मैमोग्राफी लगभग एक आउटपेशंट एक्स-रे सुविधा है। यह अस्पताल के एक्स-रे विभाग में किया जाता है। इस दौरान आपको कई दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। इसलिए मैमोग्राफी करवाने से पहले पूरी तैयारी कर लेना चाहिए जिससे कि जांच केंद्र में आपको ज्यादा परेशानी न हो। मैमोग्राफी एक्स-रे की तरह होता है जिसका प्रयोग ब्रेस्ट कैंसर के निदान के लिए किया जाता है। यह ब्रेस्ट के ऊतकों के इमेज को दिखाता है। इसके जरिए स्तन कैंसर की पहचान आसानी से हो सकती हैं। मैमोग्राफी महिला को हर दो साल बाद करवाना चाहिए।मैमोग्राफी के दौरान चिकित्सक आपको कुछ निर्देश दे सकते हैं जिससे इस प्रक्रिया में कोई परेशानी न हो। इसलिए मैमोग्राफी की प्रक्रिया के दौरान इन बातों को ध्यान में रखें
- यदि आपने पहले भी स्तन प्रत्यारोपण करवाया है तो मैमोग्राफी से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी दीजिए। हो सकता है ब्रेस्ट ट्रांसप्लांट के बाद मैमोग्राफी अलग तरीके अपनाये जाएं।
- आपको कमर के ऊपर के वस्त्र खोलने को कहा जाएगा और अतस्पताल का गाऊन पहनने को दिया जाएगा। टेस्ट के दिन यदि दो टुकड़ों के वस्त्र धारण करेंगे तो आपको ऊपर के वस्त्र खोलने में आसानी होगी।
- मैमोग्राफी कराने जाते वक्त गहने और अन्य आभूषण बिलकुल नह पहने, नही तो चिकित्सक इसे निकालने के लिए बोल सकते हैं।
- अपने दोनों ब्रेस्ट का एक्स-रे अलग-अलग होगा और इस प्रक्रिया के दौरान आपको कुछ सेकंड के लिए सांस रोकने को कहा जायेगा।
- आपके स्तन संक्षिप्त और संकुचित करने के लिए दो प्लास्टिक की प्लेटों के बीच रखे जायेंगे।
- स्तन को दबाने से स्तन के टिशू फैलते हैं और स्तन का मोटे क्षेत्रों का एक स्पष्ट छवि प्रदान करता है।
- आपके स्तनों के आकार और संवेदनशीलता पर निर्भर करता है कि वे कैसे हैं, मैमोग्राफी के इस भाग के दौरान आपको कुछ हलकी असुविधा महसूस होगी। लेकिन दर्द नहीं होता है।
- सभी एक्स–रे पूरे होने के बाद आप फिर से तैयार हो सकते हैं।
मैमोग्राफी कराने से पहले चिकित्सक से जरूर संपर्क करके अपनी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में बतायें। चिकित्सक आपको मैमोग्राम की तैयारी के बारे में भी जानकारी दे सकता है।
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