Doctor Verified

एंजियोप्लास्टी क्या है? जानें हृदय रोगियों को कब पड़ती है इसकी जरूरत

हार्ट डिजीज होने पर आप एंजियोप्लास्टी से रोग के जोखिम को कम कर सकते हैं। आगे जानते हैं इसके फायदे   
  • SHARE
  • FOLLOW
एंजियोप्लास्टी क्या है? जानें हृदय रोगियों को कब पड़ती है इसकी जरूरत

What is an angioplasty in Hindi: आज के समय में शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण मोटापे की समस्या होने लगी है। वहीं, जंक फूड आपको मोटापे के साथ ही, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हार्ट रोग जैसे समस्याओं का मुख्य कारण बन रहा है। यह आदते कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम करते हैं, जिससे हार्ट को ब्लड पंप करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। अगर इस समस्या का इलाज न किया जाए तो ऐसे में व्यक्ति को हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसमे डॉक्टर एंजियोप्लास्टी की सलाह दे सकते हैं। यह इलाज का एक तरीका है जिसमें बंद व अवरुद्ध हुई नसों को चौड़ा करने किया जाता है। डॉक्टर के अनुसार समय के साथ नसों में फैट, कोलेस्ट्रॉल, सेल्स और अन्य पदार्थों से प्लाक जमा हो सकता है। इस स्थिति को एथेरोक्लेरोसिस कहते हैं। इससे हार्ट रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। एंजियोप्लास्टी हृदय रोगियों के लिए एक आशा की किरण के रूप में काम करता है। इसने नसों को खोलने का काम किया जाता है। आगे डॉ. रजत गर्ग, कंसलटेंट न्यूरोलॉजी, नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पतला से जानते हैं एंजियोप्लास्टी क्या है और कैसे फायदेमंद हैं। 

एंजियोप्लास्टी क्या है? What is an angioplasty In Hindi 

एंजियोप्लास्टी, जिसे परक्यूटेनियस ट्रांसल्यूमिनल एंजियोप्लास्टी (पीटीए) या परक्यूटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (पीसीआई) के रूप में भी जाना जाता है। यह इलाज का एक तरीका है। जिसमें नसों की सिकुड़न और रुकावट हुई धमनियों को खोला जाता है। हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली कोरोनरी धमनियों में रुकावटों को दूर करने के लिए इस तकनीक का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है। आगे जानते हैं इसकी प्रक्रिया -

  • प्रभावित रक्त वाहिका तक पहुंचना: प्रभावित रक्त वाहिका तक पहुंचने के लिए, आमतौर पर कमर या कलाई क्षेत्र में एक छोटा चीरा लगाया जाता है।
  • कैथेटर का मार्गदर्शन करना: कैथेटर नामक एक पतली, लचीली ट्यूब को चीरे के माध्यम से नसे के अंदर डाला जाता है और  इमेजिंग तकनीकों का उपयोग करके रक्त वाहिकाओं के माध्यम से रुकावट वाली जगह पर ले जाया जाता है।
  • गुब्बारा फुलाना: एक बार जब कैथेटर अपनी स्थिति में आ जाता है, तो उसकी नोक पर एक छोटा गुब्बारा रुकावट वाली जगह पर फुलाया जाता है। यह तकनीक धमनी (नस) की दीवारों पर जमा प्लाक या फैट को कम कर देती है, जिससे धमनी (नसें) चौड़ी हो जाती है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर हो जाता है। 
  • स्टेंट लगाना (Stent Placement): कई मामलों में, एक स्टेंट, जो एक छोटी जालीदार ट्यूब होती है, रुकावट वाली जगह पर लगाई जाती है। स्टेंट धमनी को खुला रखने का कार्य करता है। 
  • रिकवरी : रिकवरी के बाद, कैथेटर हटा दिया जाता है, और चीरा बंद कर दिया जाता है। मरीजों को आमतौर पर अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले ही रिकवरी महसूस होने लगती है। 

angioplasty benefits in heart patient

हार्ट अटैक के बाद एंजियोप्लास्टी के फायदे - What are the benefits of angioplasty after a heart attack? 

आगे जानते हैं एंजियोप्लास्टी के फायदे क्या हो सकते हैं।

  • लक्षणों से तुरंत राहत मिलना
  • बड़ी सर्जरी नहीं होती है
  • लाइफ की क्वालिटी इम्प्रूव होना 
  • दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम होना, आदि। 

इसे भी पढ़ें: डायबिटीज रोगियों में अधिक रहता है हार्ट अटैक आने का जोखिम, इन 5 लक्षणों को न करें नजरअंदाज

कार्डियोवैस्कुलर इलाज के क्षेत्र में, एंजियोप्लास्टी व्यक्ति के लिए सरल और लेटस्ट तकनीक प्रदान करती है। इससे हार्ट अटैक का जोखिम कम हो जाता है। यदि समय रहते हार्ट डिजीज के लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो आगे चलकर आपको हार्ट डिजीज होन का खतरा कम हो जाता है। 

Read Next

हार्ट को हेल्दी रखने के लिए न्यूट्रिशन क्यों जरूरी होता है? जानें स्वस्थ हृदय के लिए 5 पोषक तत्व

Disclaimer