What Causes Bone Deformities in Newborn in Hindi: नवजात शिशु का शरीर काफी नाजुक होता है, जिस कारण पेरेंट्स को उनके शरीर का खास ध्यान रखना पड़ता है। दरअसल, कुछ नवजात शिशुओं के शरीर का हर अंग पूरी तरह विकसित नहीं होता है और कुछ मामलों में उनमें हड्डी से जुड़ी हल्के से लेकर गंभीर समस्याएं देखने को मिलती है। कुछ शिशुओं में हड्डियों की डिफॉर्मिटी भी देखी जाती है। यह स्थिति शिशु के साथ माता-पिता के लिए भी चिंता का कारण बनती है। नवजात शिशुओं में हड्डियों की डिफॉर्मिटी के कई कारण हो सकते हैं। ऐसे में आइए आकाश हेल्थ केयर के डायरेक्टर, सीनियर कंसल्टेंट, आर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट के हेड और प्रमुख डॉ.आशीष चौधरी (Dr. Aashish Chaudhry,Director & Head, Department of Orthopaedics & Joint Replacement, Aakash Healthcare) से जानते हैं कि नवजात शिशुओं में हड्डियों से जुड़ी समस्याओं के क्या कारण हैं? (What causes bone deformities in babies)
नवजात शिशुओं में हड्डियों की डिफॉर्मटी का क्या कारण है? - What Causes Bone Deformities in Newborn in Hindi?
1. आनुवंशिक कारण
नवजात शिशुओं में हड्डी डिफॉर्मटी के प्रमुख कारणों में से एक जेनेटिक कारक होते हैं। कई आनुवंशिक विकार हड्डियों के विकास और संरचना को प्रभावित कर सकते हैं। ये समस्याएं खास जीन में होने वाली म्यूटेशन्स के कारण होती हैं, जो हड्डी के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं, जो अलग-अलग तरह से हड्डियों के विकास को प्रभावित करते हैं, जैसे-
- ऑस्टियोजेनिसिस इम्परफेक्टा: इसे बृटिल बोन डिजीज भी कहा जाता है, जो एक जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसमें हड्डियां आसानी से टूट जाती है। इस समस्या की गंभीरता अलग-अलग हो सकती है, कुछ शिशुओं को जन्म से ही बार-बार फ्रैक्चर हो सकते हैं, जबकि कई शिशुओं में हल्के लक्षण नजर आ सकते हैं। यह बीमारी कोलेजन उत्पादन में गड़बड़ी के कारण होती है, जो हड्डियों की ताकत के लिए जरूरी प्रोटीन है।
- अचोंड्रोप्लासिया: यह एक तरह की बौनापन स्थिति है, जो FGFR3 जीन में होने वाले म्यूटेशन के कारण होती है। इस समस्या में हड्डियों का सही तरह से विकास नहीं होता है और खासतौर पर हड्डियों में डिसऑर्डर होते हैं, जिसके कारण कद छोटा रह जाता है और हड्डी से जुड़ी कई समस्या हो सकती है।
- जन्मजात हिप डिसप्लासिया: इस स्थिति में हिप जोइंट सही तरीके से विकसित नहीं हो पाती है, जिससे डिस्लोकेशन हो सकती है। इस समस्या के होने के सही कारणों का सही पता नहीं चलता, लेकिन कई बार यह जेनेटिक कारक या प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली समस्याओं या हार्मोनल प्रभाव से जुड़ा हो सकता है।

2. पोषण की कमी
प्रेग्नेंसी के दौरान मां के जरिए भ्रूण को सही पोषण मिलना जरूरी होता है, और अगर प्रेग्नेंसी के दौपान महिलाओं में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो तो इससे नवजात शिशु में हड्डी से जुड़ी समस्या हो सकती है। कैल्शियम, विटामिन डी, और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व हड्डी को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी होता है, और इनकी कमी से हड्डियों में कमजोरी या डिफॉर्मटी हो सकती है। प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन डी की कमी से नवजात शिशु में रिकेट्स की समस्या हो सकती है, जिससे हड्डियां नरम हो जाती है और हड्डी से जुड़े डिसऑर्डर का सामना करना पड़का है। जबकि कैल्शियम की कमी प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण की हड्डियों के विकास में बाधा डाल सकता है, जिससे शिशु की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर होने की संभावना ज्यादा होती है।
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3. गर्भावस्था के दौरान होने वाली समस्याएं
गर्भ में भ्रूण का विकास भी उनकी हड्डियों की सेहत को प्रभावित कर सकता है। गर्भ में कुछ समस्याएं हड्डी से जुड़े डिसऑर्डर का कारण बन सकती हैं, जैसे- कुछ मां को होने वाले रोग और इंफेक्शन जैसे प्रेग्नेंसी में होने वाला डायबिटीज, रूबेला, या वरिसेला शिशु के विकास को प्रभावित कर सकते हैं और जन्मजात हड्डी विकारों का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ दवाइयां या टॉक्सिक पदार्थ के संपर्क में आने से भी भ्रूण की हड्डियां प्रभावित हो सकती हैं। साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में ऑक्सीजन की कमी (हाइपोक्सिया) हड्डी का विकास प्रभावित कर सकता है, जिससे हड्डियों से जुड़ी समस्याएं हो सकती है।
निष्कर्ष
नवजात शिशुओं में हड्डी के विकार कई कारणों से हो सकते हैं, जिनमें आनुवंशिक स्थितियाँ, पोषण की कमी, मातृ स्वास्थ्य स्थितियाँ और गर्भाशय के भीतर के कारण शामिल हैं। इन विकारों की जल्दी पहचान और इलाज से बच्चों को स्वस्थ विकास और जीवन की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकती है। माता-पिता और चिकित्सकों के लिए यह जरूरी है कि वे इन विकारों के कारणों को समझें, ताकि शिशु को उचित देखभाल और उपचार मिल सके।
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