जिम जाने का क्रेज लोगों में बढ़ गया है। बच्चे हो या व्यस्क हर वर्ग के लोग अपने आपको फिट रखने की चाहत में जिम में वर्कआउट करते दिख जाएंगे। वर्क आउट से वो शरीर को स्वस्थ बना सकते हैं। लेकिन जिम में कई ऐसी जगह हैं या फिर आपके गैजेट्स हैं जिसमें काफी गंदगी, कीटाणु, बैक्टीरया आदि से संक्रमण का खतरा रहता है।, जिससे लोग खुद को नहीं बचा पाते हैं और बीमार हो जाते हैं। जिम कितना भी साफ क्यों न दिखे लेकिन वहां कीटाणु जरूर होते हैं। लेकिन कुछ सावधानी बरतें तो इससे बचा जा सकता है। जिम जाने के फायदे बहुत अधिक हैं और वहां जाकर इंफेक्शन का खतरा बहुत कम है। जमशेदपुर टेल्को के जिम ट्रेनर समीर कुमार ने इसके बारे में विस्तार से बताया। वहीं वैसी जगहों के साथ कहां से इंफेक्शन फैल सकता है उसके बारे में जानकारी दी।
1. जिम का बाथरूम संक्रमण का है अड्डा
जिम करने के लिए सुबह से लेकर शाम तक लोगों की भीड़ लगी रहती है। दिनभर लोग एक्सरसाइज करते हैं। लाजमी हैं जब लोग जिम जाएंगे तो बाथरूम का इस्तेमाल करेंगे ही। ऐसे में यहां का बाथरूम काफी ज्यादा गंदा रहता है। ऐसे में एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि जिम के बाथरूम में जाने के बाद हाथ जरूर धोएं। वहीं वैसे लोग जो जिम जाते हैं व हाथों को नहीं धोते हैं वो दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं। क्योंकि वो उसी हाथ से वेट मशीन, डंबल छूते हैं, जिससे इंफेक्शन फैलता है।
2. लॉकर रूम-चेंजिंग रूम में फंगल इंफेक्शन का अधिक खतरा
जिम में फंगल इंफेक्शन का सबसे ज्यादा खतरा होता है। यह जिम के अंदर नम स्थानों जैसे लॉकर रूम, चेंजिंग में इंफेक्शन का ज्यादा खतरा होता है। इसलिए घर जाते साथ नहाएं। नहीं तो फंगल इंफेक्शन आपको हानि पहुंचा सकता है। अगर नहीं नहाएंगे तो इंफेक्शन जिम से सीधे आपके घर तक पहुंच सकता है। इसके कारण दाद-खाज, खुजली की बीमारी हो सकती है।
3. जिम के मैट्स
जिम के अंदर के मैट्स शायद ही कभी धुलते भी होंगे। ऐसे में उसका इस्तेमाल कर जो लोग वर्कआउट करते हैं उनको इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि इसलिए जरूरी है कि खुद का मैट्स लेकर जाएं। कई वर्कआउट करते समय मैट्स की आवश्यकता होती है। जिम के मैट्स का इस्तेमाल नहीं करें। क्योंकि इसे कई लोगों ने इस्तेमाल किया होता है। इससे ह्यूमन पैपिलोमा वायरस या एचपीवी वायरस आपके अंदर जा सकता है। हर्पीज सिम्पलेक्स का वायरस भी फैल सकता है। यह वायरस मैट्स में ज्यादा होते हैं, जो सांस के माध्यम से दूसरे में फैलते हैं।
4. दूसरे का तौलिया
जिम में कभी भी दूसरे का तौलिए का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हमेशा अलग तौलिया या रूमाल रखें। कुछ लोग बिना तौलिए और रूमाल के जिम जाते हैं। इससे हम खुद के साथ दूसरो को खतरे में डाल देते हैं। पसीना इधर-उधर फेंकने से दूसरों में कीटाणु या बैक्टीरिया फैल सकता है। इसलिए सिर्फ अपने ही तौलिए का इस्तेमाल करें व घर आकर उसे धोने के लिए डाल दें।
5. जिम का फ्लोर भी रहता है गंदा
शहर से सटे इलाकों व छोटे शहरों के जिम में अक्सर हम देखते हैं कि जिम में लोग बिना जूतों के वर्कआउट करते हैं। यह काफी नुकसानदायक है। बिना जूतों के जिम करने से पैर में लोहे के डंबल या मशीन से चोट लग सकती है और इससे इंफेक्शन भी फैल सकता है। इसलिए हमेशा जूतों को पहनकर ही जिम करना चाहिए।
6. वाटर डिस्पेंसर का न करें इस्तेमाल
जिम में दूसरे का पानी ना पीएं, आप खुद का बोतल जिम में लेकर जाएं तो कई बीमारी से बच सकते हैं। जिम में अक्सर को वर्कआउट करते करते थक जाते हैं, इसलिए वाटर डिस्पेंसर के सामने रखी ग्लास को बिना धोए उसमें पानी डालकर पी जाते हैं। यह गलत होता है। वहीं कई लोग पानी का बोतल नहीं ले जाते हैं, दूसरे के बोतल से पानी पीते हैं या जिम में रखा पानी पीते हैं। यह काफी खतरनाक होता है। इन सभी बोतल को दूसरे द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कीटाणु हो सकते हैं। इसलिए खुद की बोतल जिम ले जाएं। इससे किसी को पानी पीने भी न दें।
यहां रहता सबसे ज्यादा कीटाणु, इसे इस्तेमाल करने से पहले सावधानी बरते
- टॉवेल
- वाटर बोतल
- कार्डियो मशीन
- किसी मशीन की सीट
- फ्री वेट
- वेट मशीन
- एक्सरसाइज बॉल
- योगा मैट
- जिम बैग
- पूल
- लॉकर रूम
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इन कीटाणुओं का खतरा होता है
- रिंगवार्म
- कोल्ड एंड फ्लू
- स्टैफ
- एथलीट फुट
- हर्पिस
- हॉट टब रैश
- प्लेंटर वार्ट्स
- इमपेटिगो
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किटाणुओं से बचाव के लिए बरतें ये सावधानी
हाथ से आंख-मुंह को न छुएं
जिम में सेट मशीन और डंबल को हम हाथों से छूते हैं। इसमें काफी कीटाणु होते हैं। इसलिए हमें बिना हाथ धोएं आंख और नाक को नहीं छूना चाहिए। इससे हम बीमार पड़ सकते हैं। क्योंकि इन्हीं डंबल को कई लोगों ने छुआ होता है। ऐसे में आप इन इक्वीप्मेंट्स को छूने के बाद हाथों को धोएं।
जहां माश्चर वहां गंदे पांव न चलें
मॉश्चर युक्त जगह पर किटाणु रहते हैं। इसलिए यदि वहां पर नंगे पैर चलेंगे तो शरीर में किटाणुओं के जाने की संभावना रहती है। जिम करते समय ज्यादा क्लोज जाने से हर्पिस ग्लेडिएटोरम की बीमारी भी हो सकती है। पुराने समय में रेसलर में यह बीमारी ज्यादा देखने को मिलती थी। क्योंकि वह एक दूसरे क्लोज होकर लड़ते थे। इसलिए जिम करते समय ज्यादा क्लोज न जाएं।
छींकने खांसने वाले से दूरी बनाएं
आज कोरोना के समय कहीं हमें खांसते और छींकते हुए लोग दिखे तो उनसे दूरी बनाना चाहिए। जिम में भी अगर कोई अचानक छींकता है तो तुरंत से उससे दूरी बना लें या मास्क पहन कर जिम करें। जो छींक रहा तो उसे मुंह पर रूमाल रखने व मास्क पहनने की सलाह दें।
सैनेटाइजर का इस्तेमाल
हर सेट के बाद हाथों को सैनेटाइज करें, इससे इंफेक्शन से बचा जा सकता है। जिम इक्वीपमेंट का इस्तेमाल करने के पहले और बाद में हाथों को साफ करें या सैनेटाइज करें।
घर आकर जिम बैग के साथ किट को धोएं
महिला हो या पुरुष, दोनों ही जिम करते हैं तो घर आकर उन्हें अपने आउटफिट को धोना चाहिए। इसमें स्पोर्ट्स ड्रेस, मोजे, हैंड ग्ल्व्स, टॉवेल, जिम बैग सहित अन्य सामान हैं। आपकी कोशिश यही होनीा चाहिए कि आप ऐसे दो-दो सामान का सेट रखें ताकि एक सामान को धोएं तो दूसरे का इस्तेमाल अगले दिन के लिए कर सकें।
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