Periodic Breathing Symptoms in Kids: बच्चों में कई बार पैदा होने के बाद कुछ असमानताएं देखी जा सकती हैं। लेकिन कई बार यह शारीरिक समस्याएं बेहद छोटी होती हैं, जिन्हें देख माता-पिता काफी डर जाते हैं। कुछ बच्चों को रुक-रुककर सांस आती है। जो कोई गंभीर समस्या नहीं, बल्कि एक सामान्य प्रक्रिया है। कुछ बच्चों में यह स्थिति हो सकती है। इस स्थिति को पीरियॉडिक ब्रीदिंग के नाम से जाना जाता है। क्या आपके बच्चे के साथ ही ऐसा कुछ होता है। अगर हां, तो इस लेख को जरूर पढ़ें। आइये बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण आनंद से जानते हैं पीरियॉडिक ब्रीदिंग के बारे में।
क्या होता है पीरियॉडिक ब्रीदिंग?
पीरियॉडिक ब्रीदिंग को आम भाषा में समझें तो यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें सांसों का नियंत्रण असमान्य हो सकता है। कई बार रुक-रुककर सांस आना या 5-10 सेकेंड के लिए अचानक सांस रुक जाने को पीरियॉडिक ब्रीदिंग कहा जाता है। बच्चों में सोते समय पीरियॉडिक ब्रीदिंग हो सकती है। वहीं, कुछ मामलों में बच्चा अगर टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित है तो भी यह स्थिति हो सकती है।
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बच्चों में पीरियॉडिक ब्रीदिंग के कारण
- पीरियॉडिक ब्रीदिंग होने के पीछे कई बार हार्ट से जुड़ी समस्याएं या हार्ट फेलियर जिम्मेदार हो सकता है।
- ब्रेन के टिशु में किसी प्रकार की समस्या होने से भी ऐसा हो सकता है।
- कई बार फेफड़ों में फ्लूड जमने और दवाओं का ज्यादा सेवन करने से ऐसा हो सकता है।
- स्लीप एप्निया होने पर भी बच्चे को पीरियॉडिक ब्रीदिंग की समस्या हो सकती है।
बच्चों में पीरियॉडिक ब्रीदिंग के लक्षण
- पीरियॉडिक ब्रीदिंग होने पर बच्चे सांसों में कुछ सेकेंड का अंतराल महसूस हो सकता है।
- अगर बच्चे में सांस लेने की प्रक्रिया अनियमित है तो भी यह पीरियॉडिक ब्रीदिंग का संकेत हो सकता है।
- अगर सोते-सोते बीच में कुछ सेकेंड के लिए बच्चे की सांस रुक जाती है तो यह पीरियॉडिक ब्रीदिंग का लक्षण हो सकता है।
बच्चों में पीरियॉडिक ब्रीदिंग का इलाज
बच्चों में पीरियॉडिक ब्रीदिंग की समस्या होना आम है। अगर आपके बच्चे को भी इस तरह की समस्या है तो ज्यादातर मामलों में इसका इलाज कराने की जरूरत नहीं पड़ती है। अधिकांश मामलों में यह समस्या आगे चलकर अपने आप ठीक हो जाती है। लेकिन, अगर बच्चे को सांस लेने के दौरान 5 सेकेंड से ज्यादा का अंतराल रहता है तो चिकित्सक से जरूर मिलें।