शिशुओं में डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) होने पर नजर आते हैं ये 3 लक्षण, जरूर दें ध्यान

Symptoms Of Dehydration in Babies- शिशुओं के शरीर में पानी की कमी के कारण मुंह सुखना, यूरिन कम आना जैसी समस्या हो सकती है। 
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शिशुओं में डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) होने पर नजर आते हैं ये 3 लक्षण, जरूर दें ध्यान


Dehydration Symptoms in Babies- शरीर में पानी की कमी के कारण डिहाइड्रेशन की समस्या का सामना हर व्यक्ति को करना पड़ता है। शिशुओं में भी निर्जलीकरण की समस्या हो सकती है, जिसके कारण उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। शिशु ज्यादा सेंसिटिव होते हैं, जिस कारण वो जल्दी डिहाइड्रेटेड हो सकते हैं। ऐसे में इसके लक्षणों को पहचान कर समय पर इसका उपाय नहीं किया जाए, तो बच्चे की जान का जोखिम भी बढ़ सकता है। ऐसे में आइए गुडविल चिल्ड्रेन क्लिनिक के पीडियाट्रिशन डॉ. सैयद मुजाहिद हुसैन से जानते हैं शिशुओं में डिहाइड्रेशन के लक्षणों के बारे में। 

शिशुओं में डिहाइड्रेशन के लक्षण क्या हैं? - What Are The Symptoms Of Dehydration in Babies in Hindi?

1. रोते समय आंसू नहीं निकलना

रोते समय आंखों से आंसू नहीं निकलना शिशुओं में निर्जलीकरण के शुरुआती लक्षण हैं। आमतौर पर, आंखों से आंखू आना बच्चे के हाइड्रेटेड रहने का संकेत है। अगर आपका बच्चा बिना आंसू निकाले रोता है, तो इस समस्या को नजर अंदाज न करें, क्योंकि ये डिहाइड्रेशन का संकेत है। 

2. त्वचा का देर से हटना

त्वचा को मोड़ने, दबाने या उठाने के बाद त्वचा की अपनी सामान्य स्थिति में लौटने की स्थिति को आमतौर पर हाइड्रेशन से जोड़ा जाता है। अगर आपके शिशु के त्वचा खासकर पेट की स्किन सिकुड़ गई है या खिचने पर धीमी गति से वापस जा रही है, तो ये भी डिहाइड्रेशन का लक्षण है, जिसे आमतौर पर स्किन टुर्गोर (Skin Turgor) कहा जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि निर्जलीकरण से त्वचा का लचीलापन कम हो जाता है। 

3. बार-बार उल्टी होना 

बार-बार और लगातार उल्टी होना शिशुओं में निर्जलीकरण के लक्षण हो सकते हैं। बार-बार उल्टी होने से बच्चे के शरीर का पानी बाहर आने लगता है, अगर तुरंत इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो उसे गंभीर डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। 

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डिहाइड्रेशन के अन्य लक्षण- 

  • बच्चे का मुंह और होंठों मे सूखापन होना। 
  • डायपर कम गिला करना। 
  • शिशु के सिर पर नरम स्थान (फॉन्टानेल) धंसा हुआ दिखाई दे सकता है।
  • शिशु में चिड़चिड़ान होना या सुस्ती आना। 
  • बहुत ज्यादा पीले रंग की यूरिन निकालना। 
 
 
 
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अगर माता-पिता को बच्चे में इन लक्षणों में से कोई भी लक्षण नजर आए, तो इस समस्या को गंभीरता से लेने की जरूरत है, क्योंकि देर होने पर शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, जो बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक होता है। ऐसे में आप किसी एक्सपर्ट या डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं और बच्चे को हाइड्रेटेड रखने की कोशिश कर सकते हैं। 

Image Credit- Freepik 

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