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क्या लाइफस्टाइल में बदलाव से कार्डियेक एरेस्ट से बचा जा सकता है? डॉक्टर से जानें

बीते कुछ वर्षों से हार्ट अटैक के रोगियों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। ऐसे में जानते हैं कि क्या लाइफस्टाइल में बदलाव से अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट से बचा जा सकता है?
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क्या लाइफस्टाइल में बदलाव से कार्डियेक एरेस्ट से बचा जा सकता है? डॉक्टर से जानें

बीते कुछ वर्षों से लोगों की लाइफस्टाइल में हुए बदलावों की वजह से हार्ट से जुड़ी समस्याओं का जोखिम बढ़ गया है। खानपान की गलत आदतों और शारीरिक गतिविधियों में कमी के कारण लोगों को मोटापा और स्ट्रेस आदि का सामना करना पड़ा है। इन सभी कारकों के अलावा अन्य कारणों के चलते लोगों में हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, कार्डियक अरेस्ट आदि समस्याओं का जोखिम बढ़ा है। डॉक्टर्स बताते हैं कि अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट  (Sudden Cardiac Arrest - SCA) व्यक्ति के लिए जानलेवा हो सकता है। इस स्थिति को तुरंत मेडिकल सपोर्ट की आवश्यकता होती है। हृदय तक रक्त न  पहुंचने और अन्य कारणों के चलते कार्डियक अरेस्ट आने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आगे डॉ ब्रजेश कुंवर सीनियर कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, स्ट्रक्चरल हार्ट डिजीज स्पेशलिस्ट एएचएनएम, (Dr Brajesh Kunwar- Sr Consultant Interventional Cardiology, Structural Heart Disease Specialist, AHNM) से जानते हैं कि जीवनशैली से जुड़े किन बदलाव को अपनाकर अचानक कार्डियक अरेस्ट की संभावना को कम कर किया जा सकता है। 

क्या लाइफस्टाइल में बदलाव से कार्डियेक एरेस्ट से बचा जा सकता है? - Can Lifestyle Changes Prevent Sudden Cardiac Arrests In Hindi 

एनआईएच की स्टडी के अनुसार लाइफस्टाइल में बदलाव करने से कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। लाइफस्टाइल में एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट को अपनाकर ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर किया जा सकता है। साथ ही, हार्ट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी मदद मिलती है। इससे व्यक्ति को अचानक दिखाई देने वाले लक्षणों से बचाव होता है। साथ ही, हृदय से जुड़ी अन्य बीमारियों का जोखिम भी काफी हद तक कम हो जाता है। हालांकि, अचानक कार्डियेक अरेस्ट आने का के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। लेकिन, इसकी गंभीरता को समय रहते ही हेल्दी लाइफस्टाइल के माध्यम से कम किया जा सकता है।

Can lifestyle changes prevent sudden cardiac arrests

नियमित रूप से एक्सरसाइज करें (Regular Physical Activity)

आज के दौर में ज्यादातर ऑफिस में डेस्क जॉब्स की जाती हैं। ऐसे में लोगों की शारीरिक गतिविधियों में कमी देखने को मिलती है। शरीरिक रूप से आलस और कम गतिविधि के कारण लोगों को मोटापा, बीपी आदि की समस्या का सामना करना पड़ता है। यह सभी हार्ट रोग को बढ़ाने के मुख्य कारक माने जाते हैं। ऐसे में आप सुबह व शाम कम से कम आधा घंटा अवश्य एक्सरसाइज के लिए निकालें। नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से वजन, तनाव और ब्लड सर्कुलेशन नियंंत्रित रहता है। इसके लिए आप रोजाना साइकिलिंग, ब्रिस्क वॉक, योग और स्वीमिंग की प्रैक्टिस कर सकते हैं। 

हेल्दी डाइट लेना शुरु करें (Adopt a Heart-Healthy Diet)

सही खानपान हृदय स्वास्थ्य का सबसे पहला और अहम आधार है। बीते कुछ वर्षों से युवाओं में जंक फूड, अत्यधिक तला भूना और अधिक चीनी नमक खाने की वजह से हृदय रोगों का जोखिम बढ़ा है। अचानक आने वाले कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए आप हेल्दी डाइट लेना शुरु करें। इसके लिए आप डाइट में फल, सब्जियों और साबुत अनाज को शामिल कर सकते हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त आहार जैसे कि अखरोट और फ्लैक्स सीड्स को लेना शुरु करें। साथ ही, हृदय रोगों से बचने के लिए आप कम फैट वाला दूध लें और अनावश्यक घी और मक्खन का सेवन न करें। एक बैलेंस डाइट को अपनाने से ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है, जो सीधे तौर पर हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं (Avoid Smoking and Excessive Alcohol)

आज के दौर में युवा हो या बुजुर्ग ज्यादातर लोगों को स्मोकिंग की आदत होती है। लेकिन, डॉक्टर्स बताते हैं कि स्मोकिंग और शराब के अधिक सेवन से हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों को नुकसान हो सकता है। साथ ही, इनसे दिल की धड़कने अनियमित हो सकती है। यह सभी कारक हार्ट पर दबाव की मुख्य वजह बन सकते हैं। इसी वजह से डॉक्टर हार्ट हेल्थ को बेहतर करने और अचानक कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए लोगों को धूम्रपान और शराब से दूरी बनाने की सलाह देते हैं। 

तनाव को कम करें (Manage Stress Effectively)

आज के समय में किसी व्यक्ति को काम का स्ट्रेस हो तो किसी को बिजनेस को आगे बढ़ाने का, ऐसे में व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य खराब होता है। लंबे समय तक तनाव में रहने से आपके हृदय पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते है। तनाव की वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या हो सकती है। साथ ही, हार्मोन असंतुलन भी हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में तनाव को दूर करने के लिए नियमित रूप से मेडिटेशन या प्राणायाम करें। इससे आपका स्ट्रेस धीरे-धीरे कम होने लगेगा। 

नियमित रूप से हृदय की जांच कराएं (Regular Health Check-Ups)

कई बार हृदय की बीमारियां बिना लक्षणों के धीरे-धीरे बढ़ती हैं। नियमित जांच से इनका समय पर पता चल सकता है और इलाज शुरू किया जा सकता है। हृदय रोग के किसी भी लक्षण को अनदेखा न करें। साथ ही, डॉक्टर की सलाह पर समय-समय पर ईसीजी और ईकोकार्डियोग्राफी, ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच कराएं, कोलेस्ट्रॉल प्रोफाइल और अपनी फैमिली हिस्ट्री के बारे में भी डॉक्टर से बताएं। 

इसे भी पढ़ें: हृदय रोगों से बचने के लिए के लिए जरूरी है हेल्दी लाइफस्टाइल, डॉक्टर से जानें कैसी हो आपकी जीवनशैली

घर में किसी को हृदय रोग का जोखिम हो तो ऐसे में अचानक कार्डियक अरेस्ट एक इमरजेंसी स्थिति पैदा कर सकता है। ऐसे में घर के हर सदस्य को CPR की बेसिक ट्रेनिंग अवश्य लेनी चाहिए। अचानक आने वाला कार्डियक अरेस्ट एक जानलेवा स्थिति है। जीवनशैली में छोटे-छोटे लेकिन प्रभावी बदलाव लाकर आप इसके खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं। हेल्दी, नियमित व्यायाम, तनाव को कम करने, धूम्रपान से दूरी और नियमित जांच से आप हृदय स्वास्थ्य को गंभीर स्थिति से बचाव सकते हैं।

FAQ

  • कार्डियक अरेस्ट से कैसे बचा जा सकता है?

    कार्डियक अरेस्ट से बचाव के लिए आप लाइफस्टाइल में कई तरह के बदलाव कर सकते हैं। हृदय की नियमित जांच करने से भी आप कार्डियक अरेस्ट से बचाव कर सकते हैं।
  • कार्डिएक अरेस्ट के दौरान कितना दर्द होता है?

    कुछ लोगों को कार्डियक अरेस्ट से बेहोश होने से पहले सीने में दर्द महसूस करते हैं। हालांकि, बेहोश होने के बाद आपको दर्द महसूस नहीं होगा। इसके अलावा, सीपीआर प्राप्त करने के बाद भी लोगों को सीने में दर्द का अनुभव हो सकता है।
  • हार्ट रोगियों को कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए?

    हृदय रोगियों को साइकिलिंग, वॉक करना और स्वीमिंग करना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा, शारीरिक सक्रियता से हृदय रोगों के जोखिम को कम किया जा सकता है।

 

 

 

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