What is Silk Eye Surgery: आंखों से जुड़ी बीमारियों का जोखिम खानपान में गड़बड़ी, खराब जीवनशैली, बहुत ज्यादा देर तक डिजिटल उपकरणों के इस्तेमाल से बढ़ा है। आज के समय में तो कम उम्र में ही बच्चों को भी चश्मा लगवाने की जरूरत पड़ जाती है। चश्मे से छुटकारा पाने के लिए वैसे तो लोग कई तरह की चीजों का सहारा लेते हैं। कुछ लोग चश्मे की जगह लेंस का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन लेंस पहनने पर आंखों की विशेष देखभाल करने की जरूरत होती है। लेंस पहनने के बाद अगर आप जरा सी भी लापरवाही करते हैं, तो इसकी वजह से आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है। चश्मा हटाने के लिए आंखों की सिल्क आई सर्जरी (Silk Eye Surgery) एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं आंखों के लिए सिल्क आई सर्जरी के बारे में।
सिल्क आई सर्जरी क्या है?- What is Silk Eye Surgery in Hindi
सिल्क आई सर्जरी आंखों से चश्मा हटाने की एक एडवांस सर्जरी है। इसका इस्तेमाल पूरी दुनिया में किया जाता है। सिल्क आई सर्जरी के माध्यम से कुछ ही सेकंड में आप आंखों से चश्मा हटा सकते हैं। सीतापुर आंख अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ धर्मेंद्र सिंह कहते हैं, "सिल्क आई सर्जरी मिनिमम लेजर तकनीक है, जिसके माध्यम से कुछ ही सेकंड में चश्मे से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। इस तकनीक में कई अत्याधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। बिना किसी तकलीफ के होने वाली यह सर्जरी बेहद एडवांस तकनीक से की जाती है। इस सर्जरी के बाद आंखों की रोशनी भी बढ़ जाती है।"
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सिल्क आई सर्जरी के फायदे- Silk Eye Surgery Benefits in Hindi
आंखों की रोशनी बढ़ाने और चश्मा हटाने के लिए सिल्क आई सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है। महंगी और बेहद एडवांस होने के कारण यह तकनीक पहले भारत में मौजूद नहीं थी, लेकिन अब कुछ अस्पतालों में यह सर्जरी हो सकती है। सिल्क आई सर्जरी में एलीटा मशीन का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी वजह से यह सर्जरी ज्यादा सेफ और सुरक्षित हो जाती है। सिल्क आई सर्जरी इन स्थितियों में ज्यादा फायदेमंद होती है-
- आंखों से चश्मा हटाने के लिए
- आंख की रोशनी बढ़ाने के लिए
- मायोपिया समेत आंख की बीमारियों में
सिल्क आई सर्जरी बेहद एडवांस सर्जरी है, इसलिए इसका खर्च भी आम सर्जरी की तुलना में ज्यादा रहता है। आंखों से जुड़ी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए आप इस सर्जरी का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर कर सकते हैं। सर्जरी से पहले और बाद में कुछ चीजों का ध्यान रखने से आप इसकी वजह से होने वाली परेशानियों से भी बच सकते हैं।
आमतौर पर आंखों की नजर कमजोर होने की समस्या 60 साल की उम्र के बाद देखी जाती थी, लेकिन आज के समय में खानपान और जीवनशैली से जुड़ी गड़बड़ी के कारण यह समस्या कम उम्र में भी आम हो गयी है। डिजिटल डिवाइस का ज्यादा इस्तेमाल भी आंखों की रोशनी को कमजोर कर रहा है। आंखों से जुड़ी परेशानियों के लक्षणों को सही समय पर पहचान कर उचित कदम उठाने से आप इसका शिकार होने से बच सकते हैं।
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