Side Effects Of Over Fermented Idli Dosa Batter: भारत के दक्षिण क्षेत्र में इडली व डोसा का सेवन अधिक मात्रा में किया जाता है। इसमें कई पौष्टिक गुण होते हैं, जिसकी वजह से इडली डोसे को आज पूरे भारत में पंसद किया जाने लगा है। इसे बनाने की एक खास प्रक्रिया है, जिसमें दाल और चावल को पीसकर बैटर बनाया जाता है। इस बैटर को फर्मेंट किया जाता है, वैसे तो यह रेसिपी पाचन के लिए बेहतर होती है। लेकिन, कई बार इसको ज्यादा फरमेंट करना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अगर, आप भी डोसे का बैटर लंबे समय तक फरमेंट करते हैं, तो ऐसा न करें। न्यूट्रिशनिस्ट ऋपसी सिंह से जानते हैं कि डोसा और इडली के बैटर को ज्यादा फरमेंट करने से क्या परेशानी होती है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
इडली डोसा के बैटर को ज्यादा फरमेंटेशन करने के नुकसान - Side Effects Of Over Fermented Idli Dosa Batter In Hindi
जर्नल ऑफ फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी की एक स्टडी के मुताबिक उड़द दाल और चावल से बने डोसा के बैटर को यदि कम से कम सात घंटों से ज्यादा फर्मेंट किया जाए तो इससे विटामिन बी की मात्रा पर बेहतर प्रभाव होता है। लेकिन, अगर इसको ज्यादा फर्मेंट करते हैं तो इससे सेहत को नुकसान हो सकते हैं।
पाचन संबंधी परेशानी
जिन चीजों को ज्यादा फरमेंट किया जाता है, उनसे आपोक पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। खाने से पाचन संबंधी परेशानी हो सकती है। बैटर में खटास की वजह से पाचन संबंधी समस्या हो सकती है।
गैस बनना
निर्धारित समय से ज्यादा देर तक फरमेंट किए डोसा बैटर से आपको गैस हो सकती है। लंबे समय तक फरमेंट प्रक्रिया से गैस पैदा करने वाले बैक्टीरिया की अधिकता हो जाती है। इसके चलते डोसा खाने के बाद सूजन, बेचैनी और पेट फूलने की समस्या हो सकती है। गैस बनने से पेट में खिंचाव हो सकता है, जिससे दर्द और परेशानी हो सकती है।
दस्त होना
ज्यादा फरमेंट किए गए बैटर से डोसा बनाने से यह लैक्सेटिक की तरह कार्य करता है। जिससे पेट में एसिड, गैस और जलन हो सकती है। साथ ही आपक मल पतला हो सकता है। इसके अलावा, कुछ लोगों को दस्त की समस्या भी हो सकती है।
पोषक तत्वों की कमी होना
डोसे के लिए तैयार बैटर को लंबे समय तक फरमेंट किया जाए तो इससे उसमें मौजूद पोषक तत्व कम हो सकते हैं। साथ ही इससे आपको फायदे की जगह नुकसान हो सकता है।
ज्यादा फरमेंट डोसा बैटर से कैसे बचाव करें? - How To Fix Over Fermented Dosa Batter In Hindi
- तापमान नियंत्रण: फरमेंट प्रक्रिया को नियंत्रित करने के लिए अपने बैटर को गर्म स्थान पर रखें, लेकिन अत्यधिक गर्म जगह पर ना रखें।
- समय: आमतौर पर 6-8 घंटे तक फर्मेंट करना सबसे अच्छा होता है, लेकिन यह तापमान और ह्यूमिडिटी जैसे कारकों के आधार पर अलग-अलग हो सकता है।
- टेस्ट चेक करें: फर्मेंटेशन के दौरान नियमित रूप से बैटर का स्वाद चखें। जब यह ज्यादा खट्टा होने लगे तो इसका इ्स्तेमाल न करें।
- ताजी सामग्री का उपयोग करें: आपकी सामग्री की गुणवत्ता मायने रखती है। ताजी उड़द की दाल और चावल से बेहतर परिणाम मिलेंगे।
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फरमेंट करने की एक निश्चित प्रक्रिया होती है। इसे समझने के बाद ही डोसा व इडली का बैटर तैयार करें। यदि आपको किसी तरह की फूड एलर्जी है तो डोसा या इडली खाने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।