Water Chestnut Benefits To Lower High Cholesterol: सर्दियों के मौसम में मार्केट में सिंघाड़ा (Water Chestnut) खूब बिकता है। तालाब में उगने वाला यह फल शरीर और सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सिंघाड़े को उबालकर खाना लोग खूब पसंद करते हैं। स्वादिष्ट होने के साथ सिंघाड़े में पोषक तत्वों का भंडार होता है। इसका सेवन करने से शरीर में पोषक तत्वों की आपूर्ति होती है और कई समस्याओं में भी फायदा मिलता है। हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या में भी सिंघाड़े का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। सिंघाड़ा खाने से शरीर में बढ़े हुए बैड कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने में मदद मिलती है। सिंघाड़े के आटे का सेवन व्रत के दौरान भी किया जाता है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं हाई कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए सिंघाड़ा खाने के फायदे और सही तरीका।
हाई कोलेस्ट्रॉल में सिंघाड़ा खाने के फायदे- Benefits of Water Chestnut To Lower High Cholesterol in Hindi
सिंघाड़ा कार्ब्स, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स के अलावा डाइटरी फाइबर से भरपूर होता है। इसका सेवन करने से पाचन तंत्र को भी फायदा मिलता है। सिंघाड़े में मौजूद ये गुण शरीर में जमा बैड कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है, इसलिए वजन कम करने के लिए भी इसका सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। आरोग्यं हेल्थ सेंटर के क्लिनिकल डाइटिशियन डॉ वीडी त्रिपाठी कहते हैं कि, "सिंघाड़े में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और फाइबर शरीर में मौजूद बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा सिंघाड़े में फैट या कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत कम होती है, इसलिए भी इसका सेवन हार्ट से जुड़ी बीमारी और हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या में फायदेमंद होता है।" सिंघाड़ा विटामिन बी6, पोटैशियम, कॉपर, आयोडीन और प्रोटीन से भरपूर होता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करते हैं।
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हाई कोलेस्ट्रॉल में कैसे करें सिंघाड़े का सेवन?
हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या में सिंघाड़े को उबालकर भी खा सकते हैं। इसके अलावा सिंघाड़े के आटे से बनी रोटी का नियमित रूप से सेवन करने से हार्ट डिजीज के खतरे को कम करने और हाई कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इसका सेवन वजन कम करने और ब्लड शुगर कंट्रोल में रखने के लिए भी फायदेमंद होता है।
हमारे शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल बनते हैं- एक हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) जिसे गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है और दूसरा लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) जिसे बैड कोलेस्ट्रॉल कहते हैं। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की स्थिति हो ही हाई कोलेस्ट्रॉल कहते हैं। जीवनशैली में कुछ बदलाव करके आप कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रख सकते हैं। इसके लिए आप रेग्युलर एक्सरसाइज करें। इससे एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है।
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