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भावनाओं को नजरअंदाज करना बन सकता है Emotional Obesity का कारण, जानें क्या है यह स्थिति

इमोशनल ओबेसिटी एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति के इमोशंस कंट्रोल न होने के कारण वजन बढ़ने लगता है।
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भावनाओं को नजरअंदाज करना बन सकता है Emotional Obesity का कारण, जानें क्या है यह स्थिति


Emotional Obesity: आपने अपने आसपास ऐसे लोगों को जरूर देखा होगा जिन्हें स्ट्रेस में ज्यादा भूख लगती है या बिलकुल भूख नहीं लगती। दरअसल, यह इमोशनल ईटिंग के कारण होता है। यह एक स्थिति है जिसमें व्यक्ति की भूख उसके इमोशंस कंट्रोल करने लगते हैं। इसके कारण व्यक्ति गंभीर समस्या इमोशनल ओबेसिटी का शिकार भी हो सकता है। इमोशनल ओबेसिटी यानी नेगेटिव इमोशन के कारण स्ट्रेस ईटिंग करने पर वजन बढ़ना। लेकिन क्या आप जानते हैं इसके संकेत क्या होते हैं? साथ ही, ये स्थिति किन कारणों की वजह से उत्पन्न होती है? इस बारे में जानने के लिए हमने बात कि फरीदाबाद के अमृता हॉस्पिटल साइकेट्री डिपार्टमेंट की सीनियर कंसल्टेंट डॉ मीनाक्षी जैन से।

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इमोशनल ओबेसिटी क्या है? What Is Emotional Obesity

निगेटिव इमोशंस जैसे कि स्ट्रेस या गुस्से में जब व्यक्ति इमोशनल ईटिंग करता है, तो उसका बढ़ता वजन इमोशनल ओबेसिटी कहलाता है। इमोशनल ईटिंग मेंटल हेल्थ से जुड़ा सिर्फ एक विषय नहीं है, बल्कि यह अगले चलकर वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं की वजह भी बन सकता है। यह स्थिति ओएसए, दिल से जुड़ी बीमारियों और गैस्ट्रिक समस्याओं का कारण भी बन सकती है।

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इमोशनल ओबेसिटी के संकेत क्या हैं? Symptoms of Emotional Obesity

  • इमोशनल ओबेसिटी होने पर व्यक्ति में कई संकेत नजर आने लगते हैं-
  • अचानक से वजन बढ़ते जाता और बॉडी में इंफ्लेमेशन महसूस होना।
  • अपने वजन को लेकर हमेशा गिल्ट में रहना और कॉन्फिडेंस कम होते जाना।
  • हाई कैलोरी फूड्स जैसे कि मीठा या कुछ हैवी खाने की क्रेविंग होना।
  • अक्सर भारीपन या भावनात्मक थकान महसूस करना।
  • जल्दी इर्रिटेट हो जाना या बहुत गुस्सा आना।
  • फैसले करने में परेशानी होना और वजन बढ़ने पर गिल्ट होना।
  • उदास रहने के कारण रिश्ते में अनबन रहना और निगेटिव बॉडी इमेज होना।

इमोशनल ओबेसिटी के कारण क्या हैं? Causes of Emotional Obesity

इमोशनल ईटिंग के अलावा ये भी इमोशनल ओबेसिटी के कारण हो सकते हैं-

  • इमोशनल हेल्थ पर काम करने के बजाय फीलिंग्स को इग्नोर करते रहना।
  • इमोशंस को इग्नोर करने के लिए खाना, स्क्रीन टाइम बढ़ाना या गलत चीजों में ध्यान लगाना।
  • लंबे समय से स्ट्रेस में होने के कारण इमोशनल ओबेसिटी हो सकती है।
  • अपनी भावनाओं को समझने में परेशानी होना, जिससे इमोशनल ईटिंग कर लेना।

इमोशनल ओबेसिटी से कैसे डील करें? How To Deal With Emotional Obesity

  • अपने इमोशनल हेल्थ पर काम करें और समझें आप कब कैसा महसूस कर रहे हैं।
  • अपनी फीलिंग्स को जर्नल करने से इमोशंस को समझने में मदद मिलेगी।
  • अपनी भावनाओं के लिए अपने करीबियों से बात करना। इससे आपको काफी अच्छा महसूस होगा।
  • भूख लगने पर ही खाना खाएं। अपने इमोशन और भूख में फर्क समझें। इससे आपको फिजिकली और मेंटली हेल्दी रहने में मदद मिलेगी।
  • रोज एक्सरसाइज करें और मेडिटेशन से मन को शांत रखें।

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लेख में हमने समझा इमोशनल ओबेसिटी क्या है। अगर समय रहते इस पर काम न किया जाए, तो आपको वजन बढ़ने का खतरा हो सकता है।

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