Why Is a Bedtime Important For Children in Hindi- पेरेंट्स की खराब लाइफस्टाइल का असर बच्चों की जीवनशैली पर भी पड़ता है। देर रात तक जागना, देर से डिनर करना, रात को देर-देर तक टीवी देखना या मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना जैसी आदतें बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल रही हैं। ऐसे में पर्याप्त मात्रा में नींद लेने के लिए बच्चों का तय स्लीप शेड्यूल होना भी बेहद जरूरी है। रोजाना एक ही समय पर न सोने की आदत बच्चों की सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं। समय पर न सोने से उनकी पढ़ाई, स्कूल और अन्य सामाजिक गतिविधियों पर भी प्रभाव पड़ता है। ऐसे में इस लेख के जरिए सेलिब्रिटी डाइटिशियन रुजुता दिवेकर से जानते हैं कि आखिर बच्चों का रोजाना एक ही समय पर सोना क्यों जरूरी है और इससे बच्चे के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है।
बच्चों का रोजाना एक ही समय पर सोना क्यों जरूरी है? - Why Is Sleep Time Important For Children in Hindi?
बच्चों के लिए तय स्लीप शेड्यूल होना बहुत जरूरी है क्योंकि इसके उनके शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य और शैक्षणिक प्रदर्शन पर असर पड़ता है। डाइटिशियन रुजुता दिवेक के अनुसार नींद के पैटर्न में स्थिरता उनके इंटरनल बॉडी क्लॉक को नियंत्रित करती है, बेहतर नींद की गुणवत्ता को बढ़ावा देती है और इस बात का भी ध्यान रखती है कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में नींद मिल सके। रोजाना एक ही समय पर सोने से तनाव और डिप्रेशन के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। जबकि बच्चों के सोना का समय निर्धारित न होने से बच्चों में चिड़चिड़ापन या छोटी छोटी बातों पर गुस्सा आने की समस्या बढ़ जाती है।
बच्चों के लिए तय स्लीप शेड्यूल के फायदे - Benefits Of Fixed Sleep Schedule For Children in Hindi
- बच्चों को मोटापा, डायबिटीज, फैटी लीवर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
- बच्चों के शैक्षणिक प्रदर्शन और रचनात्मकता में सुधार करता है।
- टीनएजर्स में तनाव और डिप्रेशन को कम करने में मदद मिलती है।
- तय स्लीप शेड्यूल बच्चों के बेहतर विकास और इम्यूनिटी को अच्छा रखने में मदद करता है।
- यह बच्चों के याददाश्त को तेज करता है और गैर जरूरी चीजों को उनके दिमाग से निकालने में मदद करता है।
बच्चों के सोने का सही समय क्या है? - What Is The Right Time For Children To Sleep in Hindi?
- बच्चों के सोने के लिए रात 8 बजे से 9:30 बजे के बीच का समय अच्छा माना जाता है क्योंकि इस टाइम अच्छी नींद आती है।
- टीनेजर्स रात 10:30 बजे तक तक सो सकते हैं, लेकिन इससे ज्यादा देर तक नहीं जागना चाहिए।
- रोजाना रात को एक तय समय पर सोना और सुबह एक ही समय पर जागने की कोशिश करें।
- अगर आपका बच्चा छुट्टी के दिन ज्यादा देर तक सोता है तो समझ जाए कि उसकी नींद पूरी नहीं हो रही है।
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बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि आप उनके स्लीप शेड्यूल का ध्यान रखें और उनके सोने के समय को नियमित करें, ताकि नींद पूरी न होने के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से उन्हें सुरक्षित रखा जा सके।
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