Cardiac Arrest Symptoms in Hindi: आज के समय में हार्ट से जुड़ी बीमारियों के मरीज दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते कुछ सालों का आंकड़ा देखें तो कार्डियक अरेस्ट की वजह से होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ी है। कार्डियक अरेस्ट को लेकर लोगों में जानकारी और जागरूकता की कमी के कारण इसकी वजह से होने वाली मौतों में लगातार इजाफा हो रहा है। अक्सर लोग कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक को एक मान बैठते हैं, जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। कार्डियक अरेस्ट होने पर आपके हार्ट की फंक्शनिंग अचानक बंद हो जाती है। इस स्थिति में मरीज को तुरंत सही इलाज नहीं मिलने पर उसकी मौत हो जाती है। कार्डियक अरेस्ट होने पर व्यक्ति के दिमाग में खून की सप्लाई भी बंद हो जाती है। कार्डियक अरेस्ट आने से पहले आपके शरीर में कई ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं, जिनके बारे में पहले से पता होने पर आप अपना बचाव कर सकते हैं। आइए जानते हैं कार्डियक अरेस्ट आने से पहले शरीर में दिखने वाले संकेत और लक्षणों के बारे में।
कार्डियक अरेस्ट आने से पहले दिखने वाले लक्षण- Cardiac Arrest Warning Signs in Hindi
कार्डियक अरेस्ट का खतरा असंतुलित खानपान और खराब लाइफस्टाइल वाले लोगों में ज्यादा रहता है। हालांकि हाल के दिनों में कई ऐसे लोगों में भी यह समस्या देखी गयी है, जो हेल्दी लाइफस्टाइल और खानपान का पालन करते हैं। कार्डियक अरेस्ट की समस्या में व्यक्ति के दिल की धड़कन भी सामान्य से बढ़कर 300-400 तक पहुंच जाती है। इसकी वजह से हार्ट काम करना बंद कर देता और शरीर में खून की सप्लाई बंद हो जाती है। कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ने पर शरीर में कई ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं, जिन्हें सही समय पर पहचान कर आप इस समस्या का शिकार होने से बच सकते हैं।
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कार्डियक अरेस्ट की शुरुआत में आपके शरीर में ये संकेत दिखाई देते हैं-
- कार्डियक अरेस्ट से पहले बेहोशी और बहुत ज्यादा पसीना आना
- दिल की धड़कन का असामान्य होना
- सांस लेने में तकलीफ और गंभीर परेशानी
- जी घबराना और बेचैनी
- कार्डियक अरेस्ट से पहले अकेलापन महसूस होना
- आंख के सामने अंधेरा छा जाना
- जी मिचलाना, उल्टी और मतली की समस्या
- सीने में दर्द और उलझन
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कार्डियक अरेस्ट आने पर क्या करें?- What is The First Aid For Cardiac Arrest?
कार्डियक अरेस्ट आने पर डॉक्टर तक पहुंचने में देरी मरीज के लिए जानलेवा मानी जाती है। इस स्थिति में तुरंत इलाज मिलने से मरीज की जान बचाई जा सकती है। कार्डियक अरेस्ट आने पर बिना डॉ किये हुए मरीज को अस्पताल ले जाना चाहिए। इसके अलावा इस दौरान आप मरीज के हाथ और पैर के तलवों को तेजी से रगड़ें। इसके अलावा कार्डियक अरेस्ट आने पर सीपीआर देना बहुत जरूरी माना जाता है। सीपीआर से मरीज की जान बचाने में काफी मदद मिलती है। इसके अलावा कार्डियक अरेस्ट आने तुरंत एम्बुलेंस को फोन करना चाहिए और मरीज को नजदीकी हॉस्पिटल में ले जाना चाहिए।
कार्डियक अरेस्ट से बचाव- Cardiac Arrest Prevention Tips in Hindi
कार्डियक अरेस्ट का खतरा ऐसे लोगों में ज्यादा रहता है, जिनकी जीवनशैली और खानपान असंतुलित होता है। बहुत ज्यादा तनाव लेना और स्मोकिंग करने से कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज से पीड़ित लोगों में कार्डियक अरेस्ट का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। इसलिए हार्ट की बीमारी से जूझ रहे मरीजों को समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और जरूरी सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा हार्ट से जुड़ी बीमारियों या कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए आपको हेल्दी और संतुलित जीवनशैली और खानपान का ध्यान रखना चाहिए। बहुत ज्यादा तैलीय और मसालेदार फूड्स का सेवन कम करने और शराब व स्मोकिंग से बचने से आप इस समस्या के खतरे को कम कर सकते हैं।
(Image Courtesy: Freepik.com)
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