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कॉग्निटिव डिस्टॉर्शन के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है बुरा असर, जानें क्या है ये समस्या

What is Cognitive Distortion: कॉग्निटिव डिस्टॉर्शन या संज्ञानात्मक विकृति (Cognitive Distortion) मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्या है, जानें इसके बारे में।
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कॉग्निटिव डिस्टॉर्शन के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है बुरा असर, जानें क्या है ये समस्या


What is Cognitive Distortion: मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं किसी भी उम्र में हो सकती हैं। इन समस्याओं के लक्षणों को सही समय पर पहचानकर उचित कदम उठाने से आप गंभीर रूप से इनका शिकार होने से बच सकते हैं। कॉग्निटिव डिस्टॉर्शन या संज्ञानात्मक विकृति (Cognitive Distortion) भी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्या है। इस समस्या में व्यक्ति को वास्तविक चीजें नहीं दिखती हैं। यही नहीं कॉग्निटिव डिस्टॉर्शन की वजह से मानसिक स्वास्थ्य, व्यक्ति की सोच, विचार और धारणाओं में बदलाव होने लगते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं कॉग्निटिव डिस्टॉर्शन की वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव और बचाव के बारे में।

कॉग्निटिव डिस्टॉर्शन के प्रकार- Types Of Cognitive Distortion in Hindi

कॉग्निटिव डिस्टॉर्शन के मुख्य प्रकार इस तरह से हैं-

1. सबसे खराब परिदृश्य बनाना (Catastrophizing)

इसमें व्यक्ति किसी स्थिति का सबसे बुरा परिणाम सोचने लगते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी का प्रमोशन नहीं होता है, तो वह सोच सकता है कि उसका करियर खत्म हो गया है।

2. आरपार की सोच (All-or-Nothing Thinking)

इसमें व्यक्ति स्थितियों को या तो पूरी तरह से अच्छा या पूरी तरह से बुरा मानते हैं। जैसे, अगर किसी ने एक गलती की, तो वे सोच सकते हैं कि वे पूरी तरह से असफल हैं।

Cognitive Distortion in Hindi

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3. मेंटल फिल्टरिंग (Mental Filtering)

इसमें व्यक्ति केवल नकारात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं और सकारात्मक पहलुओं को नज़रअंदाज कर देते हैं। जैसे, किसी ने एक प्रस्तुति दी और केवल छोटी सी गलती पर ध्यान देकर पूरी प्रस्तुति को बेकार मान लेते हैं।

4. ओवरजनरलाइजेशन (Overgeneralization)

इसमें व्यक्ति एक ही घटना के आधार पर सामान्य निष्कर्ष निकालते हैं। जैसे, अगर किसी ने एक बार असफलता का सामना किया, तो वे मान लेते हैं कि वे हमेशा असफल रहेंगे।

5. व्यक्तिगत होना (Personalization)

इसमें व्यक्ति किसी नकारात्मक घटना का जिम्मा खुद पर ले लेते हैं, भले ही वह उनके नियंत्रण से बाहर हो। जैसे, किसी टीम प्रोजेक्ट की विफलता का कारण खुद को मान लेना।

कॉग्निटिव डिस्टॉर्शन के कारण- What Causes Cognitive Distortion in Hindi

संज्ञानात्मक विकृति या कॉग्निटिव डिस्टॉर्शन के कुछ मुख्य कारण इस तरह से हैं-

  • प्रारंभिक जीवन के अनुभव
  • आत्म-सम्मान की कमी
  • तनाव और चिंता
  • आस-पास का वातावरण

कॉग्निटिव डिस्टॉर्शन का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव- Effects Of Cognitive Distortion On Mental Health in Hindi

संज्ञानात्मक विकृति का मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इसके कुछ प्रमुख प्रभाव इस तरह से हैं-

  • डिप्रेशन या अवसाद
  • एंग्जायटी डिसऑर्डर
  • आत्म-सम्मान की कमी
  • सामाजिक अलगाव या एंटी सोशल होना
  • संबंधों में तनाव

कॉग्निटिव डिस्टॉर्शन से बचाव और इलाज

1. संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (Cognitive Behavioral Therapy - CBT)

यह थेरेपी संज्ञानात्मक विकृति को पहचानने और उन्हें सुधारने में मदद करती है। इसमें व्यक्ति को नकारात्मक विचारों को पहचानने और उन्हें सकारात्मक विचारों में बदलने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

2. माइंडफुलनेस (Mindfulness)

माइंडफुलनेस तकनीक व्यक्ति को वर्तमान क्षण में रहने और नकारात्मक विचारों को स्वीकार करने में मदद करती है, जिससे संज्ञानात्मक विकृति का प्रभाव कम हो सकता है।

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3. दवाएं (Medications)

गंभीर मामलों में, मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ दवाओं का सुझाव भी दे सकते हैं, जो अवसाद और चिंता के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं।

संज्ञानात्मक विकृति हमारे मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। इसे पहचानना और इसके प्रभावों को सही समय समझना जरूरी है। सही समय पर इसके लक्षणों को पहचानकर उचित कदम उठाने से आप इस गंभीर स्थिति का शिकार होने से बच सकते हैं।

नोट: यह आर्टिकल दिल्ली के मशहूर मनोचिकित्सक डॉ धर्मेन्द्र सिंह के इनपुट पर आधारित है।

(Image Courtesy: freepik.com)

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