Macular Amyloidosis in Hindi: स्किन से जुड़ी समस्याएं आज के समय में आम हो गई हैं, जिससे कई बार लोग इसे आम समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। कई मामलों में सोरायसिस एग्जिमा जैसी समस्याओं को भी लोग दाद या सामान्य खुजली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जो आगे चलकर त्वचा को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे ही कुछ लोग त्वचा पर होने वाले काले धब्बों (मैक्युलर एमिलॉयडोसिस) को भी आम समझ लेते हैं। हालांकि, यह कोई गंभीर रोग नहीं है, लेकिन आगे चलकर यह अन्य भी कई समस्याओं का कारण बन सकता है।
क्या है मैक्युलर एमिलॉयडोसिस?
मैक्युलर एमिलॉयडोसिस आमतौर पर पीठ के उपरी हिस्से और कंधों के आस-पास के हिस्से में होती है। दरअसल, इन हिस्सों पर हल्के काले रंग के धब्बे बन जाते हैं, जो एक्ने और पिंपल्स के निशान से काफी अलग होते हैं। इस स्थिति में कई बार डर्मिस के उपरे हिस्से में एम्लॉइड जमा हो जाते हैं, जो प्रभावित हिस्से पर काले रंग के धब्बे बना देते हैं। इस बीमारी या समस्या को ठीक कर पाना मुश्किल होता है, लेकिन आप अपने लाइफस्टाइल को मैनेज करके इससे राहत जरूर पा सकते हैं (Lifestyle Management to get relief from Macular Amyloidosis)। कुछ मामलों में लेजर ट्रीटमेंट देकर भी इससे राहत पाई जा सकती है।
मैक्युलर एमिलॉयडोसिस के कारण
- मैक्युलर एमिलॉयडोसिस के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।
- कई बार वातावरण में होने वाले बदलाव या वायु प्रदूषण भी इसके लिए जिम्मेदार माना जाता है।
- कुछ मामलों में त्वचा पर ज्यादा रगड़ने और स्क्रेच करने से भी यह समस्या हो सकती है।
- कुछ लोगों में यह समस्या अनुवांशिक कारणों से भी होती है।
- कई बार त्वचा पर नायलॉन का ब्रश इस्तेमाल करने से भी ऐसा होता है।
मैक्युलर एमिलॉयडोसिस से राहत पाने के तरीके
- मैक्युलर एमिलॉयडोसिस से राहत पाने के लिए आपको नियमित तौर पर त्वचा को मॉइश्चुराइज करना चाहिए।
- इसके लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
- प्रभावित हिस्से को स्क्रेच करने या नाखून से खुजलाने से बचें।
- ऐसा करने से मैक्युलर एमिलॉयडोसिस की समस्या और भी बढ़ सकती है।
- इसके लिए अपनी दिनचर्या में सुधार करें। ऐसे में आपको पर्याप्त नींद लेने के अलावा हेल्दी डाइट भी लेनी चाहिए।