Types of Brain Hemorrhages in Hindi: ब्रेन हेमरेज एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है, जिसका तुरंत इलाज की जरूरत पड़ती है। इस स्थिति में व्यक्ति को सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है। इसमें व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इसमें ब्रेन के अंदर रक्तस्त्राव होने लगता है। ब्रेन हेमरेज तब होता है, जब सिर के अंदर की नस फटने की वजह से खून बहने लगता है। इस स्थिति को मेडिकल टर्म में इंट्राक्रैनियल हेमरेज भी कहा जाता है। शरीर का एक हिस्सा सुन्न पड़ना, खाने-पीने में कठिनाई होना, आंखों की रोशनी कमजोर होना, सिरदर्द होना इसके लक्षण हो सकते हैं। ब्रेन हेमरेज कई प्रकार के होते हैं। आइए, मेडिकवर हॉस्पिटल, पुणे के न्यूरोसर्जन डॉ. निनंद पाटिल से जानते हैं ब्रेन हेमरेज के प्रकार-
ब्रेन हेमरेज कितने प्रकार के होते हैं? - Types of Brain Hemorrhages in Hindi
1. इंट्रासेरेब्रल रक्तस्त्राव- Intracerebral Hemorrhage
इंट्रासेरेब्रल रक्तस्राव तब होता है, जब मस्तिष्क के अंदर रक्तस्राव होता है। यह रक्त वाहिका के टूटने के कारण होता है। यह ब्रेन हेमरेज का सबसे आम प्रकार है। यह स्ट्रोक के साथ हो सकता है। आपको बता दें कि यह मस्तिष्क की कार्यप्रणाली से जुड़ी एक समस्या है। सिरदर्द, जी मिचलाना, बोलने में कठिनाई, कमजोरी और हाई ब्लड प्रेशर इंट्रासेरेब्रल रक्तस्त्राव के लक्षण हो सकते हैं।
इसे भी पढ़ें- Brain Bleeding क्या है? जिसके चलते सद्गुरु जग्गी वासुदेव को करानी पड़ी सर्जरी, जानें इसके लक्षण और कारण
2. सबराचोनोइड रक्तस्राव- Subarachnoid Hemorrhage
सबराचोनोइड रक्तस्राव तब होता है, जब मस्तिष्क और ढकने वाले पतले ऊतकों के बीच रक्तस्त्राव होता है। जब मस्तिष्क में प्रमुख रक्त वाहिका टूटती है, तो उसकी वजह से सबराचोनोइड रक्तस्त्राव हो सकता है। इस रक्तस्त्राव में अचानक और तेज सिरदर्द हो सकता है। इतना ही नहीं, सबराचोनोइड रक्तस्त्राव की वजह से उल्टी भी आ सकती है।
3. सबड्यूरल रक्तस्त्राव
सबड्यूरल रक्तस्त्राव तब होता है, जब मस्तिष्क और उसकी सबसे बाहरी परत ड्यूरा मेटर के बीच में रक्तस्त्राव होता है। यानी इस स्थिति में मस्तिष्क की सतह पर खून जमा हो जाता है। यह रक्तस्त्राव कार एक्सीडेंट की वजह से हो सकता है। इसके अलावा, अधिक उम्र या बुजुर्गों में इस प्रकार का ब्रेन हेमरेज के मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। जो लोग शराब का अधिक सेवन करते हैं, उनमें भी सबड्यूरल रक्तस्त्राव के मामले अधिक आम है।
इसे भी पढ़ें- युवाओं में स्ट्रोक के खतरे को कम करने में मदद करती हैं ये आदतें, जरूर अपनाएं
4. एपीड्यूरल रक्तस्त्राव
जब ड्यूरा मेटर और खोपड़ी के बीच से रक्तस्त्राव होता है, तो इसे एपीड्यूरल रक्तस्त्राव के रूप में जाना जाता है। यह आमतौर पर सिर पर चोट लगने की वजह से होता है। एपीड्यूरल रक्तस्त्राव होने पर व्यक्ति कुछ समय के लिए बेहोश रह सकता है। हालांकि, फिर होश में आ जाता है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं होती है। अगर आपको सिर पर चोट लगती है, तो इसे नजरअंदाज न करें। इस स्थिति में भी डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें। एपीड्यूरल रक्तस्त्राव के कुछ मामलों में सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।