
बाढ़ और भूस्खलन के बाद मची तबाही के बाद उत्तराखण्ड के सामने अब एक नयी परेशानी मुंह बाहे खड़ी है। तबाही के बाद मलबे में दबे शवों के कारण राज्य में महामारी फैलने की आशंका जतायी जा रही है। डर है कि इन शवों के सड़ने से हैजा और अन्य कई बीमारियां फैल सकती हैं।
अभी तक प्राप्त खबरों के अनुसार राज्य में इस आपदा के बाद से अभी तक तीन हजार लोग लापता हैं। वहीं कम से कम एक हजार लोगों के मारे जाने की भी खबर है। उधर पहाड़ों पर शवों से सड़ने से महामारी फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। सैनिकों और आपदा से निकलकर आए लोगों में अतिसार, तेज बुखार तथा उलटियों आदि की समस्या देखी गयी है। ऐसे में सरकार के सामने महामारी को रोकने का बड़ा संकट अभी भी खड़ा हुआ है।
बड़ी संख्या में जीव-जंतु भी मरे हैं जिनमें सबसे अधिक संख्या चूहों एवं गिलहरियों की है जिससे डायरिया, वायरल फीवर, निमोनिया, फेफड़ों के संक्रमण के साथ साथ प्लेग के फैलने का खतरा है।
स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली व अन्य शहरों से भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उत्तराखण्ड भेजी गयी हैं। इसके साथ ही कई संगठनों की मदद से शवों का सामूहिक अंतिम संस्कार भी किया जा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की समस्या को फैलने से रोका जा सके।
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