इन 7 बीमारियों का संकेत हैं रूखे और बेजान बाल, कहीं आप इनसे परेशान तो नहीं?

तेजी से बदलती जीवनशैली और इस भागदौड़ भरी जिदंगी के बीच लोगों में तनाव बढ़ने लगा है, जो कि आपकी सेहत के साथ-साथ आपके बालों के लिए भी काफी घातक साबित होता है। दरअसल हेयर फॉलिकल्स से छोटी-छोटी मात्रा में हाइड्रोजन परऑक्साइड नामक केमिकल का उत्पादन होता है। व्यक्ति के अत्यधिक तनाव लेने पर यह फॉलिकल्स में ही बनने लगता है, जिससे बाल अपना प्राकृतिक रंग व चमक खोने लगते हैं। उम्र बढ़ने या तनाव की स्थिति में बालों का रंग सफेद होने लगता है। अगर आपके बाल भी रूखे, सफेद और बेजान होने लगे हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि यह इन सात गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकते हैं।   
  • SHARE
  • FOLLOW
इन 7 बीमारियों का संकेत हैं रूखे और बेजान बाल, कहीं आप इनसे परेशान तो नहीं?

तेजी से बदलती जीवनशैली और इस भागदौड़ भरी जिदंगी के बीच लोगों में तनाव बढ़ने लगा है, जो कि आपकी सेहत के साथ-साथ आपके बालों के लिए भी काफी घातक साबित होता है। दरअसल हेयर फॉलिकल्स से छोटी-छोटी मात्रा में हाइड्रोजन ऑक्साइड नामक केमिकल का उत्पादन होता है। व्यक्ति के अत्यधिक तनाव लेने पर यह फॉलिकल्स में ही बनने लगता है, जिससे बाल अपना प्राकृतिक रंग व चमक खोने लगते हैं। उम्र बढ़ने या तनाव की स्थिति में बालों का रंग सफेद होने लगता है। अगर आपके बाल भी रूखे, सफेद और बेजान होने लगे हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि यह इन सात गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकते हैं।

समझें बालों की कैमिस्ट्री

जीवनशैली में बदलाव के कारण युवा वर्ग बालों के जल्दी सफेद होने की समस्या से पीडि़त है। हेयर फॉलिकल्स से छोटी-छोटी मात्रा में हाइड्रोजन परऑक्साइड नामक केमिकल का उत्पादन होता है। व्यक्ति के अत्यधिक तनाव लेने पर यह फॉलिकल्स में ही बनने लगता है, जिससे बाल अपना प्राकृतिक रंग व चमक खोने लगते हैं। हर हेयर फॉलिकल में मौज़ूद मेलनिन बालों को उनका रंग देता है। उम्र बढऩे या तनाव की स्थिति में इसका उत्पादन कम हो जाता है, जिससे बालों में सफेदी आने लगती है। 

इसे भी पढ़ेंः आंवला, रीठा और शिकाकाई: जानें झड़ते बालों को रोकने के लिए कैसे करें इनका प्रयोग

सेहत का हैं आईना

नाखूनों की तरह बाल भी व्यक्ति की सेहत का राज़ बताते हैं। कम उम्र में इनके सफेद होने के पीछे कई कारण हैं।

1. विटमिन की कमी : शरीर में विटमिन बी 12 की कमी के कारण परनीशियस एनीमिया होने की आशंका रहती है, जिससे बाल सफेद होने लगते हैं।

2. जि़ंक की कमी : हड्डियों, त्वचा व स्कैल्प को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित न्यूट्रिशनल आहार लेना बहुत ज़रूरी होता है। खाने में जि़ंक की कमी होने से बाल असमय सफेद होने लगते हैं।

3. थायरॉयड डिसॉर्डर : थायरॉयड डिसॉर्डर, हाइपोथायरॉयडिज्म व हाइपरथायरॉयडिज्म के कारण भी बालों की रंगत हल्की होने लगती है।

4. फंगल संक्रमण : स्कैल्प में इस तरह के संक्रमण से बाल समय से पहले सफेद होने लगते हैं। इससे बचने के लिए ज़रूरी है कि सफाई का खास ख्याल रखा जाए।

5. एनीमिया : इसके कारण शरीर के विभिन्न अंगों तक ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है। इस वजह से भी बाल सफेद हो सकते हैं।

6. अत्यधिक तनाव : जो लोग जिंदगी के किसी मुश्किल दौर से गुज़र रहे हों या काम का बोझ अधिक हो, उनके बाल भी असमय सफेद होने लगते हैं।

7. हॉर्मोनल असंतुलन : हॉर्मोन में हो रहे बदलाव का असर त्वचा व बालों पर ज़रूर पड़ता है। 

इसे भी पढ़ेंः बालों को झड़ने से बचाना है तो डाइट में शामिल करें ये 5 फूड्स, जल्द दिखेगा परिणाम

बदलें अपना खानपान

स्कैल्प व बालों की सेहत दुरुस्त रखने के लिए ज़रूरी है कि सफाई रखने के साथ ही आहार को भी संतुलित किया जाए। इसके लिए जिंक, आयरन, विटमिन बी कॉम्प्लेक्स, प्रोटीन और ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त डाइट लें। मशरूम, गाजर, ओट्स, सोयाबीन, खीरा, दही, पत्ते वाली सब्जि़यां, अंडे, बादाम, आंवला, मछली और लो फैट चीज़ को डाइट में वरीयता दें। बालों को स्वस्थ, सुंदर व आकर्षक बनाए रखने के लिए केमिकल उत्पादों का प्रयोग करने के बजाय प्राकृतिक उत्पादों का इस्तेमाल करें।

Read More Articles On Hair Care in Hindi

 

Read Next

आंवला, रीठा और शिकाकाई: जानें झड़ते बालों को रोकने के लिए कैसे करें इनका प्रयोग

Disclaimer