
प्रेग्नेंसी में हर महिला के लिए एक सुखद अहसास होता है। इस समय महिला के शरीर में कई तरह बदलाव होते हैं। जिसके लिए उन्हें मानसिक और शारीरिक दोनों ही तरह से तैयार रहना होता है। गर्भावस्था के प्रारंभिक दौर में अधिकतर महिलाओं को पेट में दर्द, मरोड़ व ऐंठन की समस्या होती है। जबकि कुछ महिलाओं को गर्भाशय में, पेट के निचले हिस्स, पेल्विक एरिया व पीठ में दर्द महसूस हो सकता है। इस तरह का दर्द काफी हद तक मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द के समान होता है। प्रेग्नेंसी के प्रारंभिक महीनों में गर्भाशय का दर्द कई कारणों की वजह से हो सकता है। इस लेख में आपको इस दौरान होने वाले दर्द के कुछ मुख्य कारणों को विस्तार से बताया गया है। इस विषय पर हमने मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल पहाड़गंज की स्त्री रोग विभाग की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. परिणिता कलीता से बात कि जिन्होंने प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में गर्भाशय में दर्द होने के कुछ कारणों को विस्तार से बताया।
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में गर्भाशय में दर्द के कारण - Causes Of Uterus Pain In Pregnancy first trimester In Hindi
गर्भाशय का स्ट्रेच होना
प्रेग्नेंसी के पहले सप्ताह में महिलाओं को कुछ खास लक्षण महसूस नहीं होते हैं। लेकिन 12 सप्ताह तक महिलाओं के गर्भाशय का आकार बेहद धीमी गति से बढ़ना शुरु कर देता हैं। कई बार दो या दो से अधिक बच्चे होने पर महिलाओं का गर्भाशय स्ट्रेच होने लगता है। गर्भाशय में स्ट्रेच की वजह से महिलाओं को गर्भाशय के निचले हिस्से में ऐंठन व दर्द महसूस हो सकता है। लेकिन इस समय आपको घबराना नहीं है, ये प्रेगनेंसी का एक चरण है।
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गैस या कब्ज होना
प्रेग्नेंसी के पहले महिनों में महिलाओं को गैस व कब्ज होना एक आम बात है। दरअसल प्रेगनेंसी के समय शरीर का हार्मोन का स्तर बढ़ तेजी से बढ़ता है, जिसकी वजह से पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। इसकी वजह से महिलाओं को गर्भाशय में दबाव महसूस होता है। ऐसे में महिलाओं को कब्ज आदि की समस्या भी महसूस हो सकती है। ऐसे में महिलाओं को अपनी डाइट में बदलाव करना चाहिए और डाइट में आसानी से पचने वाले आहारों को शामिल करना चाहिए।
एटोपिक प्रेग्नेंसी
एटोपिक प्रेग्नेंसी में एक फर्टाइल एग गर्भाशय के बाहर किसी अन्य स्थान पर जुड़ जाता है। आमतौर पर इसके फैलोपियन ट्यूब की संभावना अधिक होती है। इस समस्या में महिला को पेट में तेज दर्द महसूस हो सकता है। इसमें कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं, जिनको आगे बताया गया है।
- योनि से रक्तस्राव होना,
- कमजोरी, चक्कर आना या बेहोशी होना,
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल या पेट की परेशानी,
- एक्टोपिक प्रेग्नेंसी एक मेडिकल इमरजेंसी है। इसके लक्षण महसूस होने पर महिला को बिना देरी किए अपनी डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए।
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गर्भावस्था में महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि आपको इस समय किसी भी समस्या में दर्द अधिक हो तो ऐसे में डॉक्टर से तुंरत सलाह लेनी चाहिए।