Post Cardiac Arrest Care Tips: खानपान से जुड़ी गड़बड़ी, खराब जीवनशैली, स्मोकिंग और शराब का सेवन समेत कई ऐसे फैक्टर हैं, जिनकी वजह से हार्ट से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। कम उम्र में हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर और कार्डियक अरेस्ट जैसी समस्याएं आम हो गयी हैं। दुनियाभर में हार्ट डिजीज की वजह से होने वाली मौतें पहले नंबर पर हैं। कार्डियक अरेस्ट को अक्सर लोग हार्ट अटैक समझ लेते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। कार्डियक अरेस्ट होने पर आपके हार्ट की फंक्शनिंग अचानक बंद हो जाती है। इस स्थिति में मरीज को तुरंत सही इलाज नहीं मिलने पर उसकी मौत हो जाती है। कार्डियक अरेस्ट होने पर व्यक्ति के दिमाग में खून की सप्लाई भी बंद हो जाती है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं कार्डियक अरेस्ट के बाद मरीज को अपनी सेहत का ध्यान कैसे रखना चाहिए और इससे जुड़ी सावधानियां।
कार्डियक अरेस्ट के बाद कैसे रखें अपनी सेहत का ध्यान- Post Cardiac Arrest Care Tips in Hindi
लखनऊ के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. केके कपूर कहते हैं कि, "कार्डियक अरेस्ट की समस्या में व्यक्ति के दिल की धड़कन भी सामान्य से बढ़कर 300-400 तक पहुंच जाती है। इसकी वजह से हार्ट काम करना बंद कर देता और शरीर में खून की सप्लाई बंद हो जाती है। इस स्थिति में सही समय पर इलाज न मिलने के कारण मरीज की मौत हो जाती है।" कार्डियक अरेस्ट के बाद ठीक होने पर इसका खतरा खत्म नहीं हो जाता है। इसके बाद भी मरीजों को सावधानियों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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कार्डियक अरेस्ट के मरीजों को जरूर ध्यान रखनी चाहिए ये बातें-
1. डाइट का रखें विशेष ध्यान
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बाद मरीज को डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस स्थिति में मरीज अपने पोर्शन साइज का विशेष ध्यान रखना चाहिए और डाइट में ताजे फल और हरी सब्जियों को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा संतुलित मात्रा में ड्राई फ्रूट्स और नट्स का सेवन करें। मोटे अनाज का ज्यादा सेवन करें और प्रोसेस्ड व अनहेल्दी फूड्स के सेवन से बचें।
2. स्मोकिंग से बचें
धूम्रपान या स्मोकिंग की वजह से हार्ट पर बहुत बुरा असर पड़ता है। स्मोकिंग करने से आपको दोबारा हार्ट फेलियर और अटैक का खतरा है। यही नहीं सेकंड हैंड स्मोकिंग से भी इसका खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, सेकेंड हैंड धुएं के आसपास रहने से बचें। इससे हार्ट अटैक के जोखिमों को कम करने में मदद मिलती है।
3. एक्सरसाइज करें
नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है। कार्डियक अरेस्ट के बाद मरीजों को रोजाना लो इंटेंसिटी एक्सरसाइज का अभ्यास जरूर करना चाहिए।
4. समय समय पर कराएं मेडिकल टेस्ट
कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के बाद खतरे को कम करने के लिए समय-समय पर मेडिकल चेकअप्स कराने चाहिए। हाई कोलेस्ट्रॉल, बीपी बढ़ने और डायबिटीज की वजह से आपकी परेशानियां बढ़ सकती हैं। इसलिए समय-समय जांच जरूर कराएं।
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बहुत ज्यादा तनाव लेना और स्मोकिंग करने से कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज से पीड़ित लोगों में कार्डियक अरेस्ट का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। इसलिए हार्ट की बीमारी से जूझ रहे मरीजों को समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और जरूरी सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए।
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