क्या आईवीएफ के दौरान महिलाएं नैचुरल रूप से प्रेग्नेंट हो सकती हैं? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

ऐसा कुछ ही मामलों में होता है, लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान हो सकता है कि अगर आपकी शारीरिक समस्या ठीक हो जाए तो ऐसे में आप नैचुरल तरीके से भी कंसीव कर सकते हैं।
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क्या आईवीएफ के दौरान महिलाएं नैचुरल रूप से प्रेग्नेंट हो सकती हैं? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर


Can You Get Pregnant Naturally During an IVF Cycle: नैचुरल तरीके से कंसीव नहीं कर पाने वाले कपल के लिए आईवीएफ किसी सुनहरी उम्मीद से कम नहीं है। आईवीएफ प्रक्रिया के जरिए आज सैकड़ों-लाखों लोग माता-पिता बन पाए हैं। आईवीएफ प्रक्रिया उतनी मुश्किल नहीं है, जितना कि कुछ लोग इसे मानते हैं। कुछ कपल के मन में यह सवाल आता है कि क्या आईवीएफ के दौरान महिलाएं नैचुरली प्रेग्नेंट हो सकती हैं? क्या आपके मन में भी ऐसा सवाल रहता है? अगर हां, तो इस लेख को जरूर पढ़ें।

आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान महिलाओं को प्रेग्नेंट होने के लिए इंजेक्शन भी लगाए जाते हैं ताकि ऑवूलेशन उत्तेजित हो सके। यह सवाल महिलाओं में काफी आम होता है क्योंकि अक्सर कपल आईवीएफ प्रक्रिया का सहारा तभी लेते हैं जब वे नैचुरली कंसीव नहीं कर पाते हैं। इसलिए, लोगों को यह उम्मीद रहती है कि आईवीएफ प्रक्र्या कराने के दौरान भी वे कंसीव कर सकते हैं। इस बारे में ज्यादा जानकारी लेने के लिए हमने Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से बात की। (Kya IVF Karane Par Aap Pregnant Ho Sakte Hain) - 

क्या आईवीएफ के दौरान महिलाएं नैचुरल रूप से प्रेग्नेंट हो सकती हैं?

डॉक्टर के मुताबिक अगर प्रेग्नेंट होने के लिए आप आईवीएफ प्रक्रिया का सहारा ले रहे हैं तो हो सकता है कि कुछ मामलों में आप नैचुरली भी कंसीव कर पाएं। हालांकि, ऐसा कुछ ही मामलों में होता है, लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान हो सकता है कि अगर आपकी शारीरिक समस्या ठीक हो जाए तो ऐसे में आप नैचुरल तरीके से भी कंसीव कर सकते हैं। हालांकि, ऐसे में नैचुरल फर्टिलाइजेशन आमतौर पर कम होता है, लेकिन उन महिलाओं में यह संभव हो सकता है, जिनकी स्वास्थ्य समस्याएं आमतौर पर कम होती हैं। 

Can You Get Pregnant Naturally During an IVF Cycle-inside

आईवीएफ में कैसे कर सकते हैं नैचुरल कंसीव?

  1. आईवीएफ प्रक्रिया में नैचुरली कंसीव कर पाने या प्रेग्नेंट होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं।
  2. आईवीएफ में अगर आप नैचुरली प्रेग्नेंट होती हैं तो इसके पीछे मेडिकेशन भी एक कारण माना जाता है।
  3. ऐसे में कई बार ऑवेल्यूशन अचानक भी हो जाता है, जोकि प्राकृतिक होता है और ऐसे में फर्टिलाइजेशन आसानी से हो सकता है।
  4. कुछ मामलों में एटोपिक प्रेग्नेंसी भी आईवीएफ के दौरान नैचुरली कंसीव करने में आपकी मदद कर सकती है।
  5. ऐसा कुछ दिखाई देने पर आपको अपने डॉक्टर को तुरंत बताना चाहिए। 

नैचुरली कंसीव करने के लिए क्या करना चाहिए?

  1. नैचुरली कंसीव करने के लिए आपको अपने लाइफस्टाइल में थोड़ा सुधार करना चाहिए।
  2. इसके लिए आपको हेल्दी डाइट लेने के साथ ही अपने खान-पान को भी बैलेंस रखना चाहिए।
  3. नैचुरली प्रेग्नेंट होने या कंसीव करने के लिए आपको नियमिततौर पर एक्सरसाइज करने के साथ-साथ योगाभ्यास भी करना चाहिए।
  4. इसके लिए आपको 2 से 3 दिनों के अंतराल में इंटरकोर्स करना चाहिए ताकि आप प्राकृतिक रूप से प्रेग्नेंट हो सकें।
  5. ऐसे में आपको अपने वजन को नियंत्रित रखना चाहिए और वजन कम करने पर ध्यान देना चाहिए। 

नैचुरली कंसीव करने के लिए क्या नहीं करना चाहिए?

  1. नैचुरली कंसीव करने के लिए आपको शराब पीने और स्मोकिंग करने से बचना चाहिए।
  2. इसके लिए आपको अपने वजन मोटापे को कंट्रोल रखना चाहिए।
  3. ऐसे में ज्यादा लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठने के बजाय आपको शारीरिक गतिविधियां करनी चाहिए।
  4. लंबे समय तक स्ट्रेस में रहने से बचें ऐसा करने से कई बार फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ सकता है।
  5. किसी प्रकार की शारीरिक समस्या होने पर आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेते रहना चाहिए।

FAQ

  • क्या आईवीएफ प्रेगनेंसी नॉर्मल प्रेगनेंसी की तरह ही होती है?

    आईवीएफ प्रेग्नेंसी भी नॉर्मल तरीके से ही होती है, लेकिन कंसीव करने के लिए आईवीएफ की प्रक्रिया सामान्य तरीके से थोड़ी अलग हो सकती है। इसके अलावा डिलीवरी के बाद भी महिलाएं बिलकुल सामान्य रहती हैं। 
  • आईवीएफ से कितने बच्चे हो सकते हैं?

    आईवीएफ से आमतौर पर एकबार में एक से ज्यादा बच्चे भी हो सकते हैं क्योंकि वो एंब्रियो इंप्लांट एक से ज्यादा करते हैं, जिससे एक बार में एक से ज्यादा शिशु भी हो सकते हैं। 
  • आईवीएफ गर्भावस्था के क्या जोखिम हैं?

    आईवीएफ गर्भावस्था के कई बार कुछ नुकसान या जोखिम भी हो सकते हैं। ऐसे में महिलाओं को कई बार उल्टी,मतली, सिरदर्द और पेट में ऐंठन भी हो सकती है। 

 

 

 

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