दिग्गज अभिनेता और नाटककार गिरीश कर्नाड (Girish Karnad) का सोमवार सुबह बेंगलुरु में निधन हो गया। लंबी बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती, 81 वर्षीय अभिनेता का इलाज चल रहा था। बताया जा रहा है कि उनका निधन मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर (कई अंग की विफलता) के कारण हुआ है। उनका अंतिम संस्कार आज बेंगलुरु के बप्पनहल्ली में कल्पल्ली के विद्युत शवदाह गृह में होगा।
गिरीश कर्नाड (Girish Karnad) के निधन पर अभिनेत्री श्रुति हासन ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "आपकी आत्मा को शांति मिले गिरीश कर्नाड सर। आपकी प्रतिभा हास्य और तेज बुद्धि को हमेशा याद रखेंगे"
फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने भी ट्वीट कर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि, "गिरीश कर्नाड जी के निधन की खबर से गहरा दुख हुआ। उन्हें थिएटर के व्यक्तित्व, फिल्म अभिनेता और निर्देशक के रूप में उनके काम के लिए याद किया जाएगा। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। #Omhanti।"
क्या है मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर
मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर की समस्या तब सामने आती है जब शरीर के दो से ज्यादा अंग काम करना बंद कर देते हैं। मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर को मल्टीपल ऑर्गन डिसफंक्शकन सिंड्रोम और मल्टीपल सिस्टम ऑर्गन फेलियर भी कहा जाता है। ये सिंड्रोम हेमेटोलॉजिकल सिस्टम, एंडोक्राइन सिस्टम या प्रतिरक्षा प्रणाली सहित शरीर विज्ञान प्रणाली को भी प्रभावित करता है। ये समस्या आमतौर पर लंबी बीमारी से ग्रसित होने पर या फिर अधिक उम्र में ये समस्या हो सकती है।
गिरीश कर्नाड का फिल्मी सफर
उन्होंने 1970 में कन्नड़ फिल्म 'संस्कार' में अपने अभिनय की शुरुआत की। उन्होंने मंथन (1976), पुकार (2000), इकबाल (2005), डोर (2006), एक था टाइगर (2012) और टाइगर ज़िंदा है (2017) जैसी हिंदी फिल्मों में भी काम किया। गिरीश कर्नाड, एक प्रसिद्ध नाटककार थे, ने मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय फिल्मों में तमिल, तेलुगु और कन्नड़ में अभिनय किया था।
उन्हें ज्यादातर फिल्मों में नकारात्मक किरदार निभाने के लिए चुना गया और उन्होंने बहुत से कलाकारों के साथ अभिनय किया। उन्हें आखिरी बार 2018 में कन्नड़ फिल्म नेनिलाडा मेल में देखा गया था।
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