आज के समय में कैंसर कभी भी किसी भी उम्र में हो सकता है। कैंसर से कई भयंकर बीमारियां भी बढ़ जाती हैं और इसके साथ ही कैंसर के मरीज कई अन्य गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। कैंसर के अतिरिक्त प्रभाव होना स्वाभाविक है क्योंकि कैंसर सेल्स को कम करने वाली दवाइयों के साइड इफेक्ट्स इतने अधिक होते हैं कि इससे दूसरी तरह का कैंसर या फिर अन्य परेशानियां जैसे रक्त बहना, मितली होना जी मिचलाना और उल्टियां होना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। कैंसर की दवाईयों के कारण मुंह अकसर खराब रहता है और जिससे कुछ भी खाने पर उल्टियां होने लगती हैं। क्या कैंसर के मरीजों को उल्टियां होना स्वाभाविक है या फिर यह किसी और बीमारी के लक्षण है। आइए जानें कैंसर के मरीजों में उल्टियां होने के कारणों को।
- उल्टियां होने का सीधा सा अर्थ अपच भोजन को बाहर निकालना और इसके साथ ही शरीर में मौजूद विषैले तत्व भी अपने आप बाहर आ जाते हैं। शरीर के भीतर की गंदगी को उल्टियों से निकालना भी एक उपाय है। लेकिन कई बाद उल्टियां कई अन्य कारणों से होने लगती है। जो कि खतरनाक भी हो सकती है।
- कैंसर के मरीजों में सामान्य तौर पर खाना ना पचने के कारण उल्टियां होना खतरनाक नहीं है, लेकिन ये स्थिति उस समय खतरनाक हो सकती है जब कैंसर के मरीजों को खून की उल्टियां होने लगे। खून उल्टियां होने का सीधा सा अर्थ है कि कैंसर की स्टेज दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
- कैंसर के दौरान कई बार उल्टियां अधिक गैस बनने, खट्टी डकारें आने या फिर पेट की गड़बडियों के कारण होती है तो कई बार अस्पताल में आने वाली दवाई की गंध के कारण भी आने लगती है। इसके अलावा बहुत लंबे समय तक खाली पेट रहने या फिर खाली पेट दवाई लेने से भी उल्टियां आने की शिकायत होती है।
- कई बार कैंसर के ट्रीटमेंट के दौरान भी उल्टियां होने लगती हैं। दरअसल, पेट के लिए, छोटी आंतों, कोलन और दिमाग के कुछ हिस्सों के लिए की जाने वाली बायोलोजिकल थेरपी, कुछ किस्म की कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी के कारण मितली और उल्टियां दोनों ही होने लगते हैं। ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि उपचार के दौरान आपके पाचनतंत्र की स्वस्थ कोशिकाएं को खासा नुकसान पहुंचता है।
कैंसर के मरीजों में उल्टियां रोकने के उपाय
- कैंसर के दौरान उल्टियों को घातक रूप ना ले लें इससे पहले ही उल्टियों को रोकने के उपायों को अपनाना चाहिए जिससे आपका पाचनतंत्र तो ठीक रहे ही साथ ही आपके कैंसर को बढ़ने से रोकने में भी मदद मिलें।
- जब तक आपको उल्टियां आती रहें तक तक कुछ ना खाएं। यानी उल्टियां बंद होने के बाद ही कुछ हल्का-फुल्का खाएं या पीएं।
- उल्टियां रूकने के बाद सबसे पहले थोड़ी-थोड़ी मात्रा में हल्का गुनगुना पानी पीएं। धीरे-धीरे पानी पीने के बाद यदि सबकुछ ठीकठाक है तभी अन्य तरल पदार्थों का सेवन करें लेकिन बहुत कम मात्रा में। ऐसे में आप ऐसे खाद्य पदार्थों को भी शामिल कर सकते हैं जिनमें तरलता अधिक हो और आपको पचाने में आसानी हो।
- जब आप थोड़ा अच्छा और स्वस्थ महसूस करने लगे तभी कुछ हल्के ठोस पदार्थों का सेवन करें। ऐसे में एक ऐसी आहार-तालिका बनांए जिसमें अधिक से अधिक तरल पदार्थ शामिल हो और ऐसे खाद्य पदार्थ हो जिनमें लिक्विड अधिक हो और उनको पचाने में आपको आसानी हो।
- इसके अतिरिक्त अपने डाक्टर से जरूर परामर्श लें यदि कैंसर को रोकने वाली एंटी बायोटिक्स दवाएं आपको सूट नहीं कर रही या फिर उसके कुछ नकारात्मक प्रभाव आप पर दिखाई पड़ रहे हैं।
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