मैमोग्राफी की विभिन्‍न अवस्‍थाएं

अब मैमोग्राफी इतनी विकसित हो गया है कि जो गठान स्तन परीक्षण में नहीं दिखती हैं उनको मैमोग्राफी के जरिए देखा जा सकता है।
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मैमोग्राफी की विभिन्‍न अवस्‍थाएं


मैमोग्राफी एक्स-रे की तरह होता है जिसका प्रयोग ब्रेस्‍ट कैंसर के निदान के लिए किया जाता है। यह ब्रेस्‍ट के कोमल टिश्यू के चित्र को दिखता है। यह एक मूल्यवान स्क्रीनिंग प्रक्रिया है, जिससे स्तन कैंसर की पहचान आसानी से हो सकती हैं। मैमोग्राफी महिला को हर दो साल बाद करवाना चाहिए, खासकर 50 से 70 साल के उम्र की महिलाओं को। मैमोग्राम के बाद, आप सामान्य गतिविधियां कर सकते है। कुछ ही दिनों में, अपने परीक्षण परिणाम के लिए पूछें या अपने चिकित्सक से जांच के बारे में बात करें। यदि अपने मैमोग्राम के दिन एक प्रारंभिक रीडिंग से आपको बताई गयी हो, फिर भी हमेशा अंतिम परिणाम के लिए वापस कुछ दिनों बाद चेक करा जाता है।

mammography

मैमोग्राफी की अवस्‍थाएं -

स्‍क्रीनिंग मैमोग्राफी -

  • कुछ देशों में स्‍क्रीनिंग मैमोग्राफी की सुविधा मुफ्त में उपलब्‍ध है। इससे ब्रेस्‍ट कैंसर की पहचान शुरूआती अवस्‍था में ही हो जाती है। स्‍क्रीनिंग मैमोग्राम के जरिए छोटी से छोटी गांठ का पता चल जाता है। यदि कैंसर की शुरूआती अवस्‍था और गांठ बहुत छोटी है तो स्‍क्रीनिंग के जरिए दिख जाता है।
  • यदि आपके स्‍तनों मे लगातार परिवर्तन हो रहा है तो इससे उन परिवर्तनों की समीक्षा की जा सकती है। स्‍तनों में छोटे-छोटे चेंजेज होते रहते हैं जो कि न तो दिखाई पड़ते हैं और न ही महसूस होते हैं।
  • ब्रेस्‍ट कैंसर के निदान के लिए अन्‍य टेस्‍ट की तुलना में अब तक सबसे ज्‍यादा उपयोगी और विश्‍वसनीय मैमोग्राम है। इस टेस्‍ट के जरिए ब्रेस्‍ट कैंसर का निदान होने की संभावना सबसे ज्‍यादा होती है।

 

क्लिनिकल मैमोग्राम -

  • इसे नैदानिक मैमोग्राम भी कहते हैं, यह स्‍क्रीनिंग मैमोग्राफी से अलग होता है। क्योंकि क्लिनिकल मैमोग्राम में स्क्रीनिंग मैमोग्राम में पायी गयी असामान्यता को विशेष रूप से देखा जाता है।
  • यह उन स्त्रियों में भी किया जाता है जिनका स्क्रीनिंग मैमोग्राम तो नहीं हुआ हो किन्तु स्तन में कुछ विसंगतियों के लक्षण दिख रहे हों।
  • संभावित विसंगतियों के आधार पर विभिन टेस्‍ट किये जाते हैं। क्‍यों‍कि सभी महिलाओं के स्‍तनों में एक जैसी समस्‍या नही होती है। कुछ स्त्रियों में केवल अतिरिक्त मैमोग्राम की छवि की आवश्यकता होती है जब कि कुछ में अल्ट्रासाउण्ड भी किया जाता है।

अब मैमोग्राफी इतनी विकसित हो गया है कि जो गठान स्तन परीक्षण में नहीं दिखती हैं उनको मैमोग्राफी के जरिए देखा जा सकता है।

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Image Source : Getty

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