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सिर्फ मेनोपॉज नहीं इन 4 अन्य कारणों से भी हो सकती है हॉट फ्लैशेज की समस्या, इस तरह से करें बचाव

What Diseases Cause Hot Flashes In Hindi: मेनोपॉज के अलावा, थायराइड, एंग्जाइटी जैसी समस्या होने पर भी हॉट फ्लैशेज की समस्या हो सकती है।
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सिर्फ मेनोपॉज नहीं इन 4 अन्य कारणों से भी हो सकती है हॉट फ्लैशेज की समस्या, इस तरह से करें बचाव


हर महिला यह जानती है कि मेनोपॉज का मतलब है कि पीरियड्स का पूरी तरह बंद हो जाना। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को कई तरह की लक्षण नजर आते हैं। इसमें हॉट फ्लैशेज और नाइट स्वेट सामान्य है। हालांकि, हार्मोनल बदलाव के कारण मूड स्विंग, वेट गेन जैसी समस्याएं भी होती हैं। ऐसे में कई बार महिला के पर्याप्त नींद लेना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन, ज्यादातर महिलाओं को हॉट फ्लैशेज और नाइट स्वेट की समस्या होती है। कई बार यह दिक्कत रात के समय और भी बढ़ जाती है। लेकिन, क्या आप जानती हैं कि हॉट फ्लैशेज की समस्या मेनोपॉज के अलावा कई अन्य कारणों से भी होती है। आइए, जानते हैं वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से।

मेनोपॉज के अलावा हॉट फ्लैशेज के अन्य कारण- Are Hot Flashes A Symptom Of Anything Other Than Menopause In Hindi

Are Hot Flashes A Symptom Of Anything Other Than Menopause In Hindi

एंग्जाइटी

मेनोपॉज की तरह एंग्जाइटी होने पर भी महिलाओं को हॉट फ्लैशेज की समस्या होने लगती है। एंग्जाइटी के लक्षणों की बात करें, तो इसमें हार्ट रेट का बढ़ना, बेचैनी होना, सांस का उखड़ना जैसी कई परेशानियां होने लगती हैं। इसी तरह, हॉट फ्लैशेज भी होते हैं। इस स्थिति को जल्द से जल्दी संभालने की आवश्यकता होता है। क्योंकि कई बार एंग्जाइटी अटैक इतने खतरनाक होते हैं, जो व्यक्ति के लिए मैनेज करना मुश्किल हो जाता है।

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ओवरएक्टिव थायराइड ग्लैंड

Are Hot Flashes A Symptom Of Anything Other Than Menopause In Hindi

थायराइड की समस्या होने पर लोगों का वेट गेन होना सामान्य समस्या होती है। इसी तरह, थायराइड के ओवरएक्टिव होने पर महिला को हॉट फ्लैशेज की समस्या भी हो जाती है। आपको बता दें कि थायराइड एक तरह का ग्लैंड है, जो कि टी 3 और टी 4 हार्मोन रिलीज करता है। यह ग्लैंड मेटाबॉलिज्म को भी रेगुलेट करता है। इस प्रोसेस के तहत फूड एनर्जी में कंवर्ट होता है, जिससे आपके बॉडी फंक्शन सही तरह से काम करते हैं।

कैंसर

विशेषज्ञों के अनुसार कैंसर के मरीजों को भी हॉट फ्लैशेज और नाइट स्वेट् की समस्या भी होती है। असल में, कैंसर शरीर के किस हिस्से में यह बात भी बहुत मायने रखती है। शरीर का कौन-सा ऑर्गन प्रभावित है, इससे यह तय होता है कि व्यक्ति को हॉट फ्लैशेज की समस्या होगी या नहीं। असल में, कैंसर की वजह से शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस होने लगता है, जिससे हॉट फ्लैशेज की प्रॉब्लम बढ़ने लगती है।

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संक्रमण

संक्रमण भी हॉट फ्लैशेज का एक कारण होता है। असल में, जब किसी व्यक्ति को संक्रमण हो जाता है, तो उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली कीटाणुओं से लड़ने के लिए सक्रिय हो जाती है। इस स्थिति में अक्सर व्यक्ति को हॉट फ्लैशेज और रेडनेस की प्रॉब्लम हो जाती है। संक्रमण किसी भी तरह का हो सकता है, जैसे यूटीआई, ट्यूबरक्लॉसिस, एचआईवी, हार्ट इंफ्लेमेशन और हड्डी का संक्रमण (ऑस्टियोमाइलाइटिस) आदि। इस तरह के संक्रमण में आपकी बॉडी का टेंप्रेचर बढ़ सकता है, जिससे हॉट फ्लैशेज की प्रॉब्लम देखने को मिलती है।

कुल मिलाकर, कहने की बात ये है कि मेनोपॉज के अलावा भी कई कारण हो सकते हैं, जब महिला को हॉट फ्लैशेज की समस्या हो सकती है। इसलिए, इसे हमेशा मेनोपॉज से जोड़कर देखना सही नहीं है। अगर आपको लंबे से यह समस्या बनी हुई है, तो इस समस्या की अनदेखी न करें। इसके बजाय, तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

All Image Credit: Freepik

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