कपिल देव ने 1983 विश्व कप में भारत को जीत दिलाई थी। तब से आज तक वे हजारों लोगों के पसंदीदा क्रिकेटर हैं। हालांकि कपिल देव की जर्नी इतनी आसान नहीं थी। उन्हें हार्ट की गंभीर बीमारी से गुजरना पड़ा था। जानकारी के मुताबिक, कपिल देव को साल 2020 में सीने में दर्द की शिकायत के बाद दिल्ली के अस्पताल में भर्ती किया गया था। जांच में डॉक्टरों ने उस समय बताया था कि उन्हें हार्ट अटैक आया था। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें, तो हार्ट के लक्षण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं। 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है और इसी कड़ी में ओनलीमायहेल्थ आपको हार्ट हेल्थ से जुड़ी जानकारी पूरे माह देता रहेगा। इस लेख में हम हार्ट अटैक के लक्षण, कारण और इलाज जानेंगे साथ ही जानेंगे कि एथलीट्स, हार्ट अटैक से बचने के लिए किन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने Asian Heart Institute, Mumbai के Senior Interventional Cardiologist, Dr Tilak Suvarna से बात की।
हार्ट अटैक का शिकार हुए थे कपिल देव
पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान कपिल देव की उम्र 63 साल है। जिस समय कपिल देव को हार्ट अटैक आया था, तब उनकी उम्र 61 साल थी। रात को अचानक सीने में दर्द की शिकायत के बाद कपिल को अस्पताल ले जाया गया था। डॉक्टरों की देखरेख में कपिल देव की इमरजेंसी कोरोनरी एंजियोप्लास्टी की गई थी। इलाज के बाद कपिल को छुट्टी दे दी गई थी। कपिल को लंबे समय से डायबिटीज भी है। डायबिटीज में ब्लड वैसल्स में ज्यादा कैल्शियम जमा हो जाता है। डॉ तिलक ने बताया कि हार्ट के केस कॉमन होते जा रहे हैं, आपको हार्ट की बीमारी के लक्षण नजर आते ही चेकअप करवाना है। जांच ही इससे बचने का उपाय है।
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हार्ट अटैक के लक्षण- Heart Attack Symptoms
- अचानक से पसीना आना।
- सांस फूलना।
- उल्टी आना या जी मिचलाना।
- अचानक थकान महसूस होना।
- धड़कन तेज या धीमे होने।
- सीने के बीच तेज दर्द होना।
हार्ट अटैक के कारण- Heart Attack Causes
- कोलेस्ट्रॉल बढ़ना।
- फैमिली हिस्ट्री।
- हाई बीपी।
- खराब जीवनशैली।
- ज्यादा तनाव में रहना।
- धूम्रपान या शराब का सेवन।
एथलीट्स हार्ट अटैक से कैसे बचें?- Heart Attack Prevention Tips
- खेल से पहले वॉर्म अप को स्किप करने से बचना चाहिए।
- धूम्रपान का सेवन न करें।
- वजन कंट्रोल में रखें और हेल्दी डाइट लें।
- आपको समय-समय पर डॉक्टर से जांच करवाते रहना चाहिए।
- हार्ट से जुड़ी कोई बीमारी हो, तो कोलेस्ट्रॉल और बीपी की जांच भी करवाते रहें।
- ज्यादा तनाव लेने से बचें।
हार्ट अटैक का इलाज- Heart Attack Treatment
हार्ट अटैक के बाद मेडिकल इलाज में मरीज की एंजियोप्लास्टी की जाती है। ये एक तरह की सर्जिकल प्रक्रिया है। एंजियोप्लास्टी की मदद से धमनियों के ब्लॉक को खोला जाता है और स्टेंट लगाया जाता है। छुट्टी देने से पहले मरीज को आमतौर पर 48 से 72 घंटों के लिए अस्पताल में रखा जाता है। इस प्रक्रिया में मरीज को अटैक आने के 5 घंटे के भीतर इलाज किया जाता है। इससे मरीज के दिल की मांसपेशियों को नुकसान से बचाया जा सकता है।
हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचानें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।