अगर आपको बोलते समय गले में दर्द, बोलने में तनाव महसूस होना, आवाज का साफ न आना, बोलते समय गले में चुभन महसूस होना आदि लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो आपको वॉइस डिसऑर्डर हो सकता है। यह समस्याएं तब होती हैं जब आपके वॉकल कॉर्ड्स ठीक ढंग से कंपित (vibrate) नहीं हो पाते हैं। पारस अस्पताल में आंख, नाक, गला विशेषज्ञ डॉ. अमिताभ मलिक का कहना है कि वॉइस डिसऑर्डर्स किसी भी कारण हो सकते हैं। इनमें आवाज बैठ जाती है, पिच कम हो जाती है और आवाज बदल जाती है। आवाज में बदलाव किन कारणों से होते हैं, इसके बारे में पूरी जानकारी दी डॉक्टर अमिताभ मलिक ने।
वॉइस डिसऑर्डर्स के कारण (Causes Of Voice Disorders)
डॉक्टर अमिताभ का कहना है कि वॉइस डिसऑर्डर के बहुत सारे कारण हैं। उन्होंने निम्न कारण बताए हैं-
व्यावसायिक कारण
डॉक्टर अमिताभ का कहना है कि अगर आप ऐसे पेशों में कार्यरत हैं जहां आपको ज्यादा बोलना पड़ता है। तो आपको वॉइस डिसऑर्डर हो सकता है। उदाहरण के लिए अगर आप शिक्षक हैं, संगीतकार हैं, एंकर हैं या किसी भी ऐसे पेशें हैं जहां आपको ज्यादा बोलना पड़ता है तो यह परेशानी होने की संभावना होती है। ज्यादा बोलने की वजह से गले में सूजन भी आ जाती है। जिस कारण बोलते समय गले में दर्द होता है।
धूम्रपान
धूम्रपान किसी के लिए फैशन या कूल डूड बनने का स्टेट सिंबल हो सकती है, लेकिन धूम्रपान आपको कई स्तरों पर नुकसान पहुंचाता है। आपके दिमाग से लेकर हृदय तक के लिए धूम्रपान नुकसानदायक है। डॉक्टर अमिताभ का कहना है कि जब कोई व्यक्ति स्मोक करता है तो उसके वोकल कॉर्ड्स में कंजेशन होने लगता है जिसकी वजह से यह परेशानी होती है।
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स्वरतंत्रियों (Vocal Cords) का कैंसर
वॉइस डिसऑर्डर्स का एक कारण वोकल कॉर्ड्स में कैंसर भी है।
तंत्रिका संबंधी परेशानियां
कुछ मेडिकल कंडीशन उन तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती हैं, जो वोकल कॉर्ड्स को नियंत्रित करती हैं। कंठनली की नर्व्स किसी गंभीर चोट या सर्जरी से भी घायल हो सकती हैं। जिसकी वजह से आवाज में दिक्कत आ जाती है। या कहें कि वॉइड डिसऑर्ड देखने को मिलता है।
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अनावश्यक वृद्धि
गले में कुछ मामलों में वोकल कॉर्ड्स पर अतिरिक्त टिशुज बन सकते हैं। यह एक्सट्रा ग्रोथ स्वर तंत्रियों को सामान्य रूप से काम करने से रोकती है। जिस वजह से वॉइड डिसऑर्डर दिखता है। यह वृद्धि अल्सर और गांठ के रूप में हो सकती है। यह सभी कारण वॉइस डिसऑर्डर का कारण बनते हैं।
आवाज में बदलाव से बचाव और इलाज
डॉक्टर अमिताभ मलिक का कहना है कि वॉइस डिसऑर्डर्स का इलाज उनके कारणों की जांच करके होता है। बचाव से अगर फायदा नहीं मिल रहा है तो सर्जरी से इलाज किया जाता है। अगर गले का कैंसर है तो उसका इलाज अलग तरह से किया जाता है। डॉक्टर अमिताभ ने वॉइस डिसऑर्डर से बचने के निम्न उपाय बताएं हैं-
- अगर आप ऐसे काम में हैं जहां आपको ज्यादा बोलना पड़ता है, तो वहां कोशिश करें कि बोलते समय आवाज पर बहुत ज्यादा दबाव न डालें। साथ ही वॉइस मॉड्यूलेशन करें। कम बोलें और धीरे बोलें ताकि गले पर ज्यादा दबाव न पड़े।
- गले में समस्या होने पर भाप से फायदा मिलता है। डॉक्टर अमिताभ का कहना है कि स्टीम लेने से भाप गले तक जाती है और गले में आराम दिलाती है। जिसकी वजह से गले का दर्द आदि में आराम मिलता है।
- अगर एसिडिटी की समस्या है तो उसकी दवा लें। ताकि गले की दिक्कत कम हो जाए।
- अगर आप धूम्रपान करते हैं तो उसे छोड़ दें ताकि आपकी स्वर तंत्रियां स्वस्थ रहें।
- अगर गले में किसी तरह के नॉड्युल बन गए हैं या सूजन हो गई है तो आवाज को आराम दें। जितना जरूरी है उतना ही बोलें।
- वोकल हाइजीन को मेंटेन करें, इससे भी आराम मिलता है।
वॉइस डिसऑर्डर में बोलने में समस्या आने लगती है। यह परेशानी कई कारणों होती है। इससे बचने के लिए शुरूआती लक्षणों का इलाज करना जरूरी है।
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