कभी एक साथ कई काम करने का दबाव तो कभी घ्ज्ञर के बढ़ते खर्च की चिंता। इनसान चाहकर भी तनावमुक्त नहीं रह सकता। हालांकि वह इस पर काबू जरूर पा सकता है।
प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के हालिया अध्ययन की मानें तो चलते-फिरते रहना मस्तिष्क का शांत और तनावमुक्त रखने का सबसे आसान और कारगर तरीका है। इससे डिप्रेशन और रक्तचाप के लक्षणों में भी कमी लाने में मदद मिलती है।
अध्ययन दल में शामिल प्रोफेसर एलिजाबेथ गोल्ड के मुताबिक तेज रफ्तार से चलने पर मस्तिष्क को सुकून पहुंचाने वाली तंत्रिका कोशिकाएं सक्रिय हो जाती हैं। इससे इंद्रियों में रक्त प्रवाह सुचारू होता है और व्यक्ति तनावमुक्त महसूस करता है। उन्होंने डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहे मरीजों को नियमित रूप से टहलने की सलाह दी।
गोल्ड ने कहा, डिप्रेशन रोधी दवाओं के सेवन के साथ मरीज अगर टहलना शुरू कर दें तो इससे उन्हें दोहरा लाभ मिलेगा। एक तो इससे उनके मस्तिष्क को सुकून पहुंचाने वाली तंत्रिका कोशिकाएं सक्रिय रहेंगी। दूसरा, प्रकृति से संपर्क में रहने से उन्हें 'फील गुड' का अहसास होगा। डिप्रेशन से निजात दिलाने में दोनों ही चीजें कारगर मानी जाती हैं।
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