
Normal Sleeping Heart Rate: हार्ट और नींद का गहरा कनेक्शन है। नींद पूरी न करने का बुरा असर हार्ट की सेहत पर पड़ता है। नींद पूरी नहीं होगी, तो बीपी तेजी से बढ़ जाएगा। बीपी बढ़ने के कारण स्लीप एपनिया की समस्या हो सकती है। नींद पूरी न होने के कारण आगे चलकर हार्ट की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट नॉर्मल है या नहीं, इसके लिए हम हार्ट रेट चेक करते हैं। यानी प्रति मिनट कितनी बार हार्ट की धड़कन सुनाई देती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिशन के मुताबिक, हार्ट रेट की सामान्य दर 60 से 100 बीट्स प्रति मिनट के बीच हो सकती है। वहीं सोते समय हार्ट रेट बदलता है। जानते हैं कि सोने के दौरान सामान्य हार्ट रेट कितना होना चाहिए। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के पल्स हॉर्ट सेंटर के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ अभिषेक शुक्ला से बात की।

नॉर्मल स्लीपिंग हार्ट रेट कितना होना चाहिए?- Normal Sleeping Heart Rate
सभी का हार्ट रेट सामान्य नहीं होता। लेकिन एक तय अनुमान की बात करें, तो सोते समय हार्ट रेट 40 से 50 बीट्स प्रति मिनट होना चाहिए। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन, बायोटेक इंफॉर्मेशन के मुताबिक, 15-18 वर्ष की उम्र में नॉर्मल स्लीपिंग हार्ट रेट 58-92 बीट्स प्रति मिनट होता है। 6-8 वर्ष की उम्र में हार्ट रेट 74-110 बीट्स प्रति मिनट हो सकता है। 6 से 9 महीने के बच्चे में यह रेट 14-152 बीट्स प्रति मिनट होता है। वहीं सामान्य हार्ट रेट की बात करें, तो यह 60 से 100 बीट्स प्रति मिनट होता है। अगर आपके हार्ट रेट में बदलाव महसूस हो रहा है, तो कलाई पर बीट्स को महसूस करके गिन लें कि एक मिनट में हार्ट रेट कितना आ रहा है। आसामान्य लक्षण नजर आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
नींद के साथ बदलता है हार्ट रेट- Heart Rate Changes With Sleep
हमारा हार्ट रेट सोते समय, सामान्य स्तर के मुकाबले कम होता है। हालांकि हमारे नींद का पैटर्न जैसे-जैसे बदलता है, वैसे ही हार्ट रेट में भी बदलाव आता है। शुरू में हार्ट रेट धीमा होना शुरू होता है, गहरी नींद में हार्ट रेट सबसे कम हो जाता है। अचानक से उठने के कारण हार्ट रेट सामान्य से ऊपर चला जाता है।
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हाई या लो हार्ट रेट से कैसे बचें?- High or Low Heart Rate Prevention Tips
- अगर आप तनाव में हैं, तो हार्ट रेट कम या ज्यादा हो सकता है। इसलिए तनाव को कम करने के लिए डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज की मदद लें।
 - प्रेग्नेंसी के दौरान भी हार्ट रेट कम या ज्यादा हो सकता है इसलिए इस दौरान विशेष सावधानी बरतें और स्वस्थ जीवनशैली जिएं।
 - रोजाना एक्सरसाइज करके आप हार्ट रेट को नॉर्मल कर सकते हैं।
 - दवाओं का ज्यादा सेवन करने या कैफीन का ज्यादा सेवन करने के कारण भी हार्ट रेट बढ़ सकता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बगैर दवा का सेवन न करें और हेल्दी डाइट पर फोकस करें।
 
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