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हाइपरमेट्रोपिया का मतलब दूरदृष्टि दोष या दूरदर्शिता भी होता है। इस समस्या का मतलब है कि रोशनी की किरणें रेटिना के बजाय रेटिना के पीछे केंद्रित होती है, जिससे धुंधली दृष्टि की समस्या हो जाती है। ऐसे में व्यक्ति के लिए नजदीक की चीजें देखना काफी मुश्किल हो जाता है, उसे हर चीज धुंधली नजर आती है। बहरहाल, हाल के सालों में आपने देखा होगा कि लोगों का फोकस काफी ज्यादा मोबाइल स्क्रीन पर बढ़ गया है या डेस्क जॉब करने की वजह से आंखों पर नेगेटिव असर पड़ता है। ऐसे में आंखों पर तनाव, आंखों में तनाव जैसी कई परेशानियां बनी रहती हैं। आंखों की समस्या से बचने के लिए बहुत जरूरी है कि आपको पता हो कि आखिर हाइपरमेट्रोपिया क्यों होता है और इसके क्या कारण तथा लक्षण हैं। इस बारे में हमने नोएडा सेक्टर 71 स्थित कैलाश अस्पताल में Consultant - Opthalmology डॉ. गरिमा चौधरी से बात की।
क्या है हाइपरमेट्रोपिया?- What Is Hypermetropia
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हाइपरमेट्रोपिया को हाइपरोपिया भी कहा जाता है। यह क सामान्य दृष्टि दोष है। इसमें व्यक्ति को दूर की चीजें तो साफ दिखाई देती हैं, लेकिन पास की चीजें देखने में दिक्कत आती है। इन लोगों को पास की चीजें बहुत धुंधली नजर आती हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो हाइपरमेट्रोपिया की समस्या परिवार में एक से दूसरी पीढ़ी तक चलती रहती है। अगर किसी के परिवार में यह समस्या है, तो इससे बचने की संभावना कम होती है। हां, आप चश्मे या लेंस के जरिए पास की चीजों को देखने में सक्षम हो सकते हैं।
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हाइपरमेट्रोपिया के कारण- Hypermetropia Causes
1. जेनेटिक फैक्टरः जैसा कि हमने कुछ देर पहले भी इसका जिक्र किया है कि अगर परिवार में किसी को हाइपरमेट्रोपिया है, तो संभवतः भावी पीढ़ी में भी यह समस्या हो सकती है यानी यह जेनेटिकल प्रॉब्लम है। यह परिवार में एक से दूसरी पीढ़ी को ट्रांसफर होती है।
2. बढ़ती उम्रः जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे शरीर क्षय होता जाता है। आपने देखा होगा कि त्वचा लटक जाती है, हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और आंखों की रोशनी धुंधली पड़ जाती है। यह भी हाइपरमेट्रोपिया होने का एक कारण माना जाता है।
3. आंखों का स्ट्रक्चरः कई मामलों में आंखों का स्ट्रक्चर भी हाइपरमेट्रोपिया का कारण बन जाता है। विशेषज्ञों की मानें, तो वह बताते हैं कि अगर किसी की आई बॉल छोटी है, जिससे रेटिना तक प्रकाश नहीं पहुंच पाता है या कॉर्निया फ्लैट यानी बहुत ज्यादा चपटी है, तो इस तरह की समस्या देखने को मिल सकती है।
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हाइपरमेट्रोपिया के लक्षण- Hypermetropia Symptoms
हाइपरमेट्रोपिया होने पर आंखों से संबंधित कई समस्याएं होने लगती हैं, जिन्हें आप इसके लक्षण के रूप में समझ सकते हैं, जैसे-
- नजर का धुंधला होनाः हाइपरमेट्रोपिया होने पर मरीज को दूर की चीजें तो साफ दिखाई देती हैं, लेकिन नजदीक की चीजें धुंधली नजर आती है।
- आंखों में थकानः जब भी कोई ऐसा काम किया जाए, जिससे पास की चीजें देखने की वजह से आंखां पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, तो हाइपरमेट्रोपिया के मरीजों को आंखों में थकान बनी रहती है।
- सिरदर्दः आंखों में दिक्कत हो, तो सबसे पहले सिरदर्द की समस्या देखने को मिलती है। ऐसा खासकर तब होता है, जब आप घंटों मोबाइल पर समय बिताते हैं या लंबे समय तक कोई किताब पढ़ते हैं।
निष्कर्ष
आंखें हमारे शरीर का बहुत ही इंपॉर्टेंट हिस्सा है। इसलिए, कोशिश करें कि हाइपरमेट्रोपिया जैसी समस्या के बारे में पर्याप्त जानकारी रखें। मोबाइल पर कम से कम समय बिताएं, डेस्क जॉब करते हैं, तो समय-समय पर ब्रेक लें। साथ ही, आंखों को कंप्लीट रेस्ट दें।
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