हुए अपनी रिब केज का ध्यान रखें। इसपर ज्यादा दबाव नहीं पड़ने दें।

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